मध्यप्रदेश में आरटीओ (RTO) की 90% व्यवस्था वाहन पोर्टल पर शिफ्ट हो चुकी है। देश के अन्य राज्यों में भी यही व्यवस्था लागू हो रही है और परिवहन विभाग के प्रयास हैं कि देशभर के आरटीओ एक ही पोर्टल पर आ जाएं और सभी काम इसी पोर्टल के माध्यम से करें। इस पोर्टल की वजह से न सिर्फ लोगों को फायदा होगा, अधिकारियों का भी लोड कम होगा। पोर्टल पर काम शुरू होने के बाद अब आरटीओ का 90 प्रतिशत काम डिजिटल हो चुका है। अब वाहनों के रजिस्ट्रेशन और अन्य काम वाहन पोर्टल पर ही होंगे। फिटनेस, परमिट जैसे काम भी वाहन पोर्टल पर ही होंगे।
आरटीओ अधिकारी हरदेश यादव ने बताया कि पहले रोज 200 से अधिक लोग लर्निंग लाइसेंस बनवाने के लिए यहां पर आते थे। अब एक भी इंसान आपको यहां लर्निंग लाइसेंस के लिए नहीं दिखेगा। सभी अपने घर या अन्य जगहों से आनलाइन लाइसेंस निकाल लेते हैं। इससे हमारा भी बहुत काम कम हुआ है। फाइनल ट्रायल के लिए लोग यहां पर आते हैं और इसके बाद लाइसेंस भी उन्हें घर पर ही मिल जाता है।
दूसरे राज्यों में जाकर आसानी से बेच सकेंगे अपनी गाड़ी
बहुत जल्द मध्यप्रदेश के लोग दूसरे राज्यों में जाकर भी अपना वाहन बेच सकेंगे और उन्हें मध्यप्रदेश के आरटीओ में नहीं आना पड़ेगा। यह सुविधा उन्हें ही मिलेगी जिसमें बेचने वाला और खरीदार दोनों ही मध्यप्रदेश के होंगे। वे दोनों जिस भी राज्य में होंगे वहां से वाहन को बेचने की पूरी प्रक्रिया आनलाइन कर सकेंगे। दोनों का आधार मोबाइल नंबर से लिंक होना जरूरी है। वाहन पोर्टल से दोनों के पास ओटीपी आएंगे और दोनों गाड़ी को खरीदने बेचने की प्रक्रिया पूरी कर लेंगे। इसके सभी कागज आनलाइन ही डाउनलोड होंगे और फिर आनलाइन ही अपलोड होंगे। इसके लिए विभाग ने प्रपोजल भेज दिया है। बहुत जल्द यह सुविधा शुरू होने वाली है।
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर देश के किसी भी शहर से सस्पेंड हो सकेगा आपका लाइसेंस
पहले इंदौर का नागरिक यदि किसी अन्य राज्य में जाता था और उसका चालान कट जाता था तो मप्र में उसकी जानकारी प्राप्त नहीं होती थी। अब यदि इंदौर का नागरिक किसी भी राज्य में जाकर नियम तोड़ता है और उसका चालान कटता है तो मप्र के सभी आरटीओ को भी उसकी जानकारी प्राप्त होगी। इसी तरह यदि किसी भी राज्य से लाइसेंस सस्पेंड किया तो फिर यह पूरे देश के लिए सस्पेंड हो जाएगा। पहले इस तरह की कार्यवाही नहीं हो पाती थी।