Viral Video: एमआरआई (MRI) का पूरा नाम मैग्नेटिक रिजोंनेस इमेजिंग है। यह एक तरह की स्कैनिंग मशीन (Scanning machine) है। इसमें बहुत ही शक्तिशाली और नियंत्रित विद्युत क्षेत्र, रेडियो तरंगें और कंप्यूटर टेक्नोलॉजी (computer technology) शामिल होती है।एमआरआई कराने के लिए जब भी हम जाते हैं तो वहां का स्टाफ पहले ही बता देता है कि धातु से बनी हुई चीजें भूलकर भी नहीं ले जानी हैं। यहां तक कि शरीर से सारे गहने तक उतरवा दिए जाते हैं। कई लोगों को लगता है कि शायद साफ-सफाई या इंफेक्शन न फैले, इसके लिए ऐसा किया जाता है। लेकिन यह असली वजह नहीं है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसे देखकर आप इसकी असली वजह समझ जाएंगे और फिर भूलकर भी उस कमरे में धातु की वस्तुएं लेकर नहीं जाएंगे। भले ही वह आपके किसी जानने वाले का ही अस्पताल क्यों न हो।
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर @Rainmaker1973 एकाउंट से यह वीडियो शेयर किया गया है। आप देख सकते हैं कि वहां एक एमआरआई (MRI) मशीन रखी हुई है। स्टाफ एक-एक चीज को उसके पास ले जाता है और मशीन हर चीज को चुंबक की तरह अपनी ओर खींच लेती है। यहां तक कि एक शख्स ने लोहे की कुर्सी भी उसे दिखाई और एमआरआई मशीन से उसे भी अपनी ओर खींच लिया।वीडियो देखकर आप समझ गए होंगे कि इसमें एक ताकतवर चुंबक लगा हुआ है जो लोहे की बनी चीजों को अपनी ओर तेजी से खींच लेता है।
कैसे किया जाता है एमआरआई
एमआरआई प्रक्रिया से पहले आपको अस्पताल का गाउन पहनना होगा और जो भी धातु की चीजें आपने पहनी हैं उन्हें निकालना होगा। स्कैन के दौरान आपको रिट्रैक्टेबल टेबल पर सीधे लेटना होगा। फिर यह टेबल गुंबद के आकार के स्कैनर के अंदर जाएगा। अन्दर या तो पहले आपका सिर जायेगा या पैर। जब आप एक एमआरआई (MRI) मशीन के अंदर लेटते हैं, तो चुंबकीय क्षेत्र अस्थायी रूप से आपके शरीर में पानी के अणुओं को पुन: व्यवस्थित करता है। रेडियो तरंगें इन व्यवस्थित हुए परमाणु से संकेतों का उत्पादन करती हैं। इनका उपयोग क्रॉस-सेक्शनल एमआरआई चित्रों को बनाने के लिए किया जाता है। ये चित्र ऐसे बनते हैं जैसे कि रोटी के ऊपर रोटी रखी जाती है।
क्यों आती हैं एमआरआई स्कैन के दौरान आवाजें
सटीक और गहन चित्र प्राप्त करने के लिए प्रक्रिया के दौरान स्थिर रहना महत्वपूर्ण होता है। स्कैन के दौरान आपको जोर से थपथपाने या फटफटाने की आवाजें सुनाई दे सकती है। चिंता करने की कोई बात नहीं होती है। यह थपथपाहट तब होती है जब एमआरआई स्कैनर कॉइल में विद्युत प्रवाह चालू और बंद होता है।
एमआरआई का मतलब
एमआरआई का मतलब ही होता है- मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन। यह ताकतवर मैग्नेटिक फील्ड पैदा करता है। ऐसे में उसके भीतर जाते वक़्त शरीर पर कोई मेटल ऑब्जेक्ट नहीं होना चाहिए। यहां तक कि घड़ी, ज्वेलरी जैसी नेकलेस या झुमके, पियर्सिंग, नकली दांत जिनमें धातु का इस्तेमाल होता है, सुनने की मशीन और विग, क्योंकि कुछ में धातु के टुकड़े होते हैं। अगर आप इसे लेकर गए तो मशीन इनको अपनी ओर खींच सकती है। अगर शरीर के भीतर कोई स्क्रू, शार्पनेल या कारतूस के हिस्से भी हैं तो ख़तरनाक साबित हो सकते हैं। धातु के ये टुकड़े मैग्नेट बेहद तेज़ गति से खींचेंगे और शरीर को गंभीर चोट पहुंचेगी।
On the 3rd of July 1977 medical professionals performed the first MRI scan on a living human being. 🏥
— Fun_Facts (@Fun_Facts4Life) September 4, 2023
This is why metal is not allowed during an MRI. 🧲⬇️ pic.twitter.com/kFNtSdTyEB
जानें भी ले चुकी है यह मशीन
बीते वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनकी वजह से हादसे हुए। लखनऊ में एक नेता अपनी गन लेकर चले गए और नतीजा भयावह हुआ। मुंबई में एक व्यक्ति के शरीर में जरूरत से ज्यादा लिक्विड ऑक्सीजन जाने की वजह से उसकी मौत हो गई। क्योंकि इस शख्स के साथ सिलेंडर गया हुआ था। सिलेंडर धातु से बना होता है और MRI मशीन की स्टोरिंग मैग्नेटिक फील्ड में उसे लेकर रिएक्शन हुआ। वहां मौजूद स्टाफ ने बचाने की कोशिश की लेकिन उनके हाथ और सिलेंडर भीतर ही फंस गए जिसकी वजह से ऑक्सीजन लीक हो गई।