पटना। Bihar के बाहर यूपी, झारखंड समेत अन्य राज्यों के बीपीएससी से बहाल शिक्षकों (BPSC Teacher) की नौकरी पर तलवार लटक गई है। ऐसे शिक्षकों से विभाग ने स्पष्टीकरण मांगना शुरू कर दिया है। शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों से स्पष्टीकरण मांगना शुरू कर दिया है। दरअसल, बिहार के बाहर के निवासियों को आरक्षण का लाभ नहीं दिया जाना था। लेकिन बिहार के बाहर रहनेवाले इन अभ्यर्थियों ने आरक्षण का लाभ लेते हुए नौकरी हासिल कर ली। लेकिन जांच के बाद इसका खुलासा हुआ।
शिक्षा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अब ऐसे शिक्षकों से जवाब तलब किया है। आने वाले समय के ऐसे शिक्षकों को आरक्षण में मिले वेटेज को समाप्त किए जाने से इनकी अब नौकरी जाएगी और इन्हें विभागीय कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा।
सेवा समाप्त की जाएगी
बता दें कि, बिहार के बाहर रहनेवाले जिले में नियुक्त ऐसे सभी विद्यालयों के अध्यापकों को शिक्षा विभाग (Bihar Education Department) के अधिकारी ने तीन दिनों के अंदर साक्ष्य प्रस्तुत करने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर नियुक्ति को निरस्त कर सेवा समाप्त कर दी जाएगी।
पूरा मामला क्या है?
बता दें कि, बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission, BPSC) द्वारा विद्यालय अध्यापक पद पर नियुक्ति की गई थी। इसमें बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों ने शिक्षक पात्रता परीक्षा में पांच प्रतिशत की छूट का लाभ ले लिया है। बिहार राज्य के बाहर के अभ्यर्थियों को शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्णांक हेतु पांच प्रतिशत की छूट देय नहीं है।
गौरतलब है कि, बिहार लोक सेवा आयेाग (BPSC) के विज्ञापन में यह साफ साफ लिखा था कि किसी भी प्रकार के आरक्षण (Reservation) का लाभ सिर्फ बिहार राज्य के निवासियों को ही है। लेकिन जिले में बीपीएससी टीआरई वन (BPSC TRE 1) एवं टू (BPSC TRE 2) के दौरान बिहार के बाहर के अभ्यर्थियों ने वेटेज का लाभ लेकर नौकरी प्राप्त की है।
जिले के 14 स्कूल चिह्नित किए गए
जानकारी के अनुसार, विभाग ने फिलहाल जिले के ऐसे 14 विद्यालय के अध्यापकों को चिह्नित किया है। विभाग ने पाया है कि ऐसे अध्यापकों के शैक्षणिक, आवासीय, आरक्षण संबंधी एवं अन्य प्रमाण-पत्रों की जांच में अर्हता निर्धारित मापदंड से कम पाई गई।
जिले में बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा ली गई परीक्षा के बाद सफल अभ्यर्थियों ने करीब छह माह पूर्व से विभिन्न प्रखंडों के विद्यालयों में योगदान दिया है। योगदान के बाद विद्यालय से वेतन ये भी उठा रहे हैं।
इधर, जांच के दौरान चिह्नित 14 विद्यालय अध्यापकों पर कार्रवाई तय मानी जा रही है। शिक्षा विभाग के स्थापना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी संजय कुमार ने ऐसे सभी अध्यापकों से स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण नहीं देने की स्थिति में उनकी सेवा समाप्त करने की कार्रवाई की जाएगी।
सहरसा के जिला शिक्षा अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि, जिले के विभिन्न प्रखंडों के विद्यालयों में नियुक्त ऐसे विद्यालय अध्यापकों से शोकाज किया गया है। शोकाज संतोषप्रद नहीं रहने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।