अनंतनाग में पोस्टेड सैनिक रामस्वरूप कस्वां के निधन के मामले में विवाद गहराता जा रहा है। दरअसल पहले सैनिक के शहीद होने की खबर आई थी। बताया गया था कि अनंतनाग में मुठभेड़ में सैनिक को गोली लगी है। परिजनों का आरोप है कि जिला सैनिक कल्याण अधिकारी ने इसे आत्महत्या का प्रयास बताते हुए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की बात कही है। गुरुवार से हाई वे पर धरना लगाकर बैठे परिजनों का धरना आज भी जारी है। आरएलपी सुप्रीमो हनुमान बेनीवाल भी आज परिजनों से बात करने धरना स्थल पर पहुंचने वाले हैं।
पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के लिए वेलफेयर का काम करने वाले सीताराम का कहना है कि इस मामले में जिला सैनिक कल्याण अधिकारी का रवैया ठीक नहीं था और यह उनकी तानाशाही है। वहीं इस मामले को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। जयपुर रोड पर चल रहे इस धरने को पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल, नोखा विधायक सुशीला डूडी, श्री डूंगरगढ़ के पूर्व विधायक गिरधारी महिया ने अपना समर्थन दिया है।
पूर्व कैबिनेट मंत्री गोविंदराम मेघवाल ने केंद्र सरकार पर शहीद के अपमान का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को शहीद पर राजनीति नहीं करनी चाहिए। सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी द्वारा इसे आत्महत्या बताया जाना सरासर गलत है। ऐसे में हमारी सरकार से मांग है कि सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी को निलंबित किया जाए और रामस्वरूप कस्वां को शहीद का दर्जा दिया जाए। साथ ही कस्वां के परिजनों को वो ही लाभ दिए जाएं, जो एक शहीद के परिजनों को मिलते हैं।
इधर बीकानेर-जयपुर हाई वे पर शहीद के परिजनों और ग्रामीणों का धरना आज तीसरे दिन भी जारी है। प्रशासन और परिजनों के बीच अब तक हुई सारी वार्ता विफल हो गई है। परिजन सैनिक को शहीद का दर्जा दिए जाने की मांग पर अड़े हुए हैं।