शुभ या अशुभ ?: सनातन धर्म में पूजा के दौरान हमें कुछ ऐसे संकेत मिलते हैं जिनसे हम पता लगा सकते हैं कि आपकी पूजा सफल हुई है या असफल। हर व्यक्ति अपने इष्ट की आराधना करता है। पूरी श्रद्धा के साथ पूजा पाठ करते हैं। कई बार आपने देखा होगा की पूजा के समय हाथ जलना, दीपक बुझना, आंखों से आंसू आना, उबासी का आ जाती है। इस तरह की घटनाएं बहुत कुछ कहती है। कई बार पूजा करते समय हमें कुछ संकेत भी मिलते हैं जिन्हें हम कई बार नजरअंदाज भी कर देते हैं। तो आइए जानते हैं पूजा के समय मिलने वाले संकतों के क्या है मतलब। आपकी पूजा सफल हुई है या नहीं।
पूजा के वक्त हाथ जलना
अगर पूजा का दीपक जलाते समय या पूजा पाठ के किसी कार्य के दौरान आपका हाथ जल जाता है तो इसका अर्थ है कि पूजा के दौरान आपसे जाने-अनजाने में कोई गलती हुई है। ऐसी स्थिति में आप हाथ जोडकर जाने-अनजाने में हुई गलती की माफी मांग लें. ऐसे में कोशिश करें की आप भगवान की पूजा और अनुष्ठान सही तरीके से करें। साथ ही पूरी कोशिश करें कि धार्मिक अनुष्ठान सही विधि से करें.
पूजा के दौरान दीपक का बुझना
पूजा के दौरान दीया या दीपक का बुझना आमतौर पर अपशगुन माना जाता है. मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो यह देवी-देवता के नाराज होने का संकेत माना जाता है. साथ ही माना जाता है कि पूजा पूरी नहीं हुई और उसका पूरा फल नहीं मिलेगी. ऐसी भी मान्यता है कि यदि पूजा के दौरान दीपक बुझ जाए तो मनोकामना पूर्ति में बाधा आती है. एक अन्य मान्यता के अनुसार दीपक का बुझना इस बात का संकेत है कि व्यक्ति सच्चे मन से भगवान की पूजा नहीं कर रहा है.
अखंड ज्योति का दीपक बुझना: यदि किसी संकल्प पूर्ति के लिए अखंड ज्योति प्रज्वलित की गई हो तो उसका बहुत ध्यान रखें क्योंकि अखंड ज्योति के बुझने से मनोकामना पूर्ति में संदेह हो सकता है. मान्यता है कि ऐसी घटना परिवार पर कोई संकट ला सकती है. लिहाजा बेहतर है अखंड ज्योति प्रज्वलित करते समय उसके आसपास कांच की घेरन रख दें और ज्यादा मात्रा में तेल-घी रखें. साथ ही अखंड ज्योति के बगल में एक छोटी दीपक भी जलाएं. ताकि उसे से फिर अखंड ज्योति जलाई जा सके.
हालांकि दीपक बुझने की कई वजह हो सकती हैं. कई बार हवा के कारण या दीपक की बत्ती में कोई समस्या होने पर भी दीपक बुझ सकता है. यदि ऐसा हो तो हाथ जोड़कर भगवान से माफी मांगें और फिर से दीपक जला लें. बेहतर होगा कि दीपक जलाते समय पर्याप्त मात्रा में तेल या घी रखें. बत्ती अच्छे से बनाएं. आरती के समय पंखा बंद कर दें. या फिर दीपक को हवा से बचाने के लिए कोई आड़ बना दें, ताकि दीपक जलता रहे.
घर के मंदिर में आग लगना
यदि घर के मंदिर में आग लग जाए तो यह भी अशुभ घटना है. यह बताती है कि आपके घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ गई है, नकारात्मक शक्तियां मौजूद हैं. यदि घर में अचानक खूब झगड़े होने लगें, घर के लोगों की तबियत बिना किसी बड़े कारण के बार-बार बिगड़े तो यह घर में नकारात्मकता बढ़ने का संकेत है. ऐसी स्थिति में सजग रहें, साथ ही भगवान का पूजा-पाठ विधि-विधान से करें. घर में रोज लौंग और कपूर जलाएं.
पूजा के समय आंख में आंसू आना
पूजा के दौरान आंख में आंसू आना अगर किसी व्यक्ति की आंख से पूजा के दौरान आंसू आते हैं तो इसका मतलब है कि आपके मन में जो दुख है वह अब जल्द ही समाप्त होने वाला है। साथ ही आप व्याप्त बुराइयों पर जीत हासिल कर लेंगे।
पूजा के समय उबासी का आना
अगर पूजा के दौरान बार बार आपको उबासी आती है तो शास्त्रों के अनुसार, ऐसा होता इस बात का संकेत है कि आपके अंदर किसी न किसी तरह की नेगेटिविटी मौजूद है। साथ ही कई बार मलिन विचारों के कारण भी आपको पूजा के दौरान उबासी आ सकती है।
पूजा के समय छींक आना शुभ होता है या अशुभ?
आपके मन में यह सवाल आ रहा होगा की पूजा करते समय छींक आना शुभ या अशुभ होता है? पूजा करते समय व्यक्ति को ध्यान मन से भगवान की आराधना करनी पड़ती है अतः पूजा के समय छींक आना अशुभ माना जाता है। परंतु बार बार छींक आना मतलब शुभ एवं अशुभ नहीं माना जा सकता है। ऐसा भी माना जाता है कि छींक से व्यक्ति जल्द स्वस्थ होता है। कई स्थितियों में छींक का आना काफी शुभ माना जाता है…
>> पूजा के समय छींक आना अशुभ माना जाता है।
>> अगर आप किसी शुभ कार्य हेतु जा रहे हो और उस समय किसी बछड़ा या गाय द्वारा छींक दिया जाए तो आपका कार्य अवश्य ही सफल होता है।
>> शास्त्रों के अनुसार अगर दवा लेते समय छींक आता है और दवा आपके हाथ से गिर जाता है तो उसे शुभ माना जाता है एवं उस रोग का निवारण जल्द ही हो जाता है।
>> यदि कोई व्यक्ति दुर्घटना स्थल या शमशान के पास छींक मारता है तो उसे वैदिक साहित्य के अनुसार शुभ माना जाता है।
>> अगर कुत्ता एक से अधिक बार छींकता है तो विपत्ति टल जाने की संभावना होती है।
पूजा सफल होने पर मिलते हैं ऐसे संकेत…
शास्त्रों में पूजा-पाठ, प्रार्थना को बहुत महत्व दिया गया है. पूजा-प्रार्थना करने से भगवान प्रसन्न होते हैं, जीवन में सकारात्मकता, सुख-समृद्धि आती है. व्यक्ति सुकून और शांति से अपना जीवन जीता है. यही वजह है कि लोग घंटों तक पूजा-पाठ करते हैं और भगवान को प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं. लेकिन आपकी पूजा-पाठ सफल हो रही है या नहीं या भगवान आपकी पूजा स्वीकार कर रहे हैं या नहीं, इस बात का पता कुछ संकेतों से चलता है. आज हम ऐसे ही संकेतों के बारे में जानते हैं, जो बताते हैं कि पूजा सफल हो गई है.
>> यदि आपको लगातार तीन दिनों तक घर से निकलते समय नीलकंठ पक्षी दिखाई दे तो समझ जाइए कि भगवान ने आपकी सुन ली है. आपकी जल्द ही कोई बड़ी मनोकामना पूरी होने वाली है. नीलकंठ पक्षी क दिखना महादेव की कृपा होने का इशारा होता है.
>> यदि आपके घर के सामने अक्सर सफेद गाय आने लगे या किसी दिन सफेद गाय आपके घर के सामने आकर अपने बछड़े को दूध पिलाए तो यह देवी-देवताओं की आप पर कृपा होने का साफ इशारा है. यह बताता है कि आपकी पूजा-प्रार्थना सफल हो रही है और आपके जीवन की सारी समस्याएं दूर होने वाली हैं. भगवान आपके सारे कष्ट और बुरे दिन खत्म करने वाला है.
>> यदि घर के मुख्य द्वार के आसपास चिड़िया घोंसला बना लें तो यह बहुत ही शुभ संकेत होता है. यह इस बात का प्रमाण है कि आपकी पूजा सफल हो गई है. चिड़िया और उनके बच्चों को गलती से भी ना सताएं, बल्कि उनके लिए दाना-पानी रखें.
>> यदि पूजा करते समय आप इतने भावपूर्ण हो जाएं कि आपकी आंखों से आंसू निकलने लगें तो यह इस बात का संकेत है कि ईश्वर ने आपके मन की पुकार सुन ली है.
>> आप सुबह पूजा करने के बाद घर से बाहर जाएं तो कहीं आपको बंदरों का झुंड दिख जाए तो यह भी बताता है कि आपकी पूजा सिद्ध होने वाली है. आप पर भगवान मेहरबान हैं. कोशिश करें कि उन बंदरों को भोजन दें.
>> यदि आपके घर में बिना किसी अगरबत्ती, रूम स्प्रे या आर्टिफिशयल फ्रेगरेंस के इस्तेमाल के भी घर में खुशबू और ताजगी महसूस हो तो यह समझ लें कि आप पर ईश्वर की कृपा है. साथ ही जल्द से जल्द आपके दिन फिरने वाले हैं.
>> पूजा के दौरान घर में किसी अतिथि का आना भी भगवान की कृपा का संकेत है. यदि अतिथि कोई तोहफा भी लेकर आए तो यह साफ इशारा है कि भगवान ने आपकी पूजा स्वीकार कर ली.
>> यदि पूजा के समय जलाए हुए दीपक की लौ अचानक से तेजी से जलने लगे तो समझ जाइए कि आपकी पूजा सिद्ध होने वाली है और ईश्वर की कृपा से आपके दुख भरे दिन जल्द ही दूर होने वाले हैं.
>> अगर अक्सर आपकी नींद सुबह 3:00 से 5:30 के बीच यानी कि ब्रह्म मुहूर्त में खुले तो यह भी ईश्वर का संकेत है कि भगवान आपकी भक्ति से प्रसन्न हैं.
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