Mp News: इंदौर । सरकार किसानों की आय दागुनी करने के चाहे कितने भी दावे करे, लेकिन हकीकत इससे इतर है । जहां एक ओर देश के कर्णधार भारत को विकसित देश बनाने का वादा कर रहे हैं तो दूसरी ओर देश का अन्नदाता आर्थिक तंगी के चलते आज भी आत्महत्या को मजबूर है । इंदौर में एक किसान ने जीवन की परेशानियों और आर्थिक तंगी के चलते आत्महत्या कर ली है । सूत्रों की मिली जानकारी के अनुसार किसान ने जहर खाकर मौत को गले लगा लिया है । किसान द्वारा जहर खाने की जानकारी सबसे पहले उसकी पत्नी को मिली, इसके बाद पत्नी ने परिजनों को पूरी घटना की जानकारी दी और किसान को इंदौर के एमवाय अस्पताल ले जाया गया । जहां इलाज के दौरान किसान ने दम तोड दिया । शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों के सुपूर्द कर दिया गया है । एरोड्रम पुलिस ने बताया कि रवि (37) पुत्र मुन्नालाल चौहान निवासी छोटा बागड़दा ने जहर खा लिया था। पत्नी रेशमा ने बताया कि घर के पास ही खेत है। यहीं पर वह खेती किसानी का काम करते थे। शाम को खेत से घर पहुंचे तो उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिवार के मुताबिक रवि के तीन बच्चे हैं। माता पिता और भाई भी हैं। रवि का परिवार मूल रूप से अंजड़ का रहने वाला है। देश में हर साल लगभग हजारों किसान आर्थिक तंगी के चलते मौत को गले लगा रहे हैं ।
सरकार को उठाने होंगे ठोस कदम
अन्नदाता के मौत के मामले रोकने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने होंगे और ऐसी व्यवस्था करनी होगी कि अन्नदाता खुशहाल जीवन व्यतीत करें, क्योंकि अन्नदाता खुश और संपन्न होंगे तभी हम विकसित देश की संकल्पना को सही मायने में पूरा कर पायेंगे । साथ ही सरकार को प्रयास करने होंगे कि किसान कल्याण कारी योजनाओं का समुचित लाभ धरातल में अंतिम पंक्ति में बैठे किसान को मिले । सही मायने में देखा जाए तो निरक्षरता के चलते बहुत किसानों को अपने अधिकार तथा सरकारी योजनाओ की जानकारी का आभाव है । जिससे वे अज्ञानता के कारण सरकारी मदद नहीं ले पाते और आर्थिक तंगी के कारण मौत को गले लगा लेते हैं । सरकार को चाहिए कि किसान आत्महत्या रोकने के लिए सरकारी योजनाओं की जानकार किसानों तक एक अभियान के माध्यम से पहुंचाई जाए । और यह किसानों को यह विश्वास दिलाया जाए कि परिस्थित कैसी भी सरकार उनके साथ है ।