इस साल हज 4 जून से शुरू होने जा रहा है, जिसके लिए दुनिया भर से तीर्थ यात्री सऊदी अरब पहुंचने की तैयारी कर रह हैं. हर साल हज करने दुनिया भर से लाखों लोग सऊदी अरब आते हैं और इनका इंतजाम सरकार का हज और उमरा मंत्रालय करता है. पिछले साल हज यात्रा के दौरान के एक बड़ा हादसा हो गया था, जिसमें एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.
14 से 19 जून 2024 के बीच मक्का में हज यात्रा पर गए कम से कम 1,301 लोगों की अत्यधिक गर्मी के वजह से मौत हो गई, उस समय यहां का तापमान 50 डिग्री से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था. अत्यधिक गर्मी के कारण तीर्थ यात्रियों को हीट स्ट्रोक और डिहाइड्रेशन हुआ, जो मौत की वजह बना. लेकिन 2026 के हज से ये परेशानी खत्म हो जाएगी.
अब नहीं होगी गर्मी से मौत!
सऊदी राष्ट्रीय मौसम विज्ञान केंद्र ने इस हफ्ते ऐलान किया कि 2025 में होने वाला हज सीजन अगले 16 सालों के लिए भीषण गर्मी के महीनों के दौरान आने वाला आखिरी हज सीजन होगा.
2026 से शुरू होकर, हज यात्रा धीरे-धीरे ठंडे मौसम में बदल जाएगी – पहले वसंत में और अंत में सर्दियों में. बता दें, ऐसे इस्लामी चंद्र कैलेंडर के क्रमिक बदलाव की वजह से होता है.
हर साल 10 दिन पीछे हट जाता है इस्लामी कैलेंडर
इस्लामी कैलेंडर ग्रेगोरियन कैलेंडर से हर साल 10 दिन पीछे हट जाता है. क्योंकि ये चंद्रमा के मुताबिक चलता है. पिछले कई सालों से हज यात्रा भीषण गर्मी में आ रही थी, अगले साल से गर्मी झेलने वाले लाखों तीर्थयात्रियों के लिए ये एक स्वागत योग्य बदलाव होगा.
हज 2024 के दौरान, मक्का में तापमान 46 डिग्री सेल्सियस और 51 डिग्री सेल्सियस के बीच बढ़ गया, जिसकी वजह से कई मौतों के साथ-साथ एक ही दिन में हीटस्ट्रोक के 2,760 से अधिक मामले सामने आए थे.