Wake up in the morning: रात में जब भरपूर थकान के बाद हम सोने जाते हैं तो सुबह उठने के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ती है, इस स्थिति में इन समस्याओं को जल्द से जल्द ठीक करना जरूरी है। आमतौर पर सुबह उठने के बाद आपका दिमाग तुरंत नहीं जागता है। यह धीरे-धीरे पूरी तरह से एक्टिव होता है। इस प्रक्रिया के दौरान हम थोड़ी-सी थकान और हल्की बेहोशी जैसा महसूस करते हैं। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसी ट्रिक्स बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आपकी नींद भाग जाएगी।
रात को अच्छी नींद के लिए सेहत के जरूरी माना गया है। बिजी लाइफस्टाइल के कारण हम पूरी तरह नींद नहीं ले पाते और फिर सुबह उठना बहुत मुश्किल हो जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट एक हेल्दी अडल्ट को 8 घंटे की सुकून भरी नींद लेने की सलाह देते हैं, लेकिन हर कोई ये टिप्स फॉलो नहीं कर पाता, और फिर जब सुबह उठने का वक्त आता है तो नींद आंखों से दूर जाने का नाम नहीं लेती और साथ ही बदन में काफी ज्यादा दर्द होता है।
नींद भगाने उपाय आसान उपाय
अलार्म को हाथों से रखें दूर
अगर आपको बिस्तर छोड़ने में देर होती है। इसलिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप मोबाइल फोन में अलार्म लगाने के बाद इससे इतनी दूर रखें कि आपको आवाज तो सुनाई दे लेकिन हाथ वहां तक न पहुंच पाए। ऐसा करने से आपको अलार्म बंद करने के लिए बेड से उठना ही होगा और फिर नींद टूट जाएगी।
गुनगुने पानी का सेवन करें
भारत में काफी लोगों को सुबह उठते ही चाय पीने की आदत होती है, जिसे बेड टी भी कहा जाता है, लेकिन ऐसा करने से आपकी एसिडिटी और कब्ज जैसी पेट की परेशानियां पैदा हो सकती है। इसलिए चाय पीने के बजाए आप गुनगुने पानी का सेवन करें , इससे हमारा शरीर तुरंत एक्टिव हो जाता है और जिन लोगों को कब्ज की शिकायत है उन्हें राहत मिलती है। आप चाहें तो हल्के गर्म पानी में शहद और नींबू को मिक्स कर सकते हैं। ऐसा करने से वजन कम करने में मदद मिलती है।
मॉर्निंग वॉक पर जाए
जब एक ऊपर दिए गए उपायों के बावजूद आंखों से नींद गायब नहीं हो रही और सुस्ती का अहसास हो रहा है, तो ऐसे में जरूरी है कि आप मॉर्निंग वॉक पर जाए। कोशिश करें कि 20 से 30 मिनट तक चहलकदमी जरूर करें ताकि आपकी बॉडी एक्टिव हो जाए और फिर वापस बेड पर जाने की जरूरत महसूस न हो।
रात को पूरी नींद लेने के बावजूद सुबह उठने पर थकान और कमजोरी महसूस होना गंभीर विषय नहीं है। अगर यह समस्या लगातार रहती है, तो इसे गंभीरता से लेने की जरूरत होती है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे – स्लीप हाइजीन की कमी, स्लीप एपनिया या फिर इंसोमनिया आदि।