Vastu Tips : वास्तु शास्त्र सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा पर आधारित होता है. वास्तु में घर की हर दिशा विशेष स्थान होता है. घर में कौन सी चीज किस दिशा में रखनी चाहिए, इसका वर्णन भी वास्तु शास्त्र में किया गया है. घर के पूजा घर में इससे जुड़े भी वास्तु के कुछ नियम हैं. जल का न सिर्फ हिंदु धर्म में बल्कि सभी धर्म में महत्वपूर्ण स्थान है। पवित्र नदियों का जल हो या घर में रखा जल सभी को पूजा या मांगलिक कार्यों के लिए पवित्र माना जाता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार जब भी हम घर का निर्माण करते हैं तो हम पूजा स्थल या पूजा घर जरूर बनाते हैं। पूजा घर में पूजन सामग्री के अलावा शंख, गंगाजल और पानी का लोटा रखा जाता है। पूजा घर में जल रखने के पीछे कई कारण होते हैं। वास्तु के अनुसार पूजा घर में जल रखना जरूरी होता है। आइए जानते हैं इसके पीछे का कारण।
स्थान की पवित्रता
पूजा में हमेशा ही पवित्रता का ध्यान रखा जाता है और इसीलिए पूजा में अभिषेक करने के लिए जल का उपयोग किया जाता है। जल आसपास की अशुद्धियां और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। इसीलिए पूजा घर में जल का पात्र रखा जाता है।
पूजा घर में वरुण देव की स्थापना
माना जाता है कि जिस तरह गुरुड़ देव की स्थापना गरुड़ घंटी के रूप में की जाती है ठीक उसी तरह वरुण देव की स्थापना जल के रूप में की जाती है. मान्यताओं के अनुसरा कि जल की पूजा वरुण देव के रूप में होती है और वही दुनिया की रक्षा करते हैं. पूजा घर में जल में तुलसी के कुछ पत्ते डाल कर रखने से वह जल पवित्र हो जाता है. पवित्र होने के साथ ही यह जल आचमन योग बन जाता है. इस जल से पूजा स्थल को शुद्ध करने पर देवी-देवता प्रसन्न होते हैं.
पूजा घर में कैसे करें जल की स्थापना
वास्तु शास्त्र के अनुसार उत्तर एवं ईशान कोण में जल की स्थापना करने से घर में सुख एवं समृद्धि बनी रहती है। पूजा के स्थान पर तांबे के बर्तन में जल रखते हैं तो यह बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता के अनुसार जल रखने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
तुलसी जल
वास्तु शास्र के अनुसार पूजा घर में रखे जल में तुलसी के कुछ पत्ते डालने से जल शुद्ध एवं पवित्र होने के साथ ही आचमन योग्य बन जाता है। इसके प्रभाव से घर में हमेशा सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।