खाद्य तेलों में इस समय काफी गिरावट देखी जा रही है। खासकर मूंगफली तेल में गिरावट से अन्य खाद्य तेलों में भी गिरावट आई है। मूंगफली तेल और सोयाबीन तेल के दाम में 10 से 12 रुपए प्रति लीटर का अंतर है। मूंगफली तेल के कुछ ब्रांड सोयाबीन तेल से भी कम दाम पर आ गए हैं। मूंगफली तेल में गिरावट का मुख्य कारण अनाज के दाम में गिरावट है। स्थानीय थोक बाजार में अनाज के दाम 65/70 रुपए प्रति किलो पर आ गए हैं, जो नवरात्रि के आसपास 90/92 रुपए के आसपास थे। हालांकि, खुदरा में अनाज के दाम 115/120 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं, जो नवरात्रि के आसपास 140 रुपए प्रति किलो हो गए थे।
इसलिए आ रही गिरावट
बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि देश में मूंगफली का प्रमुख उत्पादन गुजरात में होता है। यहां मूंगफली का उत्पादन अधिक होता है। इसलिए उत्पादक क्षेत्र में अनाज के दाम काफी कम बोले जा रहे हैं। तेल मिलों को सस्ता अनाज मिलने से भी तेल के दाम में गिरावट आई है। जानकारों का कहना है कि नाइजर सीड ऑयल की खपत देश में हो रही है। इसका निर्यात नहीं हो रहा है। हालांकि मांग भी कमजोर है। प्रमुख उपभोक्ता सोयाबीन तेल की मांग कमजोर बताई जा रही है।
थोक व्यापारी क्या कहते हैं
नमकीन-मिठाई व्यापारी प्रेमनारायण यादव 'कुंदन' का कहना है कि नवरात्रि के दौरान थोक बाजार से जो अनाज उन्होंने 9000/9200 रुपये में खरीदा था, उसे अब 6500/7000 रुपये प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। तेल दलाल रमाकांत तिवारी का कहना है कि नाइजर सीड समेत सभी खाद्य तेलों की मांग कमजोर है। थोक तेल व्यापारी देवानंद सचदेवा का कहना है कि मूंगफली तेल समेत अन्य खाद्य तेलों में मंदी आई है। थोक बाजार में सोयाबीन और मूंगफली तेल में 10 से 12 रुपये प्रति किलो का अंतर है, जो ऊंचे भाव में 40 से 45 रुपये हुआ करता था। हालांकि खुदरा बाजार में खाद्य तेलों में ज्यादा मंदी नहीं है।