इंदौर देव दीपावली कार्तिक पूर्णिमा पर मंगलवार को वर्ष का अंतिम चंद्र ग्रहण रहेगा। इसके चलते दिनभर मंदिरों के पट दर्शन-पूजन के लिए बंद रहेंगे। शाम को ग्रहण समाप्त होने के बाद मंदिरों में शुद्धिकरण की प्रक्रिया होगी। इसके बाद देव दीपावली का उल्लास छाएगा और दीप सज्जा की जाएगी। इंदौर के लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में 10 हजार दीपों से सज्जा होगी और रंगारंग आतिशबाजी की जाएगी। खजराना गणेश मंदिर के मुख्य पुजारी अशोक भट्ट ने बताया कि ग्रहण के चलते मंदिर 8 नवंबर को 13 घंटे बंद रहेगा। इस अवधि में अन्नक्षेत्र और प्रसाद की दुकानें भी बंद रहेंगी। ग्रहण का सूतक काल सुबह 6.39 बजे शुरू होगा और समाप्ति शाम 6.19 बजे होगी। ग्रहण के दौरान भगवान का अभिषेक, पूजन, भोग, आरती और स्पर्श करना निषेध है। इस दौरान मंत्र जाप करना लाभकारी माना गया है। ज्योतिर्विद् कान्हा जोशी के मुताबिक, ग्रहण का स्पर्श दोपहर 2.43 होगा। इंदौर में ग्रहण शाम 5.43 से 6.19 तक रहेगा।
रात 9 बजे खुलेंगे पट, होगा दीपदान
लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग में रात 9 बजे मंदिर के पट भक्तों के दर्शन के लिए खुलेंगे। इससे पहले रात 8 बजे से 10 हजार दीपों की सज्जा की शुरुआत होगी। इसके साथ ही रंगारंग आतिशबाजी की जाएगी। नागोरिया पीठाधीश्वर स्वामीजी विष्णुप्रपन्नाचार्य महाराज ने बताया कि देव दीपावली के दिन दीपदान का विशेष महत्व है। इस दिन देवता धरती पर दीपावली मनाने आते हैं। इस वर्ष चंद्र ग्रहण समाप्त होने के बाद देवस्थान को पानी से धोया जाएगा। साथ ही एकांत में भगवान का महाभिषेक और भगवान के सभी विग्रह को भी स्नान कराया जाएगा। तत्पश्चात प्रभु का श्रृंगार कर भोग लगाकर रात 9 बजे पट खोलकर महाआरती की जाएगी।
अहिल्यामाता गोशाला में विशेष प्रबंध
केशरबाग रोड स्थित अहिल्या माता गोशाला पर चंद्र ग्रहण को देखते हुए शाम 7 बजे से दीपदान, गोपूजन एवं गोसेवा के विशेष प्रबंध किए गए हैं। गोशाला प्रबंध समिति के अध्यक्ष रवि सेठी ने बताया कि चंद्र ग्रहण के समापन के बाद स्नान आदि से निवृत्त होकर कार्तिक पूर्णिमा का दीपदान होगा। गोमाता के पवित्र गोबर के दीपक, शुद्ध तेल, बाती, एवं पूजन सामग्री सहित विद्वान पंडित यहां आम गोभक्तों के लिए निश्शुल्क उपलब्ध रहेंगे। भजन संध्या भी होगी।