Mango Tree: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के आम तो पूरे उत्तर भारत में मशहूर हैं लेकिन आज हम आपको एक ऐसे खास पेड़ के बारे में बताने जा रहे हैं जो इसी शहर में है, लेकिन आप शायद ही इसके बारे में जानते होंगे। नवाबों के शहर लखनऊ से कुछ ही किलोमीटर दूर मलिहाबाद चौराहे के पास दुनिया का इकलौता ऐसा पेड़ है, जिस पर 300 से ज्यादा किस्म के आम लगते हैं. सभी के रंग, रूप, आकार और स्वाद एक-दूसरे से एकदम अलग होते हैं. इस पेड़ के जन्मदाता हैं मलिहाबाद के रहनेवाले हाजी कलीम उल्लाह खान, जिनकी उम्र 83 साल है. 2008 में इनको अपने इसी अद्भुत काम के लिए तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने पद्मश्री सम्मान से नवाजा था.
दुनिया का मैंगो मैन
17 साल की उम्र में ही हाजी कलीम साहब ने एक खास पौधे का इजाद किया था, जिसमें करीब साल अलग-अलग किस्म के आम लगते थे। आम के पेड़ों पर किए गए इन कामों को देखते हुए हाजी कलीम साहब को दुनियाभर में मैंगो मैन (Mango Man) के नाम से भी जाना जाता हैं। दरअसल, इस अनोखे पेड़ में लगने वाले आम को बेचा नहीं जाता बल्कि इन्हें लोगों में बांटा जाता है। आम का सीजन आते ही जुलाई महीने तक इस पेड़ पर आम लगभग लग चुके होते हैं। ऐसे में लोग इस आम को खाते हैं।

हाजी कलीम का दावा
हाजी कलीम साहब का कहना है कि आम का पेड़ अपने आप में एक पूरा कॉलेज है, जिस पर पढ़ाई की जा सकती है। अगर आम के पेड़ पर ठीक से स्टडी कर ली जाए, तो इससे कैंसर और एड्स जैसी जानलेवा बीमारियों का भी इलाज मिल सकता है। हैरानी ही बात तो ये है कि दुनिया में मैंगो मैन के नाम से मशहूर शख्स ने केवल सातवीं तक पढ़ाई की है, लेकिन बड़े-बड़े वैज्ञानिक आज भी उनसे सलाह लेते हैं।
