सरकार ने बताया: अगली गोल्ड बॉन्ड किश्त पर फिलहाल नहीं लिया गया कोई फैसला

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व्यापार : वित्त मंत्रालय ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एजीबी) योजना की प्रभावशीलता और भविष्य के बारे में बताया। इसमें एजीबी की सफलता पर प्रकाश डाला गया और एसजीबी की नई किश्तों को जारी करने के बीच वैश्विक भू-राजनीतिक तनावों के प्रभाव के बारे में बताया गया। 

एसजीबी क्या है?

एसजीबी सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य ग्राम सोने में होता है। ये आरबीआई द्वारा जारी किए गए अनिवार्य प्रमाणपत्र हैं। इससे व्यक्ति अपनी भौतिक संपत्ति की रक्षा की चिंता किए बिना सोने में निवेश कर सकते हैं। 

क्या एसजीबी योजना विफल रही?

राज्यसभा सांसद रजनी अशोकराव पाटिल ने सरकार से एसजीबी पर कई प्रश्न पूछे। उन्होंने पूछा क्या एसजीबी योजना विफल रही हैं। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने जवाब में बताया कि भौतिक सोने की मांग को कम करने में मदद के लिए 2015 में एसजीबी योजना शुरू की गई थी। 31 मार्च 2025 तक इस योजना के तहत लगभग 146.96 टन सोने के बराबर बॉन्ड सब्सक्राइब किए गए, जिसकी कुल वैल्यू करीब 72,275 करोड़ रुपये रही। ये सब्सक्रिप्शन 67 अलग-अलग किश्तों के जरिए जुटाए गए। इसमें से 15 जून, 2025 तक 18.81 टन एसजीबी का रिडेम्पशन किया जा जुका है। 

अगली किस्त कब होगी जारी?

दूसरा प्रश्न पूछा गया कि सरकार नागरिकों के लिए एसजीबी की अगली किस्त कब तक जारी करेगी। पंकज चौधरी ने बताया कि केंद्र सरकारी प्रतिभूतियों , ट्रेजरी बिलों, एसजीबी आदि सहित कई माध्यमों से संसधान जुटाती है। इन माध्यमों का चयन सरकार द्वारा ऋण की लागत के तुलनात्मक मूल्यांकन के आधार पर किया जाता है। हाल ही में वैश्विक भू-राजनीतिक अस्थिरता ने सोने की कीमतों को काफी प्रभावित किया है। इससे एसजीबी के जरिए उधार लेने की लागत बढ़ गई है। सरकार का प्रयास उधारी की लागत को कम करना है।  इसलिए एसजीबी की नई किस्तों की पेशकश का निर्णय लेते समय इस पहलू पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। एसजीबी की अंतिम किस्त, एजीबी 2023-24 सीरीज IV फरवरी 2024 में जारी की गई थी। 

एसजीबी से संबंधित कुछ खास बातें

जानें कैसे ले सकते हैं एसजीबी की इसकी सदस्यता?

चूँकि ये बॉन्ड आरबीआई द्वारा भारत सरकार के शेयरों के अंतर्गत जारी किए जाते हैं, इसलिए सदस्यता के लिए एक विशेष समय-सीमा पहले से निर्धारित होती है, जिसके दौरान निवेशकों के नाम पर किश्तों में एक सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना जारी की जाती है। आमतौर पर, आरबीआई हर 2-3 महीने में एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके नए सॉवरेन बॉन्ड जारी करने की घोषणा करता है, जिसमें एक सप्ताह का समय होता है जिसके दौरान लोग इस योजना की सदस्यता ले सकते हैं।

कैसे तय होती है कीमतें?

स्वर्ण बांड का अंकित मूल्य भारतीय रुपये में होगा, जो सदस्यता अवधि से पहले के सप्ताह के अंतिम 3 कार्यदिवसों के लिए इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित 999 शुद्धता वाले सोने के बंद भाव के साधारण औसत के आधार पर तय किया जाएगा।