नई दिल्ली। खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है।हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है।जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है।उपभोक्ता मंत्रालय के अनुसार, चावल की थोक कीमत एक साल में 10.7 फीसदी बढ़कर 3,357 रुपये क्विंटल हो गई है।खरीफ के फसल में धान की बुवाई कम होने से आने वाले समय में चावल की कीमतें बढ़ सकती हैं।इस बार चावल के उत्पादन में 60-70 लाख टन की कमी आने का अनुमान है।इससे महंगाई की दरों पर भी असर पड़ेगा।खुदरा महंगाई अगस्त में सात फीसदी रही है।हालांकि, थोक महंगाई की दर 11 माह के निचले स्तर पर रही है।जून-सितंबर में अनियमित व दक्षिण पश्चिम की बारिश में देरी से धान की फसल कम होने का अनुमान है।
उत्पादन की कमी से बढ़ सकते हैं चावल के दाम
![News Desk](https://pradeshlive.com/wp-content/litespeed/avatar/79338426aff9b610963273f974e16a56.jpg?ver=1721812505)
By News Desk
0
200
- Tags
- Production
- rice
Previous article
Next article
RELATED ARTICLES