इंदौर : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में चिकित्सा के क्षेत्र में नई पहल हुई है, जिसके चलते अब नर्मदा नदी (Narmada River) में रिवर एम्बुलेंस चलाई जाएगी. नदी में चलने वाली इस एम्बुलेंस (Ambulance) में शुरूआती इलाज की सभी दवाएं उपलब्ध रहेंगी. इस एम्बुलेंस के जरिए धार अलीराजपुर और बड़वानी जिले में नदी के किनारे बसे लोगों को सेवाएं मिलेंगी. क्या है इसकी खासियत जानते हैं.
इस संस्था द्वारा संचालित होगी एम्बुलेंस
यह एम्बुलेंस सेवा नर्मदा समग्र संस्था द्वारा संचालित की जाएगी. दुर्गम पहाड़ी क्षेत्र की आदिवासी जनजाति आबादी को इमरजेंसी में स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके. यह एम्बुलेंस बुधवार, गुरुवार को धार जिले के तटों पर रहेगी. जबकि शुक्रवार को आलीराजपुर जिले में तो रविवार को सरदार सरोवर के बैक वाटर के गांवों में यह रिवर एंबुलेंस चलाई जाएगी. बताया जा रहा है कि इस एम्बुलेंस में प्राथमिक उपचार, 10 ऑक्सीजन सिलेंडर, किट और जरूरी दवाएं हमेशा उपलब्ध रहेंगी.
डाक्टर रहेंगे मौजूद
इस एम्बुलेंस की सबसे खास बात यह है कि इसमें हर वक्त डाक्टर मौजूद रहेंगे. यह एम्बुलेंस 20 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाई जाएगी. बहुत से लोग नदी के तलहटी पर बसें हैं कहा जा रहा है कि सड़क मार्ग से उनके लिए अस्पताल जाने में देरी होती है जिसे देखते हुए इस एम्बुलेंस का संचालन किया जा रहा है.
क्या बोले उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह
एम्बुलेंस के उद्धाटन असवर पर पहुंचे उद्योग मंत्री राज्यवर्धन सिंह दत्तीगांव ने कहा कि संस्था साधुवाद के पात्र हैं. जिन्होंने इतना पुनीत काम किया है. अब पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को इमरजेंसी में वाटर एंबुलेंस की सुविधा मिली है. जिससे पहाड़ी क्षेत्र के लोग आसानी से बिना देर किए पानी के माध्यम से भी जल्द अस्पताल तक पहुंच पाएंगे. बता दें कि नर्मदा समग्र संस्था लगातार आदिवासियों के हितों में काम कर रही है.
मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तीगांव ने बताया कि इस तरह के नवाचार स्वास्थ्य व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जरूरी हैं. एम्बुलेंस नदी के मार्ग से गांवों तक पहुंचेगी. इसका संचालन सप्ताह में पांच दिन किया जाएगा. जहां सड़क मार्ग से ऐसे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य व्यवस्था उपलब्ध होने में समय लगता था, उसको भी सुलभ बनाने का प्रयास किया जा रहा है. खास कर ऐसे गांवों की गर्भवती महिलाओं के लिए यह एंबुलेंस बहुत उपयोगी साबित होगी. अब उन्हें समय से स्वास्थ्य केंद्रों में भर्ती कराया जा सकेगा. अभी तक सड़क मार्ग से चलने वाली एंबुलेंस समय से नहीं पहुंच पाती थी.