पटना। प्रदेश का मौसम काफी तेजी से बदल रहा है। अगले तीन दिनों में अधिकतम तापमान में वृद्धि होने की उम्मीद की जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, दोपहर को वातावरण काफी गर्म रहेगा। साथ ही ये स्थिति आगे भी बनी रहेगी।
औरंगाबाद रहा सबसे गर्म
शुक्रवार को औरंगाबाद राज्य का सर्वाधिक गर्म स्थान रहा। यहां का अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं, राजधानी में अधिकतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। राजधानी की हवा में आर्द्रता 42 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि आज-कल सुबह-शाम ठंड रह रही है। दोपहर में वातावरण में गर्मी काफी बढ़ जा रही है। इस तरह की स्थिति अभी आगे बनी रहेगी।
वहीं, वातावरण में गर्मी धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद की जा रही है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पछुआ की गति थमने लगी है। इससे वातावरण शुष्क होगा और तापमान में इजाफा होगा।
बेगूसराय : सावधान रहें बच्चों के अभिभावक
बसंत पंचमी के बाद से ही मौसम का पारा चढ़ने लगा है। शुक्रवार को भी दिन में अधिकतम तापमान 30 डिग्री को पार कर गया है। धूप से त्वचा में जलन महसूस होने लगी है।
मौसम के बदलाव के कारण बच्चों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। अज्ञानता वश बच्चे इस मौसम में अधिक समय बाहर गर्मी में रहने के कारण पानी का अधिक सेवन करते हैं, जिससे बच्चों में सर्दी-खांसी व बुखार की शिकायत होने लगी है।
इन दिनों काफी संख्या में सरकारी सहित निजी अस्पतालों में बीमार बच्चे इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। सदर अस्पताल की बात करें तो डॉ. प्रवीण कुमार ने बताया कि प्रतिदिन औसतन 40-45 बच्चे सर्दी-जुकाम से पीड़ित होकर आ रहे हैं।
शिशु रोग विशेषण डॉ कुमार सावन ने कहा कि छोटे बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण मौसम के परिवर्तन का असर बच्चों पर अधिक पड़ता है।
आने वाले दिनों में प्रतिदिन तापमान में बढ़ोत्तरी होगी, इसलिए अभिभावकों को भी अपने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सचेष्ठ रहने की आवश्यकता है।
दरअसल, बच्चों को खेल-खेल में ठंड और गर्मी का प्रभाव शरीर पर अधिक पड़ता है, जिससे बच्चों के बीमार पड़ने की संभावना इस मौसम में अधिक रहती है। इस मौसम में सावधानी बरतकर
अभिभावक बच्चों को बीमारी से बचाव कर सकते हैं।
अभिभावक बरतें ये सावधानियां
बच्चों को धूप में अधिक देर रहने से रोकें।
बच्चों को हमेशा गर्म व ताजा खाना ही खिलाएं।
बच्चों को मौसमी फल का सेवन अधिक कराएं।
बच्चों के नाक से पानी निकलने पर तुरंत सरकारी या निजी अस्पताल में डॉक्टर से दिखाएं।
खांसी होने पर चिकित्सक से सलाह लेकर ही बच्चों को दवा दें।
बच्चों को मच्छरदानी के अंदर ही सुलाएं।