नीतीश के ‘राइट हैंड’ ने छोड़ा साथ! एस सिद्धार्थ के इस्तीफे से बिहार की राजनीति में अटकलें तेज

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बिहार में कुछ महीनों के भीतर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. इन चुनावों से पहले राजनीतिक सरगर्मी तेज है. कई नेताओं का दल बदल का दौर भी जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. ऐसा माना जा रहा है कि वे आने वाला विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

चर्चित आईएएस अफसर, डॉ. एस सिद्धार्थ ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. एस सिद्धार्थ ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना यानि VRS के लिए आवेदन दिया है. बताया जाता है कि उन्होंने 17 जुलाई को ही अपना वीआरएस आवेदन सरकार को सौंप दिया है, बता दें कि एस. सिद्धार्थ 30 नवंबर 2025 को सेवानिवृत्त होने वाले हैं. इससे पहले ही उन्होंने VRS लेने का आवेदन दिया है.

दो आईएएस अधिकारियों ने लिया VRS

एस. सिद्धार्थ 1991 बैच के आईएएस अधिकारी हैं और एक प्रशिक्षित पायलट भी हैं. एस सिद्धार्थ के इस्तीफे के साथ ही उनके चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गई हैं. बताया जा रहा है कि वे JDU के टिकट पर नवादा से आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं. हाल ही में उन्होंने नवादा का दौरा भी किया था. ऐसे में उनके विधानसभा चुनाव लड़ने की अटकलें तेज हो गईं हैं. इसके कुछ ही दिन पहले मुख्यमंत्री के करीबी IAS अधिकारी दिनेश राय भी VRS के चुके हैं. उनके भी चुनाव लड़ने की चर्चा है.

कौन हैं IAS एस. सिद्धार्थ?

IAS एस. सिद्धार्थ के वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. यही कारण है कि वे चर्चाओं में बने रहते हैं. एस सिद्धार्थ का जन्म तमिलनाडु में हुआ था. वे IIT दिल्ली से भी पढ़ाई कर चुके हैं. एस सिद्धार्थ 1991 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं.

उन्होंने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, दिल्ली (1987) से कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया था और भारतीय प्रबंधन संस्थान, अहमदाबाद (1989) से MBA किया है. वे वर्तमान में बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर थे. डॉ. सिद्धार्थ एक प्रशिक्षु पायलट , पेशेवर वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर , एक पेंटर और एक कार्टूनिस्ट भी हैं.

कब होने हैं बिहार में विधानसभा चुनाव?

बिहार की मौजूदा सरकार का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है. ऐसे में माना जा रहा है कि इससे पहले ही चुनाव आयोग चुनाव की प्रक्रिया को पूरा कराएगा. माना जा रहा है कि अक्टूबर में चुनाव हो सकते हैं. यही कारण है कि तमाम राजनीतिक दल अभी से अपनी तैयारी में जुट गए हैं.