अनोखी पहल : देश में गरीब परिवारों के बच्चे आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने या किन्ही दूसरी समस्याओं के कारण स्कूल छोड़ देते हैं। ऐसे ही स्कूल छोड़ चुके बच्चों की पढ़ाई शुरू करने के लिए नर्मदापुरम प्रशासन ने अनोखी पहल की है। कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी गुरकरन सिंह ने जिन बच्चों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उनके परिवार से मिलने खुद घर-घर पहुंच रहे है। बच्चों और उनके माता-पिता को शिक्षा का महत्व समझाया।
अधिकारियों ने पढ़ाई छोड़ चुके या कभी स्कूल नहीं गए 8 बच्चों का शासकीय हाई स्कूल ग्वालटोली में दाखिला करवाया है। इससे बच्चों के चेहरे खिल उठे और उनके माता-पिता ने अधिकारियों को धन्यवाद दिया। बाल मजदूरी को रोकने और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत कलेक्टर नीरज सिंह और एसपी गुरकरन सिंह ने 8 बच्चों का स्कूल में खुद दाखिला करवाया है।
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिला प्रशासन ने बाल श्रम से जुड़ी संस्थाओं के सर्वे के आधार पर बच्चों को स्कूली शिक्षा दिलाने के लिए अभियान शुरू किया है। दरअसल सर्वे में जानकारी मिली कि बंगाली कॉलोनी के सरदारपुरा वार्ड में ऐसे सबसे ज्यादा बच्चे हैं जो स्कूल में दाखिला नहीं ले रहे। कलेक्टर और एसपी नर्मदापुरम की बंगाली कॉलोनी के सरदारपुरा वार्ड पहुंचे। यहां अधिकारियों ने वार्ड की गलियों में घूम-घूम कर स्कूल छोड़ चुके या एडमिशन नहीं लेने वाले बच्चों से बातचीत की। उनके परिवार से चर्चा कर शिक्षा के महत्व के बारे में बताया और बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया।
बंगाली कॉलोनी के सरदारपुरा वार्ड में अधिकारियों ने 8 बच्चों को चिन्हित किया था। उन बच्चों का शासकीय हाई स्कूल ग्वालटोली ले जाकर अपने हाथों से दाखिला करवाया। इस दौरान अमृत सिंह, गौरी कौर, रज्जी कौर, कुणाल सिंह, गुलबंत, दानिश अली, जफर शेख और दया जोशी का स्कूल में एडमिशन करवाया। कलेक्टर और एसपी की इस पहल कि इलाके के लोगों ने बेहद सराहना की।