फेफड़ों की गहराई तक सफाई! योगाचार्य के बताए 4 टिप्स से खत्म होगा अस्थमा-एलर्जी

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हर व्यक्ति को स्वस्थ रहने के लिए मजबूत फेफड़ों की जरूरत होती है। यह ऑक्सीजन बढ़ाने में मदद करता है, जिससे सारे अंग और दिमाग काम कर पाता है। अगर आपको चलने पर सांस फूलने, ज्यादा आलस आने, अत्यधिक थकान होने जैसी दिक्कतें हैं, तो यह ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो कमजोर फेफड़ों के कारण होती है या फिर उनके अस्वस्थ हो जाने से होती है। कोविड के बाद से लोगों के लंग्स पहले से कमजोर हो चुके हैं। इसलिए फेफड़ों को मजबूत और डिटॉक्स करना बहुत जरूरी है। इसमें योग सबसे ज्यादा असरदार चीज है। जो फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और उनकी मसल्स रिलैक्स करता है। मांसपेशियां रिलैक्स होने से अंदर जमी गंदगी और टॉक्सिन आसानी से निकल जाते हैं। ध्यान रहे कि रेस्पिरेटरी और इम्यून सिस्टम का सीधा कनेक्शन होता है। अगर आपके फेफड़े कमजोर हैं तो बीमार पड़ने की संभावना बढ़ सकती है 

फेफड़ों को साफ करने का तरीका: योगाचार्य लक्ष्मी नारायण ने एक वीडियो में लंग्स डिटॉक्स करने के लिए योगासन और प्राणायाम बताए हैं। जो लंग्स को मजबूत बनाने, ऑक्सीजन का सर्कुलेशन बढ़ाने और शरीर को लचीला बनाने में मदद करेंगे। इन्हें करने से आपका फोकस बढ़ेगा और मन शांत रहने लगेगा।

भुजंगासन करने की सही विधि

  • पेट के बल जमीन पर लेटें और दोनों पैर को मिलाए रखें।
  • हाथों को छाती के पास टिकाएं और धीरे-धीरे सांस भरें।
  • सांस भरते हुए जितना हो सके ऊपर की तरफ देखना है।
  • लेकिन आपकी नाभि जमीन पर ही रहनी चाहिए।
  • ऊपर जाकर पोजिशन और सांस होल्ड करें।
  • फिर सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे नीचे की तरफ आएं और इसी क्रम को दोहराएं।​

ध्यान रखें ये बातें

इसे करने में जल्दबाजी ना करें और जितना हो सके उतना ही करें। इस आसन में से एकदम से नहीं उठेंगे, 1-2 मिनट के लिए मकरासन में आराम करेंगे। धीरे-धीरे इसका अभ्यास बढ़ाएं। जैसे पहले दिन पांच राउंड किया, तो दूसरे दिन आठ राउंड और तीसरे दिन 10 राउंड करें। इस तरह बढ़ाते रहें। ध्यान रहे ऊपर सांस को पूरी तरह भरना है और नीचे आने पर सांस पूरी तरह छोड़ना है।

गोमुखासन करने का सही तरीका

  • सबसे पहले दंडासन की स्थिति में आएंगे।
  • अब राइट पैर की एड़ी को लेफ्ट जांघों के ऊपर से लाकर रखें।
  • अब लेफ्ट पैर मोड़कर एड़ी को कूल्हों के बराबर रख दें।
  • इस वक्त राइट और लेफ्ट दोनों पैर विपरीत दिशान में जमीन पर होने चाहिए।
  • पैरों को जमीन पर हल्का-हल्का दबा रहने दें।
  • फिर राइट हैंड को ऊपर की तरफ उठाकर पीठ पर लाएं।
  • इसके बाद लेफ्ट हैंड को नीचे की तरफ से पीठ पर लाएं और दोनों हाथ छूने की कोशिश करें।
  • अब पैरों की स्थिति बदलकर आसन दोहराएं।​

गोमुखासन में क्या ध्यान रखें?

इसे करने में जल्दबाजी ना दिखाएं। आसन के दौरान सांस की गति सामान्य रखें, जिससे फेफड़ों पर प्रभाव पड़ता है। मेरुदंड यानी स्पाइन को सीधा रखें। इस पोजिशन को होल्ड करने की कोशिश करें। पहले 5 सेकंड करें फिर धीरे-धीरे बढ़ाएं।

अनुलोम विलोम प्राणायाम

  • सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं।
  • कमर गर्दन सीधी रखकर दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • राइट हैंड को सामने की तरफ लाकर नासाग्र मुद्रा बनाएं।
  • अंगूठे से राइट नोजल बंद करेंगे और लेफ्ट नोजल से इनहेल करेंगे।
  • फिर लेफ्ट नोजल उंगलियों से बंद किया और राइट नोजल से सांस निकालें।
  • फिर राइट नोजल से सांस भरा और फिर उसे बंद करके लेफ्ट से निकाला।
  • ऐसे ही ध्यान केंद्रित करके अभ्यास दोहराएं।​

कपालभाति प्राणायाम

  • सुखासन में बैठें और दोनों हाथ ज्ञान मुद्रा में रखें।
  • सांस को पूरा अंदर लेंगे।
  • फिर ध्यान केंद्रित करके सांस को बाहर निकालें।
  • सांस को आवाज के साथ छोड़ें।
  • इस अभ्यास को कुछ देर दोहराएं।