Tuesday, December 24, 2024
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शंभू बॉर्डर: गोलों की बरसात के बीच बंकर बना रहे किसान, टकराव में एक किसान की मौत, 23 घायल 12 पुलिसकर्मी भी जख्मी

शंभू बॉर्डर: केंद्र सरकार की तरफ से एमएसपी समेत बाकी मांगों पर बातचीत के न्योते के बीच सुबह 11 बजे के दिल्ली कूच के तय कार्यक्रम के मुताबिक पहले से ही भारी गिनती में नौजवान, किसान, महिलाएं शंभू बाॅर्डर पर जुट चुके थे। करीब 14 हजार किसान बॉर्डर पर मौजूद थे। इसके अलावा 350 के करीब अन्य वाहन भी वहां थे। शंभू बॉर्डर पर किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच टकराव जारी है। किसान जैसे ही एक कदम आगे बढ़ाते हैं, उन पर एक बार में कम से कम 25 से 30 आंसू गैस के गोले दागे जाते हैं। किसानों ने भी रेत की बोरियों से बंकर बना कर त्रिकोणीय रणनीति बनाई है। यह मंजर देख ऐसा लगता है मानो किसानों पर आंसू गैस के गोले नहीं, बल्कि किसी जंगी कार्रवाई में ग्रेनेड से हमला हो रहा है। लगातार आंसू गैस के गोले का धमाका किसी को भी बहरा तक कर सकता है। बुधवार को किसानों को खदड़ने के लिए हरियाणा पुलिस आराम से ड्रोन के जरिये आंसू गैस के गोले दागती रही। पंजाब की सरहद में 200 से 300 मीटर अंदर घुसकर किसानों पर गोले दागे जा रहे हैं।

शंभू बॉर्डर व खनौरी बॉर्डर पर टकराव, एक किसान की मौत, 23 घायल 12 पुलिसकर्मी भी जख्मी

आपको बता दें कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की मांग को लेकर आठ दिनों से शंभू और खनौरी-दातासिंह वाला बॉर्डर डटे किसानों ने बुधवार सुबह दिल्ली कूच का प्रयास किया। जवाब में हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों ने आंसू गैस के गोले बरसाए और रबड़ की गोलियां भी चलाईं। दो किसान गोली लगने से जख्मी हो गए, जिनमें से बठिंडा के गांव बल्लोंके के युवा शुभकरण (23) की मौत हो गई, जबकि दूसरे किसान संगरूर के नवांगांव के प्रीत पाल सिंह को भी गंभीर चोट आई है। उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती किया गया है।

शंभू बॉर्डर पर रेत-मिट्टी की बोरियों की दीवार

शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग से लेकर किसान जत्थेबंदियों के मंच तक करीब 300 मीटर का फासला है। इसी जगह किसान नेता इकट्ठे होकर आगे बढ़ने का प्रयास कर रहे हैं। यहीं उन पर आंसू गैस के गोले, रबड़ की गोलियां और ड्रोन से हमला हो रहा है। शंभू बॉर्डर के हाईवे पर स्थित पुल पर हरियाणा पुलिस ने जहां आठ लेयर की बैरिकेडिंग की है। बीते सोमवार और मंगलवार किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रालियों में रेत-मिट्टी की जो बोरियां लादकर बॉर्डर पर पहुंचे थे, अब तक उन बोरियाें से रास्ते बनने की बात हो रही थी। दरअसल रेत की ये बोरियां किसानों की त्रिकोणीय नीति का एक हिस्सा है। पुल पर पुलिस की बैरिकेडिंग से करीब 70 से 80 मीटर पहले किसानों ने इन रेत की बोरियों से बीच रास्ते में और हाईवे के दोनों तरफ बंकर और दीवारें बनानी शुरू कर दी हैं, ताकि पुलिस के गोलों और गोलियाें से बचा जा सके। हाईवे के दोनों ओर की सड़कों से किसानों को ट्रैक्टर और ट्रालियां लेकर आगे बढ़ने को कहा गया है।

अल्टीमेटम से ठीक चार मिनट पहले ही दागे 30 गोले

किसान नेताओं ने बुधवार सुबह 11 बजे एक बार फिर शंभू बॉर्डर से दिल्ली कूच का एलान किया था। किसान शंभू बॉर्डर पर पुलिस की बैरिकेडिंग की ओर बढ़ ही रहे थे कि इस बीच हरियाणा पुलिस ने सुबह 10.54 बजे तीन बार चेतावनी दी। इसके बाद 11 बजे से ठीक चार मिनट पहले 10.56 बजे बैरिकेडिंग की ओर बढ़ती भीड़ पर 25 से 30 आंसू गैस के गोले दाग डाले। इनसे कई युवा और किसान नेता जख्मी हुए। आगे बढ़ रह युवाओं पर रबड़ की गोलियां दागी गईं।

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