उत्तर प्रदेश के सीतापुर के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) की कोर्ट ने बीएनएस की धारा 69 के तहत दर्ज एक मामले में कांग्रेस सांसद राकेश राठौर को जमानत दे दी, जिसके बाद वह बुधवार सुबह जेल से बाहर आ गए. जेल से बाहर आने के बाद उन्होंने मांग की कि अगर उन्होंने कुछ गलत किया है तो उन्हे सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए.
कांग्रेस सांसद राकेश राठौर ने कहा, ‘अगर मैंने कुछ गलत किया है, तो मैं अपने लिए कड़ी से कड़ी सजा की मांग करता हूं. यह मेरे लिए प्रायश्चित का समय था. जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा. मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता था. मुझे पार्टी से पूरा समर्थन मिला है.’
कांग्रेस सांसद पर बीएनएस की धारा 64 और 69 के तहत रेप का आरोप है. धारा 64 रेप के लिए सजा से संबंधित है, जबकि धारा 69 धोखे से यौन संबंध बनाने से संबंधित है. हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कांग्रेस सांसद को बीएनएस की धारा 64 के तहत दर्ज रेप के मामले में 11 मार्च को जमानत दे दी थी.
पीड़िता ने कांग्रेस सांसद पर क्या लगाए थे आरोप?
आरोपी कांग्रेस सांसद ने हाई कोर्ट बेंच के सामने दलील दी थी कि उसे राजनीतिक कारणों से झूठा फंसाया गया था और उनके खिलाफ कथित तौर पर घटना के चार साल बाद एफआईआर दर्ज की गई. राठौर के खिलाफ एफआईआर पीड़िता ने दर्ज कराई थी, जिसने 18 जनवरी, 2025 को कोतवाली थाने में रेप, आपराधिक धमकी और गलत तरीके से बंधक बनाने का आरोप लगाया था. महिला ने दावा किया कि आरोपी ने पार्टी की जिला इकाई में उसे पद देकर विश्वास जीतने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया.
पुलिस ने चार्जशीट में बीएनएस की धारा 69 के तहत आरोप बाद में जोड़े थे इसलिए राठौर को इस मामले में पहले जमानत नहीं मिल सकी. पुलिस और अभियोजन अधिकारियों ने बताया कि राठौर को 30 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह सीतापुर जिला जेल में बंद थे. सीतापुर पुलिस ने उन्हें उनके घर से उस समय गिरफ्तार किया जब वह आरोपों पर अपना रुख स्पष्ट करने के लिए एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.