जबलपुर । हवन करने से बची हुई राख और शुगर मिल में शक्कर बनाते समय जो झाग निकलता है।उससे मिट्टी को उपजाऊ बनाने और पौधों को सभी विटामिन और प्रोटीन उपलब्ध कराने की विधि, जबलपुर के भूपेंद्र वर्मा और रिक़ेश जैन ने खोजी है।
इन दोनों युवाओं ने अपने शोध से वह कर दिखाया है। जो कभी सोचा भी नहीं जा सकता।इन युवाओं द्वारा बनाई गई प्राकृतिक हेल्थ टेबलेट की मांग 10 राज्यों में है।एक टेबलेट पौधे को 30 दिनों तक मिनरल्स प्रोटीन विटामिन एंजाइम्स और एंटी ऑक्सीडेंट देती है। जिससे पौधे पूर्ण स्वस्थ रहते हैं और उत्पादन बढ़ता है।
भूपेंद्र एवं रिकेश ने मिलकर शोध किया।मिट्टी का हेल्थ कंडीशनर तैयार किया। भूपेंद्र ने बीएससी एग्रीकल्चर की पढ़ाई की है। वहीं रिकेश खेती का काम करते हैं।दोनों युवाओं ने मिलकर 2020 में स्टार्टअप शुरू किया। मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और अधिक उत्पादन के लिए कंडीशनर तैयार किया।
4 साल तक लगातार शोध करने के बाद नैनो सायल हेल्थ कंडीशनर बनाया। पौधे के अर्क,मिट्टी के मित्र जीवाणु,आयुर्वेदिक औषधियों के हवन की राख से यह फार्मूला तैयार किया गया है। यह मिट्टी के पोषक तत्वों को बढ़ाता है। बोनी के समय ढाई किलो प्रति एकड़ की जरूरत होती है। इसका फसल के लिए बहुत ज्यादा लाभ होता है।
हवन की राख और शक्कर की झाग से पौधों की हेल्थ टेबलेट तैयार
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