नई दिल्ली । देश में ताप बिजली संयंत्रों के पास 31 अक्टूबर तक कोयले का भंडारण बढ़कर 2.56 करोड़ टन हो गया। मोदी सरकार ने मंगलवार को इसकी जानकारी देकर कहा कि कोविड वर्ष 2020-21 को छोड़कर यह अक्टूबर माह में अबतक का सबसे ऊंचा कोयला भंडार है। बिजली और रेल मंत्रालय के सहयोग से बिजली क्षेत्र को कोयले की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसकी नियमित निगरानी की जाती है।
बिजली क्षेत्र को घरेलू कोयले की आपूर्ति पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 12 प्रतिशत अधिक है। यह किसी भी वित्त वर्ष के पहले सात महीनों में बिजली क्षेत्र को होने वाली सर्वाधिक कोयला आपूर्ति है। कोयला मंत्रालय ने कहा कि कोयले का उत्पादन और आपूर्ति बढ़ाने के लिए 141 नई कोयला खानों को हाल में नीलामी के लिए रखा गया है। मंत्रालय पूर्व में नीलाम की गई खदानों के संचालन के लिए संबंधित राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों के साथ मिलकर समन्वय कर रहा है।
बयान के अनुसार, मंत्रालय पीएम-गतिशक्ति के तहत सभी प्रमुख खानों के लिये रेल संपर्क बढ़ाने के कदम उठा रहा है, ताकि कोयला तेजी से निकाला जा सके। बयान में कहा गया कि कोयला मंत्रालय बिजली क्षेत्र को कोयले की समुचित उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये प्रतिबद्ध है। उल्लेखनीय है कि इस साल गर्मी के मौसम में कोयले की कमी के कारण कई राज्यों को बिजली संकट का सामना करना पड़ा था। हालांकि, कोयला मंत्रालय ने कहा था कि बिजली संकट मुख्य रूप से विभिन्न ईंधन स्रोतों से बिजली उत्पादन में तेज गिरावट के कारण हुआ, न कि घरेलू कोयले की अनुपलब्धता के कारण।
बिजली संयंत्रों के पास 31 अक्टूबर तक कोयले का भंडार बढ़कर 2.56 करोड़ टन
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