Sunday, September 8, 2024
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Whatsapp alert : जरा सी लापरवाही और मिनटों में खाता हो जाएगा खाली

Whatsapp पर होने वाले फ्रॉड का ग्राफ तेजी से बढ़ाता जा रहा है और अब जालसाज नई तकनीकों का सहारा ले रहे हैं। एक मामला सामने आया है जिसमें जालसाजों ने एआई डीपफेक (AI Deepfake) तकनीक का सहारा लेकर एक शख्स को लूट लिया। व्हाट्सऐप (WhatsApp) के ज्यादा यूज को देखते हुए जालसाज अब इस ऐप को यूज करने वाले लोगों को शिकार बना रहे हैं।

एआई डीपफेक तकनीक का उपयोग फर्जी इमेज

जालसाज एआई डीपफेक तकनीक का उपयोग फर्जी इमेज, वीडियो और ऑडियो बनाने के लिए करते हैं। जिसमें असली नकली की पहचान करना मुश्किल होता है। हाल ही में एक मामला सामने आया है, जिसमें एआई डीप फेक तकनीक का सहारा लेकर केरल के एक व्यक्ति से वॉट्सऐप से 40,000 रुपये ठग लिए।

मामला केरल के कोझिकोड में रहने वाले पीड़ित राधाकृष्णन को एक अननोन नंबर से वॉट्सऐप वीडियो कॉल आया। बिना देर किए उन्होंने कॉल उठाया, जिसमें उन्हें आंध्र प्रदेश के पूर्व सहकर्मी जैसा दिखने वाला शख्स दिखाई दिया। फिर कॉल करने वाले ने राधाकृष्णन का विश्वास जीतने के लिए, कई कॉमन दोस्तों के नाम बताए। यह सोचकर कि कॉल करने वाला वास्तव में उसका पुराना सहकर्मी है, पीड़ित ने कॉल जारी रखा। शुरुआती हल्की-फुल्की बातचीत के बाद फोन करने वाला मुद्दे पर आया।
घोटाले बाज ने बताया किया कि वह इस समय वो दुबई में है, जहां उसके एक रिश्तेदार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इसके बाद उसने पीड़ित से 40,000 रुपये मांगे और आश्वासन दिया कि वह भारत लौटते ही रकम लौटा देगा। फिर, बिना कुछ सोचे-समझे पीड़ित ने जरूरतमंद दोस्त की मदद के लिए पैसे ट्रांसफर कर दिए।

हालांकि, जब फोन करने वाले ने दूसरी बार 35,000 रुपये मांगेतो राधाकृष्णन को संदेह हुआ। इस बार, पीड़ित ने सहकर्मी से उनके ओरिजनल नंबर पर संपर्क किया, तो वे हैरान रह गया कि उन्होंने कभी उसे पैसे के लिए फोन नहीं किया था। खुद को ठगे जाने का एहसास होने पर पीड़ित ने मामले की शिकायत केरल पुलिस को दी।

कैसे सुरक्षित रहें

बदमाश डीपफेक वीडियो बनाने के लिए सोशल मीडिया पर पोस्ट की गई तस्वीरों का इस्तेमाल करते हैं। परिवार और दोस्तों के नाम और डिटेल, टैग और सोशल मीडिया प्रोफाइल सेभी प्राप्त किए जा सकतेहैं। केरल पुलिस ने लोगों से सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध कॉल की सूचना हेल्पलाइन नंबर 1930 पर देने का अनुरोध किया है ताकि
तत्काल कार्रवाई की जा सके।

बरतें ये सावधानी

  • व्हाट्सऐप पर टू स्टेप वेरिफिकेशन जरूर रखें।
  • इसके लिए व्हाट्सऐप की सेटिंग में जाएं।
  • इसके बाद अकाउंट पर क्लिक करें।
  • यहां आपको टू स्टेप वेरिफिकेशन (Two Step Verification) का विकल्प दिखेगा।
  • इस पर क्लिक करके इसे ऑन कर लें।
    ईमेल, टेक्स्ट मैसेज या व्हाट्सऐप मैसेज पर आने वाले किसी भी लिंक पर क्लिक न करें।
  • ठग मैलिशियस लिंक भेजकर आपके फोन को हैक करने की कोशिश करते हैं। आप जैसे ही लिंक पर क्लिक करते हैं आपके डिवाइस का कंट्रोल उनके हाथ में चला जाता है।
  • फोन पर अगर कोई आपसे अनजान आदमी आपकी पर्सनल डिटेल पूछे तो इसे शेयर करने से बचें।

AI Deepfake Technology है क्या

  • आखिर यह AI Deepfake Technology है क्या? तो बता दें कि, एआई डीफेक तकनीक किसी को भी किसी और के होने का दिखावा करने की सुविधा देती है। यह साल 2016 में इस्तेमाल किया गया एक स्नैपचैट फिल्टर मात्र था, और बाद में इसका इस्तेमाल फर्जी वीडियो बनाने के लिए किया जाने लगा। पहली नजर में किसी के लिए भी यह बताना मुश्किल हो जाता है कि वीडियो असली है या डीप फेक । अब घोटाले बाज, इस तकनीक का उपयोग परिवार या दोस्तों का रूप धारण करके अनजान लोगों से पैसे ठगने के लिए कर रहे हैं।
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