देश के गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा है कि लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी। उन्होंने ये दावा एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में किया है। दरअसल, ऐसा नहीं है कि सीएए लागू करने की बात अमित शाह ने पहली बार कही है। उन्होंने पिछले साल दिसंबर में अपने बंगाल दौरे के दौरान दावा किया था कि सीएए को लागू करने से कोई नहीं रोक सकता है। गृह मंत्री के बयान को बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आरोप लगाया था कि अमित शाह सीएए को लेकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं।
पिछले महीने केंद्रीय जहाजरानी राज्यमंत्री शांतनु ठाकुर ने बड़ा दावा किया था। उन्होंने कहना था कि देश में अगले एक सप्ताह में सीएए लागू हो जाएगा। हालांकि उनके बयान देने के बाद लंबा वक्त गुजर गया है। शांतुन ठाकुर ने गांरटी देते हुए कहा था कि मैं ये गारंटी दे रहा हूं कि अगले सात दिनों में सिर्फ बंगाल ही नहीं बल्कि पूरे देश में सीएए लागू होगा।
2014 से पहले भारत आए लोगों को मिलेगी नागरिकता
नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए सीएए का उद्देश्य हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है, जो 31 दिसंबर, 2014 से पहले बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भारत आए हैं।
मंजूरी मिलने के बाद हुआ था विरोध प्रदर्शन
दिसंबर 2019 में संसद द्वारा सीएए के पारित होने और उसके बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद, देश के विभिन्न हिस्सों में महत्वपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए। आगामी लोकसभा चुनाव के बारे में बोलते हुए गृह मंत्री ने कहा कि यह चुनाव विकास के खिलाफ भ्रष्टाचार के बारे में है।
उन्होंने कहा, “यह चुनाव भारत बनाम एनडीए के बारे में नहीं है। यह भ्रष्ट शासन बनाम भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस के बारे में है। यह चुनाव उन लोगों के बारे में है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा सुरक्षित करना चाहते हैं बनाम उनके बारे में जो विदेश नीति के नाम पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालते हैं।”