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भोपाल में मासिक खर्च में 2000 रुपए इजाफा, सबसे ज्‍यादा किराना में खर्च करते हैं भोपालवासी, आय के मामले में हैदराबाद रहा सबसे आगे

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भोपाल। भोपाल में मासिक खर्च में साल भर में 2000 रुपए का इजाफा हुआ है। साथ ही लोगों की प्रति व्‍यक्ति आय भी एक साल में 2000 रुपए बढी है। यह दावा होम क्रेडिट इंडिया की ओर से किए गए द ग्रेट इंडियन वॉलेट सर्वे में किया गया है। भोपाल में 2024 में औसत व्यक्तिगत मासिक आय 30 हजार रुपए है, जबकि 2023 में यह 28 हजार रुपए थी, वहीं, स्थिर मासिक खर्च 2024 में 18 हजार रुपए है, जबकि 2023 में यह 16 हजार रुपए था। भोपाल में आवश्यक मासिक खर्च मुख्य रूप से किराने 30 फीसदी, किराया 16 फीसदी, यात्रा 24 फीसदी, बच्चों की शिक्षा 11 फीसदी, चिकित्सा 7 फीसदी, बिजली 6 फीसदी, खाना पकाने की गैस 4 फीसदी, और मोबाइल बिल 2 फीसदी पर होता है। वैकल्पिक खर्च के रुझान स्थानीय यात्रा और दर्शनीय स्थल 29 फीसदी, बाहर खाना 12 फीसदी, सिनेमा 6 फीसदी, फिटनेस 4 फीसदी पर होते हैं, जो अन्य टियर 2 शहरों से अलग है। पिछले छह महीनों में, 64% लोगों ने कपड़े और एक्सेसरीज पर, 18 फीसदी ने बाहरी यात्रा पर, 11 फीसदी ने इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर, 11 फीसदी खर्च किया। ग्रेट इंडियन वॉलेट का अध्ययन दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, लखनऊ, जयपुर, भोपाल, पटना, रांची, चंडीगढ़, देहरादून, लुधियाना और कोच्चि सहित 17 शहरों में किया गया था। सेंपल साइज़ 18 -55 वर्ष के आयुवर्ग में लगभग 2500 था, जिसकी वार्षिक आय 2 लाख रुपए से 5 लाख रुपए तक की थी। होम क्रेडिट इंडिया के चीफ़ मार्केटिंग ऑफ़िसर, आशीष तिवारी ने कहा, हमें हर साल कंज़्यूमर के फाइनैंशियल व्यवहार के जटिल परिदृश्य के ज़रिए मार्गदर्शन करता है। इस साल का अध्ययन मज़बूत आर्थिक विकास के कारण शहरी और अर्ध-शहरी कंज़्यूमर्स के बीच समग्र वित्तीय कल्याण में उछाल को दिखाता है। 52 फीसदी उपभोक्‍ता ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में चालू वर्ष में उनकी आय में वृद्धि हुई है, जबकि 74 फीसदी उपभोक्‍ता को उम्मीद है कि आने वाले वर्ष तक उनकी आय में वृद्धि होगी। लगभग दो-तिहाई दावा करते हैं कि वे आनेवाले वर्ष में अधिक बचाने और अधिक निेवेश करने में सक्षम होंगे। कंज़्यूमर्स भावना में यह उछाल अर्थव्यवस्था में वृद्धि, कमाई की क्षमता में वृद्धि और आय वृद्धि की सकारात्मक धारणा से प्रेरित है।

बढ़ते खर्चों के बावजूद लोगों ने की बचत

बढ़ते खर्चों के बावजूद, 2024 में 71 फीसदी उत्तरदाताओं ने अपने स्थिर मासिक खर्च के बाद बचत करने में सफलता पाई, जो टियर 2 शहरों में सबसे अधिक है और राष्ट्रीय स्तर पर केवल बेंगलुरु और जयपुर के बाद है। राष्ट्रीय स्तर पर, इस अध्ययन से पता चलता है कि 2024 में व्यक्तिगत मासिक आय का औसत मेट्रो के लिए 35 हज़ार और टियर 1 और 2 शहरों के लिए 32 हजार रुपए है, जो 2023 में 33 हजार रुपए मेट्रो, 30 हज़ार टियर 1 और 27 हज़ार टियर 2 से अधिक है।

हैदराबाद में सबसे अधिक बढी आय

मेट्रो और टियर 1 शहरों में, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे प्रमुख केंद्र के रूप में उभरे हैं, जो तरक्की चाहने वाले कंज़्यूमर्स के लिए नई और बेहतर संभावनाएं मुहैया करवाते हैं। इन शहरों में आय के स्तर में वृद्धि देखी गई है, जिसमें बेंगलुरु और हैदराबाद क्रमशः राष्ट्रीय औसत से 15 फीसदी और 33 फीसदी अधिक आय के साथ सबसे आगे हैं। यह अध्ययन 2024 में निम्न-मध्यम वर्ग के व्यक्तियों के बीच आय और व्यय का अवलोकन भी करवाता है। औसतन, निम्न-मध्यम वर्ग के व्यक्तियों की व्यक्तिगत मासिक आय लगभग 33,000 है, जबकि 2024 में मासिक खर्च 19,000 है। पिछले एक साल में आय में वृद्धि ने खर्चों में वृद्धि के साथ तालमेल बनाए रखा है।

चेन्‍नई के लोग दर्शनीय स्‍थलों की यात्रा में सबसे आगे, जबकि लखनऊ सबसे पीछे

चेन्नई अन्य महानगरों की तुलना में स्थानीय यात्रा, दर्शनीय स्थलों की यात्रा 59 फीसदी, बाहर खाना 54 फीसदी और बाहर सिनेमा देखना 55 फीसदी में सबसे आगे है। दूसरी ओर, लखनऊ स्थानीय यात्रा, दर्शनीय स्थलों की यात्रा 17 फीसदी और बाहर खाने 14 फीसदी पर सबसे कम खर्च करने वाला है। चेन्नई भी सबसे ज्‍यादा किराया 29 फीसदी का भुगतान करता है, जबकि कोलकाता और जयपुर सबसे कम 15 फीसदी का भुगतान करते हैं।

अहमदाबाद व देहरादून का फ़िटनेस में सबसे कम खर्च

अहमदाबाद और देहरादून फ़िटनेस एक फीसदी सबसे कम खर्च करते हैं। बेंगलुरु और कोच्चि बच्चों की शिक्षा 23 फीसदी पर सबसे ज़्यादा खर्च करते हैं। देहरादून चिकित्सा व्यय 13 फीसदी में सबसे ऊपर है, लेकिन बच्चों की शिक्षा 10 फीसदी पर सबसे कम खर्च करता है।

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