Sunday, September 29, 2024
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Yoga Se Hoga : नहीं बन पा रहे हैं पिता तो पढ़ ले AIIMS की ये स्‍टडी

Yoga Se Hoga? खराब दिनचर्या और खानपान के कारण लोगों में कई तरह की बीमारी बढ़ रही है. काम का तनाव और मौसम का भी ऊपर से असर होता है. ऐसे में आपने देखा होगा कि कई बार लोगों को किसी न किसी कारण माता-पिता तक बनने में दिक्कत आती है. हालांकि, कई बार ये किसी बड़ी बीमारी के कारण होता है. पर अक्सर लोग इसमें महिला की गलती मान बैठते हैं. जबकि, ये समस्या पुरुषों में आई दिक्कतों के कारण भी हो सकती है. इस समस्या पर AIIMS ने एक स्टडी की है और इसके उपाय भी योग के जरिए बताए हैं. आइये जानें किसी पुरुष को पिता बनने में कैसे आसानी हो सकती है.

दिल्‍ली एम्‍स ने योग पर स्टडी कर चौंकाने वाले नतीजे लाए हैं. न्यूज-18 की रिपोर्ट के अनुसार, गायनेकोलॉजी और एनाटॉमी डिपार्टमेंट ने किन्हीं कारणों से पिता नहीं बन पा रहे 239 लोगों को इसका हिस्सा बनाया. इनमें से 60 लोगों योग कराया गया और उसकी अच्छी ट्रेनिंग दी गई. इसके बाद आइ परिणामों ने डॉक्टरों को भी हैरान कर दिया.

डॉक्टर भी हैरान

ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) के एनाटॉमी विभाग की प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि लोगों की ये मानसिकता है कि मानसिक बीमारियों में योग असरदार है. हालांकि, हमने स्टडी की तो इसमें चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं. उन्होंने बताया कि योग पुरुषों के स्पर्म के डीएनए की क्वालिटी में सुधार हुआ है. हमारी स्टडी में योग करके कुछ लोग साधारण रूप से पिता बन पाने में सक्षम हुए है. इससे हम भी हैरान हैं.

कैसे हुई स्टडी?

डॉ. दादा अनुसार, उनके पास कई महिलाएं आई जिनको बच्चा नहीं हो रहा था या बार-बार गिरने या मिसकैरेज की समस्या हो रही थी. कई महिलाओं के पेट में भ्रूण मर जा रहा था. जब महिलाओं की जांच की गई तो उनमें कोई कमी या समस्या नहीं दिखी. इसके बाद HOD की निगरानी में इन महिलाओं के पति (239 मेल्‍स) के स्पर्म के डीएनए की क्‍वालिटी, स्पर्म जीनोमिक इंटीग्रिटी, स्पर्म काउंट, तनाव, जीन एक्सप्रेशन, टेलोमेयर की लंबाई की जांच की गई.

स्टडी में शामिल 239 मेल्‍स की जांच के बाद 60 लोगों को योग कराने के लिए चुना गया. उनसे 6 हफ्ते तक उन्हें योग कराया. उन्हें हर रोज 2 घंटे का सेशन दिया गया. उनकी काउंसलिंग के साथ ही उनसे योगासन, प्राणायाम और ध्यान क्रिया कराई गईं. सूर्य नमस्कार पर भी जोर दिया गया. 6 हफ्ते बाद हमने देखा की उनके स्पर्म की डीएनए क्वालिटी बेहतर हुई. इसके अलावा सारे पैरामीटर में सुधार आया है.

कैन से से योग कराए गए

प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने बताया कि सभी पुरुषों से प्राणायाम और ध्यान के साथ सूर्य नमस्कार कराया. उन्हें रेगुलर त्रिकोणासन और पेल्विक फ्लोर के लिए जरूरी योगासन कराए गए. इससे उनका तनाव भी कम हुआ. उन्होंने कहा कि निचोड़ ये निकला की इन महिलाओं में समस्या नहीं थी. बल्कि, पिता के रोल के कारण बच्चा बार बार गिर रहा था. इसका कारण कमजोर डीएनए या स्पर्म की क्वालिटी थी जो योग से सुधरी है.

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