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गुजरात चुनाव से मप्र भाजपा के हौसले बुलंद, 200 पार के नारे के साथ फिर मैदान में उतरेगी…

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भोपाल : भाजपा ने मध्य प्रदेश में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस ली है। गुजरात विधानसभा चुनाव में मिली प्रचंड जीत ने मप्र भाजपा के हौसले बुलंद कर दिए हैं। पिछले चुनाव की तरह इस बार भी भाजपा ‘अबकी बार 200 पार’ के नारे के साथ चुनाव मैदान में उतर रही है। सियासी गलियारों पर चर्चा है कि इस बार मध्य प्रदेश में चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को आगे रखकर ही लड़ा जाएगा। पार्टी में मंथन चल रहा है कि गुजरात की तर्ज पर मध्य प्रदेश में आगे बढ़ा जाए। इसके लिए पार्टी संगठन के साथ ही सरकार में व्यापक स्तर पर बदलाव करने की भी चर्चा है। गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई मंत्रियों और वर्तमान विधायकों के टिकट काटे। मध्य प्रदेश में क्या गुजरात का फार्मूला लागू होगा, इस बारे में पार्टी के नेता कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। हालांकि गुजरात और मध्य प्रदेश की सामाजिक व राजनीतिक परिस्थितियों में जमीन-आसमान का फर्क है, ऐसे में भाजपा सरकार और संगठन में बदलाव कर पाएगी या नहीं, यह आने वाले कुछ महीनों में स्पष्ट हो जाएगा। अगले चुनाव में पार्टी ने 51 प्रतिशत वोट बैंक पाने का लक्ष्य तय किया है।

मप्र भाजपा ने 2018 में शिवराज के चेहरे पर चुनाव लड़ा था। हालांकि मोदी के चेहरे को पार्टी ने खूब इस्तेमाल किया, लेकिन शिवराज सिंह के नेतृत्व में पार्टी ने चुनाव लड़ा। पार्टी को सत्ता से हाथ धोना पड़ा। पार्टी की आंतरिक बैठकों में यह निष्कर्ष निकाला गया कि कई टिकट ऐसे बांटे गए, जिनमें पार्टी नेता सहमत नही थे, लेकिन शिवराज सिंह ने टिकट बांटे और उनको जिताने की जिम्मेदारी ली, इसलिए इस बार लगभग यह तय है कि इस बार पार्टी शिवराज के चेहरे पर नहीं, बल्कि मोदी के चेहरे को आगे करके 200 का नारा बुलंद कर चुनावी मैदान में उतरेगी।
वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में भी भाजपा अबकी बार 200 पार के नारे के साथ मैदान में उतरी थी, लेकिन सत्ता की चाबी उसके हाथ में नहीं आ पाई। कांग्रेस का वोट प्रतिशत 2013 के मुकाबले 8 प्रतिशत बढ़ा और उसे 40 .09 फीसदी वोट मिलेख् तो वहीं बीजेपी को 41 प्रतिशत वोट मिले, लेकिन सीटें ज्यादा होने के कारण कांग्रेस ने सरकार बनाने में सफलता हासिल की। कांग्रेस ने 114, जबकि भाजपा ने 109 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी का वोट प्रतिशत 45 के करीब था, तो वहीं 2018 में यह 41 प्रतिशत हो गया। कांग्रेस की बात करें तो 2003 में उसे 36.38 प्रतिशत वोट मिले, जो 2018 में 40.9 हो गए।

सीएम शिवराज जानते हैं कि पिछली बार कुछ गलत टिकट वितरण की वजह से सरकार नहीं बन पाई। इस बार शिवराज सारी चीजों को भूलकर हर वर्ग को साधने में जुटे हैं। चाहे वह युवा हो या फिर बुजुर्ग या महिला। वर्ग सभी के लिए शिवराज ने सौगातों का पिटारा खोल दिया है। गांवों को साधने पंचायत सरपंचों का मानदेय बढ़ाया और उन्हें विकास के लिए ज्यादा राशि दी, तो वहीं शहरी क्षेत्रों के लिए नगरीय निकाय के चुने जनप्रतिनिधियों का मानदेय बढ़ाया गया और उन्हें ढेरों सौगाते खासतौर से वित्त से जुड़ी हुई दीं।

क्‍या जीत का इतिहास रचेगी भाजपा

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का कहना है कि अगले चुनाव में प्रदेश में भाजपा जीत का इतिहास रचने जा रही है। भाजपा का संगठन तंत्र मजबूत है। पार्टी की सरकारों की गरीब कल्याण की योजनाएं लोगों का जीवन बदलने का काम कर रही हैं। इसके साथ ही पार्टी के नेतृत्व पर जनता का विश्वास है। इन सब के आधार पर यह कहा जा सकता है कि गुजरात की प्रचंड जीत की बयार मप्र में भी बहेगी और अबकी बार 200 पार का नारा साकार होगा।

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