भोपाल। मध्य प्रदेश में आउटसोर्स और अस्थाई कर्मचारियों के नियमितीकरण आंदोलन ने नया मोड़ ले लिया है। रविवार को कामगार क्रांति आंदोलन के दौरान नेताओं की गिरफ्तारी से नाराज आंदोलित कर्मचारियों ने 15 अप्रैल को जिला स्तर पर रैलियां निकालने और 1 मई को संभाग स्तर पर धरना-प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। गिरफ्तार नेताओं को पुलिस ने देर रात रिहा किया। उधर, इस गिरफ्तारी के विरोध में महिलाकर्मी रात 11 बजे तक धरना स्थल पर बैठी रहीं।
कर्मचारी नेताओं का कहना है कि नौकरी में आउटसोर्स और अस्थाई प्रथा का अंत कराया जाएगा। साथ ही अंशकालीन और पंचायत चौकीदारों को न्यूनतम वेतन दिलाने की लड़ाई जारी रहेगी। आउटसोर्स, अस्थाई कर्मचारी मोर्चा मप्र के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि भोपाल पहुंचकर हक और अधिकार की बात करना भी अब अपराध हो गया है। वे कहते हैं कि पहले तो आंदोलन की अनुमति ही नहीं मिलती, जिससे लगता है राजधानी सिर्फ नेताओं, विधायकों, मंत्रियों के लिए ही है, यहां पीडि़त, प्रताडि़त, वंचित लोग अपनी बात नहीं कर सकते और यदि करने की कोशिश करते हैं तो गिरफ्तार कर लिया जाता है जैसा आज किया गया। शर्मा ने कहा कि सरकार के इस रवैये के खिलाफ संघर्ष जारी रखने की जरूरत है, हम लोग नौकरी में लागू आउटसोर्स अस्थाई प्रथा का अंत कराने एवं नियमितीकरण के लिए संघर्ष करेंगे। जिसके तहत 15 अप्रैल को जिलों में रैलियां और ज्ञापन दिए जाएंगे। 1 मई को संभागीय स्तर पर धरना प्रदर्शन करेंगे। हम फिर भोपाल में क्रांति आंदोलन करेंगे और सरकार से कहेंगे कि हम लोग चुप बैठकर अन्याय सहने को तैयार नहीं हैं।
नियमितीकरण के लिए 15 अप्रैल को निकालेंगे जिला स्तर पर रैलियां
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