नई दिल्ली: चीन में बच्चों में एक अज्ञात सांस संबंधी बीमारी और न्यूमोनिया फैल रहा है। इसे लेकर पूरी दुनिया में चिंता में हैं। चीन में इस बीमारी से बच्चे सबसे ज्यादा पीड़ित हैं। कहा जा रहा है कि इस बीमारी से पीड़ित लगभग सात हजार लोग प्रतिदिन अस्पताल आ रहे हैं । अब अमेरिका के पांच सांसदों ने तो चीन पर यात्रा प्रतिबंध लगाने की मांग कर दी है। दरअसल रिपबल्किन सांसद मार्को रुबियो के नेतृत्व में पांच सांसदों ने राष्ट्रपति जो बाइडन को चिट्ठी लिखी है। हालांकि चीन का कहना है कि इससे डरने की जरूरत नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन का ध्यान आकर्षित किया
चीन के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि फ्लू और अन्य ज्ञात रोगाणुओं के कारण हुई है, न कि किसी नए वायरस के कारण। चीन में श्वसन संबंधी बीमारियों ने विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) का ध्यान आकर्षित किया है। चीन में किसी बीमारी के मामले बढ़ना दुनिया को डराने वाला है। क्योंकि 2019 में कोविड-19 भी यहीं से शुरू हुआ था और पूरी दुनिया में फैल गया था। बाद में कोविड-19 ने महामारी का रूप ले लिया था।
श्वसन संक्रमण के लिए जिम्मेदार
राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा कि श्वसन संबंधी संक्रमण के हालिया मामले इन्फ्लूएंजा वायरस, राइनोवायरस, रेस्पिरेटरी सिंकाइटियल वायरस या आरएसवी, एडेनोवायरस के साथ-साथ माइकोप्लाज्मा न्यूमोनिया जैसे सामान्य जीवाणुओं के कारण हुए हैं, जो श्वसन पथ के संक्रमण के लिए जिम्मेदार होते हैं।
ताइवान ने जारी की एडवाइजरी
वहीं ताइवान की सरकार ने गुरुवार को बुजुर्गों और बच्चों को, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हैं, उन्हें चीन की यात्रा से बचने की सलाह जारी की है। ताइवान की सरकार ने कहा है कि अगर यात्रा करना जरूरी है तो पहले फ्लू और कोरोना वैक्सीन लगवाकर ही चीन की यात्रा करें।
बता दें कि हाल ही में मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि चीन जो कि अभी भी कोरोना महामारी से उबर रहा है, वहां एक और रहस्यमयी बीमारी से बड़ी संख्या में बच्चे बीमार हो रहे हैं। चीन के बीजिंग और लिओनिंग प्रांत में बड़ी संख्या में बच्चे इस रहस्यमयी न्युमोनिया से प्रभावित हुए। इसके चलते चीन में कई जगहों पर स्कूल बंद कर दिए गए थे। इस बीमारी में बच्चे बुखार और फेफड़ों में संक्रमण की समस्या हो रही है। हालांकि बीमारी में बच्चों को खांसी के कोई लक्षण नहीं हैं। जहां तक हम बच्चों में संक्रमण के बारे में जानते हैं, 5 वर्ष से कम उम्र के प्रत्येक बच्चे को साल में 3-8 बार वायरल संक्रमण होता है और प्रत्येक संक्रमण के साथ वह इसके प्रति प्रतिरक्षित हो जाता है। फिर 5 वर्ष की आयु के बाद संक्रमण की दर कम हो जाती है. तो चीन में जो बच्चे लॉकडाउन के कारण अपने घरों से बाहर नहीं निकल पाए, उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित नहीं हुई है, जिसके कारण वे संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील हो गए हैं।