Bihar News: कभी सोचा है, ऐसा कोई गांव भी हो सकता है, जहां कानून-व्यवस्था के मामले में सब कुछ ऐसा हो कि पुलिस स्टेशन में एक भी एफआईआर दर्ज न हो? आपको जानकर हैरानी होगी, लेकिन बिहार का एक छोटा सा गांव ऐसी मिसाल पेश कर रहा है. यह गांव सिर्फ शांति और सौहार्द का प्रतीक नहीं है, बल्कि एक ऐसी मिसाल भी है, जहां अपराध या झगड़े की कोई जगह नहीं है. इस गांव का नाम जहानाबाद है और यह न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश में एक उदाहरण बन गया है.
जहानाबाद गांव का नाम कभी भी थाने की रिपोर्ट में दर्ज नहीं हुआ
आजादी के बाद से, जहानाबाद गांव का नाम कभी भी थाने की रिपोर्ट में दर्ज नहीं हुआ है. यानी, यहां के लोग इतने शांतिप्रिय हैं कि आज तक किसी ने पुलिस स्टेशन में एक भी एफआईआर तक दर्ज नहीं कराई. यह बात सुनकर शायद आपको यकीन न हो, लेकिन यह सच है. यह गांव शांति, एकता और कानून का पालन करने का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत की.
यहां के लोग सामूहिकता और सहयोग में विश्वास करते हैं
अब आप सोच रहे होंगे, ऐसा क्या खास है इस गांव में? दरअसल, इस गांव की ख़ासियत इसके लोगों की मानसिकता और आपसी संबंधों से है. यहां के लोग अपने बीच किसी भी प्रकार के विवाद को आपस में सुलझा लेते हैं अगर कभी कोई छोटा-मोटा विवाद भी उत्पन्न होता है, तो वे पंचायतों या समाजिक बैठकों के माध्यम से उसका समाधान निकालते हैं. इसके अलावा, यहां के लोग सामूहिकता और सहयोग में विश्वास करते हैं, जो कि समाज में शांति बनाए रखने में मददगार साबित हुआ है.
50 साल पहले हुआ था विवाद
बताया जाता है कि 50 साल पहले जहानाबाद गांव में एक बकरी को लेकर विवाद हुआ था. उस समय गांव में लोग सैकड़ों बकरियां पाला करते थे, लेकिन इस विवाद ने गांववासियों को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने एकमत होकर बकरी पालन ही छोड़ दिया। इसके बाद से गांव में शांति बनी रही.
जिले के प्रभारी डीएम धनंजय कुमार ने बताया कि घोसी के धौताल बिगहा गांव न केवल जिले के लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए एक आदर्श बन चुका है. यहां सामुदायिक शक्ति का प्रभाव देखने को मिलता है. जहां अक्सर छोटी-छोटी बातों पर विवाद और हिंसा बढ़ जाती है, वहीं यह गांव पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक मिसाल है. यह गांव शांति और सौहार्द का प्रतीक बनकर, लोगों को अमन-चैन का संदेश दे रहा है, और यह दिखाता है कि आपसी समझदारी और एकता से किसी भी विवाद को सुलझाया जा सकता है.