उज्जैन: प्रयागराज कुम्भ के सफल आयोजन के बाद अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रविंद्र पुरी महाराज बीते दो दिनों से उज्जैन प्रवास पर हैं. इस दौरान उन्होंने मध्य प्रदेश के बजट, उज्जैन कुम्भ की तैयारियों और सनातन संस्कृति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा, आगामी 2028 के सिंहस्थ में दिव्य, भव्य और अलौकिक नगरी के रूप में उज्जैन को विकसित करना है. उन्होंने उज्जैन कुंभ में स्नान पर्व के दौरान यूट्यूबर्स पर प्रतिबंध लगाने की बात कही.
सिंहस्थ के लिए उज्जैन को भव्य स्वरूप देने की योजना
रविंद्र पुरी महाराज ने कहा कि, ''उज्जैन को दिव्य, भव्य और अलौकिक नगरी के रूप में विकसित करना है, क्योंकि इस बार 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है. शहर में सड़क विस्तार और अन्य विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन अभी भी कई कार्य शेष हैं.'' उन्होंने अधिकारियों से चर्चा कर अधूरे प्रोजेक्ट को जल्द पूरा करने की बात भी कही.
स्नान पर्व पर यूट्यूबर्स को प्रतिबंधित करने की मांग
रविंद्र पुरी महाराज ने प्रयागराज कुंभ के अनुभवों को साझा करते हुए उज्जैन कुंभ में स्नान पर्व के दौरान यूट्यूबर्स पर प्रतिबंध लगाने की बात कही. उनका कहना है कि, ''कुछ लोग सनातन धर्म को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं, इसलिए ऐसे लोगों को शिप्रा नदी के घाटों से दूर रखा जाएगा. ताकि कुंभ का माहौल पवित्र और भक्तिमय बना रहे.'' बता दें कि प्रयागराज महाकुंभ में महिलाओं के स्नान व कपड़े बदलने के दौरान चोरी-छिपे तस्वीरें व वीडियो बनाए गए थे. जिसको लेकर साधू संतों में रोष है. इसी के चलते उन्होंने यूट्यूबर्स पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है.
होली-नमाज विवाद पर भी दी प्रतिक्रिया
होली और नमाज के समय को लेकर चल रही बहस पर भी रविंद्र पुरी महाराज ने स्पष्ट बयान दिया. उन्होंने कहा कि, ''होली अपने निर्धारित समय पर ही होगी और यदि आवश्यक हुआ तो नमाज के समय में बदलाव किया जा सकता है.'' उन्होंने कहा, "हमारे मुस्लिम भाई भी इस बात को समझते हैं और वे किसी विरोध में नहीं हैं. लेकिन होली साल में केवल एक बार आती है, और यह हमारे लिए एक बड़े उत्सव का समय होता है. इस विषय को बेवजह तूल नहीं देना चाहिए."
उज्जैन के विकास के लिए 2000 करोड़ का बजट
मध्य प्रदेश सरकार ने उज्जैन के विकास के लिए 2000 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है. इस राशि से सड़कों के जाल, आधुनिक बुनियादी ढांचे और अन्य आवश्यक सुविधाओं का निर्माण किया जाएगा, जिससे आने वाले कुंभ में श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो. अखाड़ा परिषद अध्यक्ष ने कहा कि उज्जैन कुंभ को आध्यात्मिकता, भव्यता और दिव्यता से भरपूर बनाया जाएगा, ताकि यह आयोजन विश्वभर के श्रद्धालुओं के लिए एक अनुभूति का केंद्र बने.