Shankh : हिंदू धर्म में पूजा और शुभ कार्यों के दौरान प्रयोग लाये जाने वाले शंख का बहुत ज्यादा धार्मिक महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान बहुमूल्य चीजों और धन की देवी के साथ शंख का भी प्राकट्य हुआ था। जिस प्रकार हिंदू धर्म में तमाम तरह के शिवलिंग और शालिग्राम पूजे जाते हैं, उसी प्रकार पूजा में अलग-अलग प्रकार के शंखों का अलग-अलग प्रयोग होता है। कुछ शंख बजाने के लिए तो कुछ शंख सिर्फ पूजन एवं दर्शन के लिए शुभ माने गए हैं। आए सनातन परंपरा में शुभता के प्रतीक माने गए शंख के प्रकार एवं उसके धार्मिक एवं ज्योतिषीय महत्व के बारे में विस्तार से जानते हैं।हिंदू धर्म में किसी भी शुभ काम की शुरुआत के पहले शंख बजाया जाता है। अध्यात्म में शंख ध्वनि ओम ध्वनि के समान ही मानी गई है। यह नकारात्मक ऊर्जा को नष्ट करके सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। देवता में शंख को भगवान विष्णु ने धारण किया है। धार्मिक मान्यता के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान बहुमूल्य चीजें निकली थी उस बहुमूल्य चीजों में से एक शंख भी था।
कितने प्रकार के होते हैं शंख
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सनातन परंपरा में शंख के 10 प्रकार को बेहद शुभ माना गया है। जिनमें कामधेनु शंख, गणेश शंख, अन्नपूर्णा शंख, मोती शंख, विष्णु शंख, ऐरावत शंख, पौंड्र शंख, मणिपुष्पक शंख, देवदत्त शंख और दक्षिणावर्ती शंख शामिल है। मान्यता है कि ये शंख जिसके पास होते हैं, उनके घर में हमेशा सुख-संंपत्ति और सौभाग्य का वास बना रहता है।
शंख का महत्व
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शास्त्रों के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान शंख की उत्पत्ति हुई थी जो चौदह रत्नों में से एक माना जाता है। इसलिए शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना जाता है। इसी कारण इसका संबंध भगवान विष्णु से है।धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शंख को भगवान विष्णु के शस्त्रों में से एक माना जाता है। भगवान विष्णु के हाथों में चक्र, गदा, कमल का फूल और शंख होता है। इसलिए कहा जाता है कि जिस घर में शंख वादन किया जाता है तो इसकी ध्यान से भगवान विष्णु आकर्षित होकर घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
शंख की पूजा से संवरता है भाग्य
हिंदू धार्मिक मान्यता के अनुसार सभी शंख का अपना एक अलग महत्व होता है और सभी शंख कुछ न कुछ शुभ फल अवश्य प्रदान करते हैं लेकिन इनमें विष्णु शंख, मोती शंख और दक्षिणावर्ती शंख को घर में रखने और उसकी पूजा करने से व्यक्ति का सौभाग्य जगता है और उसे जीवन में कभी किसी चीज की कोई कमी नहीं होती है।हिंदू धर्म में चाहे पूजा पाठ हो या फिर बरकत की बात हो हर रूपों में शंखों का बहुत महत्व हैं। शंख के जितने प्रकार होते है, उनका कुछ न कुछ अपना महत्व होता ही है।
शंख की पूजा और बजाने के लाभ
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1.हिंदू धर्म में शंख को माता लक्ष्मी का भाई माना गया है। यही कारण है कि जिस घर में शंख की पूजा होती है, वहां पर धन की देवी मां लक्ष्मी का हमेशा वास बना रहता है।हिंदू मान्यता के अनुसार किसी भी शुभ कार्य को शुरु करते समय शंख बजाने से वह बगैर किसी बाधा के समय से पूर्ण होता है।मान्यता है कि जिस घर में प्रतिदिन पूजा में शंख बजाया जाता है, उस घर की सारी नकरात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और वहां पर हमेशा सुख-समृद्धि बनी रहती है।शंख को प्रतिदिन बजाने वाले व्यक्ति के फेफड़े हमेशा मजबूत और मन शांत रहता है।
2.घर में रखने से वास्तु दोष दूर होता है। मान्यता है कि यदि शंख को घर के दरवाजे के पास रखा जाए तो घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होता है।जो भी व्यक्ति नियमित रूप से शंख की पूजा करता है। उसके घर में धन की देवी माता लक्ष्मी का वास बना रहता है। ऐसे मान्यता है की माता लक्ष्मी शंख की बहन है।हिंदू धर्म में किसी भी शुभ को शुरू करने से पहले शंख बजाया जाता है।
3.क्योंकि ऐसा करना बहुत शुभ माना जाता है।शंख को प्रतिदिन बजाने वाले व्यक्ति के फेफड़े हमेशा मजबूत और मन शांत रहता है।जो व्यक्ति नियमित रूप से अपने घरों में शंख बजाता है, उसके घर में सकारात्मकता बनी रहती है।अगर घर में वास्तु दोष है तो आप घर में शंख रखना चाहिए। लेकिन एक बात ध्यान रखें की शंख को घर के दरवाजे के पास रखें।
पूजा में जरूरी होता है शंख
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पंडित इंद्रमणि घनस्याल के अनुसार, शंख मां लक्ष्मी और भगवान विष्णु से संबंध रखता है। ऐसे में भगवान विष्णु की पूजा के समय शंख का उपयोग फलदायी होता है। प्राचीन काल में ऋषि-मुनि उपासना। यज्ञ के समय शंख का उपयोग करते थे। शंख की ध्वनि से देवता प्रसन्न होते हैं और भक्तों की पुकार सुनते हैं, इसलिए पूजा में शंख बजाना शुभ होता है।पूजा घर में शंख रखने से मां लक्ष्मी का वास होता है। दक्षिणावर्ती शंख और भी अधिक शुभ और फलदायी होता है। सुबह-शाम शंख बजाने से घर में मौजूद बुरी शक्तियों का नाश होता है और पॉजिटिव एनर्जी का संचार होने के साथ ही परिवार के सदस्यों का मन सकारात्मक रहता है।
शंख बजाने से पहले जान लें ये नियम
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1.शास्त्रों में शंख से जुड़े कुछ नियम बताए गए हैं। पूजा में शामिल शंख को बजाना नहीं चाहिए। बजाने के लिए किसी दूसरे शंख का उपयोग कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि पूजनीय शंख को बजाने से वह जूठा और अपवित्र हो जाता है।
2.पूजा घर में शंख को लाल वस्त्र पर रखना चाहिए। पूजनीय शंख में शुद्ध पानी भरकर रखें और पूजा के दौरान पूरे घर में इस पानी से छिड़काव करें। शंख को बजाने से पहले हमेशा गंगाजल या पवित्र जल से साफ करना जरूरी होता है। पूजा के समय शंख के इन नियमों का ध्यान रखना चाहिए।
3.भगवान विष्णु को शंख से जल अर्पित करना शुभ माना जाता है। लेकिन कभी भी भगवान शिव और सूर्य देवता को अर्पित नहीं करना चाहिए।शंख बजाने से पहले एक बार गंगाजल से उसे धो जरूर लेना चाहिए। अगर गंगाजल नहीं है तो आप पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं।पूजा वाले शंख में हमेशा जल भर कर रखना चाहिए। रोजाना पूजा-पाठ करने के बाद पूरे घर में इस जल को छिड़कना चाहिए।
4.इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती हैं और सुख-शांति बनी रहती है।कभी भी अपना शंख किसी को इस्तेमाल करने को नहीं देना चाहिए और न ही किसी दूसरे का इस्तेमाल करना चाहिए।शंख को सुबह और शाम के समय बजाना चाहिए। इसके अलावा किसी अन्य समय नहीं बजाना चाहिए।
शंख से जुड़े उपाय
1.अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं, किसी तरह के कर्ज से बचने और मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए घर में दक्षिणावर्ती शंख को विधिविधान के साथ स्थापित करें ।नियमित पूजा करें। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में दक्षिणावर्ती शंख होता है वहां हमेशा मां लक्ष्मी का वास होता है। वहीं, अगर आप इसे अपने कार्यस्थल पर रखते हैं तो भी शुभ फलों की प्राप्ति होगी।
2.ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि शंख की ध्वनि को मंगलकारी माना गया है। कहा जाता है कि जिस घर में शंखनाद होता है, वहां किसी प्रकार की उपरी बाधा या भूत प्रेत घर में नहीं आते। कहते हैं कि शंख बजाने से दरिद्रता और दुख आदि दूर होते हैं।
3.शंख को लेकर मान्यता है कि शंख बजाने वाले की लंबी आयु और आरोग्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी कहा जाता है कि शंख बजाने से व्यक्ति के फेफड़े मजबूत होते हैं। इतना ही नहीं, नियमित घर में शंखनाद करने से घर की नकारात्मक शक्तियों का नाश होता है और सकारात्मक ऊर्जा वास करती है।
शंख बजाते समय ध्यान रखें ये बातें
शंख की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। भगवान विष्णु का प्रिय शंख को बजाने से घर में पॉजिटिव एनर्जी का प्रवाह बढ़ जाता है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा हमेषा बनी रहती हैं।सनातन धर्म में शंख का काफी महत्व है। शंख को नियमित रूप से बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होने के साथ गृह-क्लेश से निजात मिलती है। माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान विष्णु का आशीर्वाद बना रहता है। जानिए शंख बजाते समय किन बातों का रखना चाहिए ध्यान।