- ऊर्जा परिवर्तन और शून्य कार्बन उत्सर्जन को लेकर प्राथमिक पूंजी निवेश के लिए 35000 करोड़ रुपये के आबंटन का प्रस्ताव
- पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और प्रत्युत्तर संबंधी कार्यों को प्रोत्साहित करने के ग्रीन क्रेडिट प्रोग्राम अधिसूचित किया जाएगा
- पीएम-प्रणाम के माध्यम से वैकल्पिक उर्वरकों के साथ-साथ रासायनिक उर्वरकों के संतुलित इस्तेमाल को बढ़ावा दिया जाएगा
नई दिल्ली । केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने आज 01 फरवरी 2023 को संसद में केन्द्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि भारत हरित उद्योग और आर्थिक परिवर्तन लाने के लिए वर्ष 2070 तक ‘पंचामृत’ तथा निवल-शून्य कार्बन उत्सर्जन की ओर दृढ़ता से आगे बढ़ रहा है। वित्त मंत्री ने कहा कि पर्यावरण के प्रति सजग जीवन शैली के आंदोलन को गति देने के लिए ‘लाइफ’ अथवा पर्यावरण के लिए जीवनशैली की संकल्पना की गई है। यह बजट विकास पर दिए गए हमारे विशेष ध्यान पर आधारित है जो अमृतकाल में हमारा मार्गदर्शन करेगा।
हरित हाइड्रोजन मिशन
वित्त मंत्री ने कहा कि हाल ही में घोषित राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन की मदद से अर्थव्यवस्था को निम्न कार्बन सघनता वाली स्थिति में ले जाने जीवाश्म ईंधन के आयातों पर निर्भरता कम होगी। उन्होंने कहा ‘इससे भारत को इस उदीयमान क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और बाजार में अग्रणी बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा।‘ श्रीमती सीतारमण ने यह भी कहा कि हमारा लक्ष्य वर्ष 2030 तक 5 एमएमटी का वार्षिक उत्पादन हासिल करना है।
ऊर्जा परिवर्तन और भंडार परियोजनाएं
वित्तमंत्री ने अपने प्रस्ताव में कहा कि इस बजट में पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा ऊर्जा-परिवर्तन तथा निवल-शून्य उद्देश्यों और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में प्राथमिकता प्राप्त पूंजीगत निवेशों के लिए 35000 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि अर्थव्यवस्था को धारणीय विकास के मार्ग पर ले जाने के लिए 4000 एमडब्ल्यूएच की क्षमता वाली बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों को व्यवहार्यता अंतर निधीयन के माध्यम से सहायता दी जाएगी। उन्होंने कहा ‘पम्प्ड स्टोरेज परियोजनाओं के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना भी तैयार की जाएगी।’
नवीकरणीय ऊर्जा का निष्क्रमण
लद्दाख से 13 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा के निष्क्रमण और ग्रिड एकीकरण के लिए अंतर-राज्यीय पारेषण प्रणाली 20700 करोड़ रूपये के निवेश के साथ निर्मित की जाएगी जिसमें 8300 करोड़ रूपये की केन्द्रीय सहायता शामिल है।
हरित ऋण (क्रेडिट) कार्यक्रम
वित्त मंत्री ने बजट प्रस्ताव में बताया कि व्यवहारगत परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत हरित ऋण कार्यक्रम को अधिसूचित किया जाएगा। इससे कंपनियों व्यक्तियों और स्थानीय निकायों को पर्यावरण की दृष्टि से संधारणीय और उत्तरदायित्वपूर्ण कार्य करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने कहा ‘इस कदम से ऐसे क्रियाकलापों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने में मदद मिलेगी।’
पीएम-प्रणाम
‘पृथ्वी माता के पुनर्रूद्धार इसके प्रति जागरूकता पोषण और सुधार हेतु प्रधानमंत्री कार्यक्रम’ राज्यों और संघ राज्य-क्षेत्रों को रसायनिक उर्वरकों के संतुलित प्रयोग तथा इनके स्थान पर वैकल्पिक उर्वरकों के प्रयोग को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु शरू किया जाएगा।
गोबरधन स्कीम
गोबरधन (गैल्वनाइजिंग ऑर्गेनिक बायो-एग्रो रिसोर्सिज धन) नामक स्कीम के तहत 500 नए ‘अवशिष्ट से आमदनी’ संयंत्रों को चक्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया जाएगा। इनमें 200 कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) संयंत्र शामिल होंगे जिनमें शहरी क्षेत्रों में 75 तथा 300 समुदाय या कलस्टर आधारित संयंत्र हैं जिनमें कुल लागत 10000 करोड़ रूपये होगी। मिश्रित कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस पर करों की कटौती से बचने के लिए जीएसटी का भुगतान किए गए कंप्रेस्ड बायोगैस पर आबकारी शुल्क में छूट का प्रस्ताव किया गया। वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की कि प्राकृतिक और बायोगैस का विपणन कर रहे सभी संगठनों के लिए 5 प्रतिशत का सीबीजी अधिदेश यथासमय लाया जाएगा। उन्होंने कहा ‘बायो-मास के संग्रहण और जैव-खाद के वितरण के लिए उपयुक्त राजकोषीय सहायता प्रदान की जाएगी।’
भारतीय प्राकृतिक खेती बायो-इनपुट संसाधन केंद्र
बजट प्रस्ताव की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा ‘अगले तीन वर्षों में हम एक करोड़ किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए सहायता देंगे।‘ उन्होंने कहा कि इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर वितरित सूक्ष्म-उर्वरक और कीटनाशक विनिर्माण नेटवर्क बनाते हुए 10000 बायो-इनपुट रिसोर्स केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
मिश्टी
वित्त मंत्री ने अपनी बजट घोषणा में कहा कि वन-रोपण में भारत को मिली सफलता के आधार पर मनरेगा सीएएमपीए कोष और अन्य स्रोतों के बीच तालमेल के माध्यम से तटीय रेखा के साथ-साथ और लवण भूमि पर जहां भी व्यवहार्य हो मेंग्रूव पौधारोपण के लिए ‘तटीय पर्यावास और ठोस आमदनी के लिए मैंग्रूव पहल मिश्टी की शुरूआत की जाएगी।
अमृत धरोहर
वित्त मंत्री ने अपनी बजट घोषणा में आर्द्रभूमि जैव विविधता का संरक्षण करने वाले स्थानीय समुदायों के महत्व के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि अमृत धरोहर योजना से उनके अद्वितीय संरक्षण मूल्यों को बढ़ावा मिलेगा। इस स्कीम को आर्द्र भूमि के इष्टतम उपयोग को बढ़ावा देने तथा जैव-विविधता कार्बन स्टॉक पर्यावरणीय-पर्यटन के अवसरों तथा स्थानीय समुदायों के लिए आय सृजन बढ़ाने के लिए अगले तीन वर्षों में कार्यान्वित किया जाएगा।