जयपुर । जयपुर डिस्कॉम के कोटपुतली तथा भिवाड़ी सर्किल में पीएम कुसुम योजना के कंपोनेंट-सी के तहत 10.09 मेगावाट क्षमता के तीन नए सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं। तीनों सोलर प्लांटों को समीपवर्ती 33/11 केवी सब स्टेशन से जोड़ दिया गया है। इन सोलर संयंत्रों के स्थापित होने से इन सब स्टेशनों से जुड़े 918 कृषि उपभोक्ताओं को कृषि कार्य के लिए अब दिन में बिजली उपलब्ध होने लगी है।
डिस्कॉम्स चेयरमैन एवं जयपुर विद्युत वितरण निगम की प्रबंध निदेशक सुश्री आरती डोगरा ने बताया कि भिवाड़ी सर्किल के पहल गांव में सोलर पावर जनरेटर मैसर्स सोलर 91 प्रोजेक्ट वन प्रा. लि. द्वारा 4.15 मेगावाट क्षमता के, हसपुर कलां में मैसर्स स्टॉकवेल अलवर वन प्रा. लि. द्वारा 2.85 मेगावाट क्षमता तथा कोटपुतली के हसनपुरा गांव में मैसर्स गुलाब सोलर पावर प्लांट प्रा. लि. द्वारा 3.09 मेगावाट क्षमता के सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर दिए गए हैं। सुश्री डोगरा ने बताया कि प्रदेश में कुसुम-सी के तहत फीडर लेवल सोलराइजेशन के काम को गति दी जा रही है। इन तीन प्लांटों को मिलाकर जयपुर, अजमेर एवं जोधपुर डिस्कॉम क्षेत्र में अब तक कुल 39.46 मेगावाट क्षमता के 16 सोलर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। जिनके माध्यम से ग्रिड से जुड़े 4,426 कृषि उपभोक्ताओं को खेती के लिए दिन में बिजली सुलभ होने लगी है। एमडी सुश्री डोगरा ने कुसुम योजना के कंपोनेंट ए एवं सी के तहत सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए डिस्कॉम स्तर पर आवेदनों के सुव्यवस्थित एवं त्वरित निस्तारण के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को मंजूरी दी है।10 लाख तक के एजुकेशन लोन के पात्र नहीं अधिकांश छात्र
भोपाल । केंद्र सरकार ने हालही में प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना शुरू की है। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना का उद्देश्य कम आय वाले छात्रों के उच्च शिक्षा के सपने को साकार करना है। इसके तहत, छात्रों को बिना गारंटर के 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन मिल सकेगा जिससे अच्छे इंस्टीट्यूट्स में पढ़ाई का अवसर मिल सके। योजना के तहत पात्र छात्रों को पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन फीस और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से संपाश्र्विक-मुक्त, गारंटर-मुक्त ऋण प्राप्त करने की सुविधा प्रदान की जाएगी। लेकिन मप्र के अधिकांश संस्थानों में अध्ययनरत छात्रों को बिना गारंटी शैक्षणिक ऋण नहीं मिल पाएगा। दरअसल पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत केंद्र सरकार 10 लाख तक का एजुकेशन लोन छात्र को दिया जाएगा। खास बात ये है कि लोन की रकम की गारंटी शिक्षा मंत्रालय देगा। सरकार 7.5 लाख रुपए तक की रकम पर 75 प्रतिशत क्रेडिट गारंटी देगी। लेकिन इस योजना का लाभ केवल उन्हीं संस्थानों में पढऩे वाले छात्रों को मिल सकेगा जिन्हें नेशनल इंस्टीट्यूट रैंकिंग फ्रेमवर्क (एनआईआरएफ) की ओवरऑल रैंकिंग मिली है। एनआईआरएफ रैंकिंग में प्रदेश के नौ संस्थान ही शामिल है। जिसमें ग्वालियर का एक संस्थान, इंदौर के तीन संस्थान, भोपाल के पांच संस्थान है। आईटी इंदौर की ओवरऑल रैंकिंग 33, आइसर की रैंकिंग 78, मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (मैनिट) की रैंकिंग 17, भोपाल एम्स की रैंकिंग 31 और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी की रैंकिंग 50वीं रैंकिंग है।
3.61 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत
मप्र के प्राइवेट और सरकारी यूनिवर्सिटी, सहित इंजीनियरिंग, एमबीए कॉलेजों की संख्या 674 है। जिनमें 3.61 लाख विद्यार्थी अध्ययनरत है। बैंक रेकॉर्ड के अनुसार बैंक लोन लेने वाले छात्रों में अधिकांश इंजीनियरिंग, मेडिकल या एमबीए जैसे पाठ्यक्रमों के होते हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में 52 प्राइवेट यूनिवर्सिटी हैं। इनमें 2 लाख छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। वहीं प्रदेश में 142 इंजीनियरिंग कॉलेज हैं, जिसमें 42 हजार 958 हैं। प्रदेश में 194 फार्मेसी कॉलेज हैं और उनमें 25000 छात्र हैं। वहीं प्रदेश में पारंपारिक व अन्य यूनिवर्सिटी 24 हैं, जिनमें 50 हजार छात्र हैं। प्रदेश में 260 एमबीए कॉलेज हैं। इनमें 38 हजार 227 हैं। इस तरह प्रदेश में कुल 3 लाख 61 हजार 185 छात्र अध्ययनरत हैं। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत अधिकतम 4 लाख रुपए तक के लोन के लिए आपको किसी गारंटर या कोई कोई संपत्ति गिरवी रखने की आवश्यकता नहीं है। 7.5 लाख से कम तक का लोन इस ब्रैकेट की लोन राशि के लिए किसी आर्थिक रूप से संपन्न गारंटर की आवश्यकता होती है। लेकिन कोई कोलेटरल प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। देश या विदेश में पढऩे के लिए रुपए 7.5 लाख रुपए से अधिक एजुकेशनल लोन के लिए आपके पास कम से कम एक आर्थिक रूप से संपन्न गारंटर होना चाहिए, वहीं कोई कोलेटरल भी प्रस्तुत करने की आवश्यकता भी होती है। बैंक ऑफ इंडिया के लीड डिस्ट्रिक मैनेजर आलोक चक्रवर्ती का कहना है कि प्रदेश में अभी अधिकतम 4 लाख तक किसी तरह की गारंटी की आवश्यकता नहीं होती है, वहीं रुपए 7.5 लाख से अधिक लोन के लिए कम से कम एक गारंटर होना चाहिए, वहीं कोई कोलेटरल भी प्रस्तुत करने की आवश्यकता होती है। अभी पीएम विद्यालक्ष्मी योजना की जानकारी नहीं आई है।
पीएम कुसुम योजना में सोलर प्लांट स्थापित करने की राह हुई आसान
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