भोपाल । राज्य सरकार अपात्र किसानों को भी ब्याज माफी का लाभ देने जा रही है। ऐसे किसानों को फिर से न सिर्फ अल्पावधि कृषि ऋण मिलने लगेगा, बल्कि वे खाद-बीज भी समितियों से ले सकेंगे। इसके लिए सहकारिता विभाग ने समाधान योजना का प्रस्ताव बनाकर कृषि विभाग को भेज दिया है। इसमें 31 मार्च 2018 के पहले के अपात्र किसानों को शामिल किया जाएगा। मूलधन चुकाने पर ही ब्याज माफी की पात्रता होगी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, प्रदेश में प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों से ऋण लेकर समय पर नहीं चुकाने वाले अपात्र किसानों को अब सरकार ब्याज माफी देने जा रही है। मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस एक नवंबर से योजना लागू की जा सकती है। 2018 के विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने सत्ता में आने पर किसानों को दो लाख रुपये की ऋण माफी देने की घोषणा की थी। मुख्यमंत्री बनने पर कमल नाथ ने योजना को लागू किया। इसका दूसरा चरण प्रारंभ हो पाता, इसके पहले मार्च 2020 में अल्पमत में आने के कारण कमल नाथ को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा। इसके बाद यह योजना ठंडे बस्ते में चली गई और जिन किसानों ने ऋण माफी की आस में अपना बकाया नहीं चुकाया था, वे अपात्र हो गए। अब इन्हें न तो सहकारी समितियों से अल्पावधि कृषि ऋण मिल रहा है और न ही खाद-बीज। इससे कम जोत वाले किसान ज्यादा परेशान हैं, क्योंकि इन्हें शिवराज सरकार की ब्याज रहित कृषि ऋण और खाद के अग्रिम भंडारण संबंधी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि किसानों के ऊपर पांच हजार 200 करोड़ रुपये का ऋण है। सरकार ने योजना के लिए अनुपूरक बजट में 350 करोड़ रुपये का प्रविधान किया है।किसानों की समस्या को देखते हुए मुख्यमंत्री ने ब्याज माफी देने की घोषणा की थी। सहकारिता विभाग ने ब्याज माफी के लिए समाधान योजना का प्रस्ताव भी तैयार करके कृषि विभाग को भेज दिया है।