इंसानों की हमेशा से यह आदत रही है कि जब तक उन्हें कोई बात स्पेशल तरीके से न समझाई जाए, तब तक उनके दिमाग में कोई बात नहीं उतरती आपने आसपास ऐसे कई लोगों को देखा होगा, जो जहां खड़े होते हैं वहीं कूड़ा फेंक देते हैं, दो कदम चलकर डस्टबिन ढूंढने का भी प्रयास नहीं करते. ऐसे लोगों के लिए हाल ही में ऑस्ट्रेलिया में समुद्र में बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा अनोखा तरीक अपनाया है।
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया में समुद्र में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, इसपर लगाम लगाने के लिए वहां के बोंडी बीच पर लगभग 4 मीटर तक ऊंची पॉटी की आक्रति खड़ी की गई है। इस पॉटी की आकृति को वेस्ट आइटम्स से तैयार किया गया है और इस आक्रति को इंसान की पॉटी का रूप दिया गया है। इस देखने के लिए लोग दूर-दूर से आ रहे है और लोग इस आकृति को छू कर सेल्फी लेते दिखाई दिए।
बता दें कि ऑस्ट्रेलिया में समुद्र में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर लगाम लगाने के लिए वहां कई तरह के अवेयरनेस प्रोग्राम ऑर्गेनाइज किए जा रहे हैं. कुछ दिनों पहले ऑस्ट्रेलिया के पर्यावरण मंत्री ने इस बात की जानकारी दी थी कि समुद्र में लोगों द्वारा फेंके जा रहे कचरे और प्लास्टिक की वजह से समुद्री जीवन प्रभावित हो रहा है. अगर ऐसा ही चलता रहा तो साल 2050 तक मछलियां पूरी तरह के खत्म हो सकती हैं. हैरत की बात यह है कि लोगों को इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता. वो अब भी समुद्र में बड़े पैमाने पर कचरा फेंक रहे हैं.
जागरूक करने का स्पेशल तरीका
ऐसे लोगों को सीख देने के लिए एक खास तरीका अपनाया गया है. दरअसल बोंडी बीच पर लगभग 4 मीटर तक ऊंची पॉटी की आक्रति खड़ी की गई है, जिसे पूरी तरह से वेस्ट आइटम्स से तैयार किया गया है. इस आक्रति को इंसान की पॉटी का रूप दिया गया है. इस आक्रति की खास बात यह है कि इसे समुद्र में फेंके जाने वाले कचरे से बनाया गया है, ताकि लोगों को यह संदेश दिया जा सके कि उनकी कचरा समुद्र में फेंकने की आदत की वजह से समुद्री जीवों की तकलीफें बढ़ रही हैं और उनकी जिंदगी खतरे में पड़ रही है. इस आक्रति को वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे के मौके पर यानी 5 जून को बोंडी बीच पर बनाया गया था.
इस स्कल्प्चर को बनाने वाले आर्टिस्ट ने इसे काफी सोच समझ कर बनाया. इसके पीछे आइडिया ये है कि अब समुद्र में इतना कचरा भरा जा चुका है कि उसके आगे कोई भी पहल छोटी है. वर्ल्ड इन्वायरनमेंट डे के उपलक्ष्य में ऐसे सौ प्रभावी स्कल्प्चर्स बनाए गए. उसी में से एक को समुद्र के किनारे बनाया गया. United Nations Environment Programme ने हाल ही में दावा किया कि अगर प्लास्टिक को दुबारा यूज किया गया तो 2040 तक प्लास्टिक प्रदुषण को 80 % तक घटाया जा सकता है. प्लास्टिक का इस्तेमाल सिर्फ खराबी ही करता है. इससे कोई फायदा नहीं होता