केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हाल ही में आईआईटी मद्रास में हाइपरलूप परीक्षण सुविधा का दौरा किया। यहां पर उन्होंने कहा कि विकसित की जा रही हाइपरलूप ट्यूब जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी हो जाएगी, जिसकी लंबाई 410 मीटर होगी।
वहीं, केंद्रीय रेल मंत्री ने यह भी कहा कि हाइपरलूप प्रोजेक्ट के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स कंपोनेंट टेक्नोलॉजी चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) में बनाई जाएगी। जानकारी दें कि आईआईटी मद्रास में 410 मीटर लंबी हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब को एशिया की सबसे लंबी हाइपरलूप परीक्षण सुविधा का खिताब प्राप्त है।
केंद्रीय मंत्री ने रविवार को अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो साझा किया। इस वीडियो को शेयर करते हुए उन्होंने लिखा कि एशिया में सबसे लंबी हाइपरलूप ट्यूब (410 मीटर) जल्द ही दुनिया की सबसे लंबी होगी।
जानिए क्या है हाइपरलूप?
बता दें कि हाइपरलूप एक तरीके की परिवहन व्यवस्था है। जो आम परिवहन तरीकों से काफी अलग है। ये एक प्रकार की हाई-स्पीड ट्रेन है, जो पूरी तरीके से वैक्यूम ट्यूब में ट्रैवल करती है। दरअसल, लो एयर रेजिस्टेंस ट्यूब के अंदर कैप्सूल को करीब 1000 किलोमीटर प्रतिघंटे से अधिक की रफ्तार तक पहुंचने में मदद मिलती है।
जानकारी दें कि रेल मंत्रालय ने मई 2022 में हाइपरलूप तकनीक के स्वदेशी विकास और सत्यापन को आगे बढ़ाने के लिए आईआईटी मद्रास को 8.34 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। इस प्रोजेक्ट पर तेजी से काम हो रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ने बताया कि यह ट्रेन पूरी तरीके से स्वदेशी प्रणाली की टेक्नोलॉजी से विकसित की गई। उन्होंने इस उपलब्धि के लिए सभी युवा नवप्रवर्तकों को बधाई दी।
जानिए कहां चलेगी पहली हाइपरलूप
उल्लेखनीय है कि देश की पहली हाइपरलूप ट्रेन मुंबई से पुणे के बीच चल सकती है। माना जा रहा है कि ये ट्रेन दोनों शहरों के 150 किलोमीटर की दूरी को केवल 25 मिनट में पूरा कर सकेगी। हाइपरलूप की सबसे खास बात है कि यह ट्रेन दो स्टेशनों के बीच कहीं रुकती नहीं है। हाल के दिनों में ही महाराष्ट्र सरकार ने हाइपरलूप ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम प्रोजेक्ट को मंजूरी दी थी।