Privatisation: देश में निजीकरण को लेकर सरकार तेजी से काम कर रही है। लेकिन इस बीच रेल यात्रियों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। निजीकरण के लिए सरकार ने कई कंपनियों की लिस्ट बनाई है। इसके तहत लगभग आधे दर्जन से अधिक सार्वजनिक कंपनियों की सूची तैयार हुई है। इनमें शिपिंग कॉर्प, कॉनकॉर, विजाग स्टील, आईडीबीआई बैंक, एनएमडीसी का नगरनार स्टील प्लांट और एचएलएल लाइफकेयर को शामिल किया गया है। इसी क्रम में रेलवे के निजीकरण को लेकर हमेशा ही सवाल उठते रहे हैं। इन सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए केंद्रीय रेल मंत्री अशिनी वैष्णव ने कहा है कि भारतीय रेलवे का निजीकरण करने का सरकार का कोई इरादा नहीं है। उन्होंने इस बात से भी इनकार किया कि हाल के वर्षों में रेलवे भर्ती बोर्ड के माध्यम से नियुक्त कर्मचारियों की संख्या घट रही है और अनुबंधित कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है।
भारतीय रेलवे आने वाले समय में होगा और भी एडवांस
लोकसभा में सवाल के जवाब में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार ने पहले भी कहा है और एक बार फिर हम सभी को यह स्पष्ट कहना चाहते है कि भारतीय रेल का निजीकरण नहीं होगा इसके विपरीत आने वाले समय में और भी एडवांस हो जाएगा, इसके लिए लगातार तेजी से परियोजनाएं चल रही है। रेलवे लगातार रेल पटरी विकास करने और सिंगल लाइन को डबल करने में लगी हुई है, ताकि ऐसी जगहों पर सफर करने वाले यात्रियों को राहत मिल सके। इसके साथ ही यह भी कहा कि रेलों की लेटलतीफी पर जल्द ही कदम उठाए जाएंगे। मोदी सरकार के कदमों का उल्लेख करते हुए रेल मंत्री ने कहा, हमारी सरकार बनने के बाद सबसे पहले सफाई पर ध्यान दिया गया। इसके बाद जमीनी कार्यालयों के स्तर पर अधिकारियों को शक्तियां दी गईं। आज ज्यादातर निविदाएं फील्ड अधिकारियों द्वारा तय होती हैं, वे रेलवे बोर्ड के पास नहीं आती। प्रधानमंत्री ने रेलवे को नयी दिशा दी। बहुत बड़े पैमाने पर परिवर्तन हुआ है।
नहीं होगा मालगाड़ियों का भी निजीकरण
रेल मंत्री अशिनी वैष्णव ने यह भी स्पष्ट किया कि मालगाड़ियों का भी निजीकरण नहीं किया जा रहा है। रेल मंत्री ने कहा, ‘सरकार की दृष्टि में ‘रणनीतिक क्षेत्र’ के रूप में रेलवे की सामाजिक जवाबदेही है। इसका अब तक पालन किया गया और आगे भी किया जायेगा। इसे वाणिज्यिक व्यवहार्यता पर ध्यान देते हुए पूरा किया जा रहा है।’ गौरतलब है कि इस विषय पर चर्चा के दौरान कांग्रेस और कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्यों ने सरकार पर रेलवे के ‘निजीकरण’ की ओर कदम बढ़ाने और सिर्फ मुनाफा कमाने पर ध्यान देने का आरोप लगाया था।
वाराणसी में बुलेट ट्रेन और रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास
रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण काशी रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास किया जाएगा और इसका डिजाइन वाराणसी के धार्मिक और मंदिरों की संस्कृति को ध्यान में रख कर तैयार किया जाएगा. वैष्णव ने कहा कि 350 करोड़ रुपये की लागत से स्टेशन का पुनर्विकास करने से आर्थिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिलेगा.
गैर-रेलवे भूमि पर विकसित होगा टर्मिनल
रेल मंत्री ने बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि टर्मिनल को गैर-रेलवे भूमि पर विकसित करना है, जिसके लिए जीसीटी आपरेटरों को सही जगह चुनने की जिम्मेदारी दी गई है. रेल मंत्री के अनुसार, टर्मिनल के निर्माण और संचालन के लिए जीसीटी आपरेटरों का चयन निविदा प्रक्रिया के जरिए किया जाएगा.