Saturday, July 27, 2024
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स्कूलों में शिक्षकों की बनने लगी जोड़ियां, कई शिक्षकों ने आपस में कर ली है शादी

पटना। बिहार में हाल ही में चयनित हुए शिक्षक देश के अलग अलग राज्यों से हैैं। सिलेक्शन के बाद इन्हें प्रशिक्षण दिया गया और फिर स्कूल भी आवंटित किया गया। स्कूल ज्वाइन करने के बाद दूसरे प्रदेशों के होने की वजह से कई दिनों तक छुट्टी पर घर नहीं जा पा रहे हैं। स्कूल में एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं और फिर शादी करने के बाद खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अभिभावकों की रजामंदी से शादी कर ली तो कुछ जीवनसाथी बनने की कगार पर हैं। ऐसे में दहेज की उम्मीद लगाये अभिभावकों की मंशा पर पानी फिर जा रहा है। बीपीएससी ने बहुत लोगों को शिक्षक और शिक्षिका बना दिया। वहीं, शिक्षक और शिक्षिका बनते ही स्कूलों में न केवल पढाई होने लगी है, बल्कि यहां जोडिय़ां भी बनने लगी हैं। हालांकि बीपीएससी के द्वारा नियुक्त शिक्षकों के भाव भी बढ़ गये हैं और दहेज में लाखों रुपयों की डिमांड भी होने लगी है। ऐसे में शिक्षक और शिक्षिकाएं अपना जीवनसाथी स्कूल में ही चुनने लगे हैं। लड़कियों के शिक्षिका बनते ही इनके परिजनों को भी अंतरजातीय रिश्ते भाने लगे हैं, लिहाज चट मंगनी और पट ब्याह भी होने लगी है। ऐसे एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों उदाहरण सामने आने लगे हैं। उल्लेखनीय है कि नव नियुक्त अधिकांश शिक्षक और शिक्षिकाएं युवा हैं, लिहाजा नियुक्ति के बाद जब ये स्कूल पहुंचे तो क्लास की घंटी बजने के साथ-साथ इनके दिल की भी घंटी बजने लगी। एक ही स्कूल में पदस्थापित कई शिक्षक और शिक्षिकाएं धीरे-धीरे करीब आने लगे हैं और साथ में जीने-मरने की कसमें खाते हुए अपना जीवनसाथी चुन रहे हैं। स बात ये है कि इनके परिजनों को भी इससे कोई परेशानी नहीं है। अभिभावकों का कहना है कि दोनों एक साथ एक ही स्कूल में पढ़ा रहे हैं तो इससे अच्छी बात क्या हो सकती है। लिहाजा स्कूल में पढ़ाते-पढ़ाते कुछ शिक्षक एक-दूजे के हो जा रहे हैं। बता दें कि बिहार में हाल ही में चयनित हुए कई शिक्षक उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल के साथ-साथ उत्तराखंड के रहने वाले हैं। चयन के बाद इन्हें प्रशिक्षण दिया गया और फिर साथ-साथ स्कूल भी आवंटित किया गया। स्कूल ज्वाइन करने के बाद दूसरे प्रदेशों के होने की वजह से कई दिनों तक छुट्टी पर घर नहीं जा पा रहे हैं। स्कूल में एक-दूसरे के करीब आ जाते हैं और फिर शादी करने के बाद खुशहाल जीवन व्यतीत कर रहे हैं। कई शिक्षक-शिक्षिकाओं ने अभिभावकों की रजामंदी से शादी कर ली तो कुछ जीवनसाथी बनने की कगार पर हैं। ऐसे में दहेज की उम्मीद लगाये अभिभावकों की मंशा पर पानी फिर जा रहा है।

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