रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी (सीएसपीडीसीएल) स्मार्ट मीटर लगाने के नाम पर उपभोक्ताओं से अतिरिक्त शुल्क वसूलने की तैयारी कर रही है। कंपनी ने राज्य विद्युत नियामक आयोग (सीएसईआरसी) में याचिका दायर कर स्मार्ट मीटर सरचार्ज के तौर पर 367 करोड़ रुपए की मांग की है। छत्तीसगढ़ में जून से स्मार्ट मीटर से बिजली बिल आने लगेंगे। ये वो स्मार्ट मीटर हैं जिन्हें रिचार्ज करना होगा। ये मोबाइल की तरह रिचार्ज होने के बाद काम करेंगे। जिस दिन आपका रिचार्ज खत्म होगा, आपके घर की बिजली अपने आप कट जाएगी।
11.5 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं
कंपनी द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ में 11.5 लाख से ज्यादा घरेलू कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं। इन मीटरों को लगाने के लिए कंपनी अलग से कोई शुल्क नहीं ले रही है। फिलहाल नए मीटरों की रीडिंग और बिलिंग पुरानी व्यवस्था के तहत की जा रही है। लेकिन आने वाले समय में रीडिंग और बिलिंग में भी बदलाव होगा।
घाटे की भरपाई के लिए कंपनी की मांग
सीएसपीडीसीएल ने पहले ही 4,559 करोड़ रुपए के घाटे की भरपाई के लिए टैरिफ बढ़ाने की मांग की थी। अब स्मार्ट मीटर सरचार्ज के तौर पर 367 करोड़ रुपए की अतिरिक्त मांग की गई है। कुल मांग अब 4,926 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। अगर कंपनी की यह मांग पूरी हो जाती है तो उपभोक्ताओं पर बिजली का बोझ और बढ़ सकता है।
उपभोक्ताओं पर असर
विद्युत आयोग की मंजूरी मिलने पर यह अतिरिक्त बोझ उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। इसकी भरपाई बिजली दरों में बढ़ोतरी के जरिए की जा सकती है। जानकारों का मानना है कि यह राशि सरचार्ज के तौर पर बिलों में जोड़ी जा सकती है।
जून में लागू हो सकते हैं नए टैरिफ
प्रदेश में मीटर लगाने का काम तेजी से किया जा रहा है। इसके तहत जून 2025 से नए टैरिफ के साथ ही स्मार्ट मीटर का रिचार्ज भी शुरू हो जाएगा। हालांकि विद्युत नियामक आयोग में अभी दो पद रिक्त हैं। नए सदस्यों की नियुक्ति के बाद जनसुनवाई होगी। सीएसईआरसी के अध्यक्ष ने बताया कि वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका की विस्तृत जांच की जाएगी। जन सुनवाई के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।