हार्ट अटैक से हो रही मौतों का क्‍या है सच! क्‍यों मर रहे हैं जवान और स्‍वस्‍थ लोग, जानें इसके पीछे का क्‍या है राज…

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मध्य प्रदेश के भिंड जिले में एक नौ साल के बच्चे की गुरुवार को हार्ट अटैक से मौत हो गई. बच्चे का नाम मनीष था. स्कूल से घर लौटने के लिए वह जैसे ही बस में बैठा, उसे घबराहट होने लगी. ड्राइवर ने इसकी जानकारी प्रिंसिपल को दी, तो उसे बस से उतार लिया गया. स्कूल के शिक्षक उसे अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी.

मध्‍यप्रदेश की राजधानी के एक होटल में डॉक्‍टर्स अपनी पार्टी कर रहे थे. डांस फ्लोर पर डांस करते हुए एक डॉक्‍टर को हार्ट अटैक आ गया और वह वहीं गिर पड़ा और उसकी मौत हो गई. वहां उपस्थित डॉक्‍टर्स ने सारे प्रयास कर लिए लेकिन वे उसे बचा नहीं पाए. ऐसा कैसा अटैक आया कि सीधे जान चली गई.

गरबा करते हुए, रामलीला में हनुमान का अभिनय करते हुए, ड्राइवर की बस चलाते हुए मौत हो जाने की घटनाएं हम कभी भूल नहीं सकते. ऐसे में कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि क्‍या कोरोना महामारी के कारण ऐसे मामले सामने आ रहे हैं? हार्ट अटैक से सीधे मौत के मामलों का आखिर क्‍या कारण है और इससे जवान और स्‍वस्‍थ लोगों की मौत क्‍यों हो रही है? इससे कैसे बच सकते हैं और इसके क्या लक्षण हैं? इन सवालों का जवाब जानने के लिए हमने भोपाल के जाने- माने सर्जन और पालीवाल हॉस्पिटल के संचालक डॉ. जयप्रकाश पालीवाल से बात की.

पहले ही कमजोर हो चुका था हार्ट और अन्‍य अंग, बस पता नहीं चला

पहले से ही थायराइड, डायबिटीज, सिरोसिस या किसी अन्‍य बीमारियों के कारण पहले से ही कमजोर हार्ट वाले या हृदय रोगियों को भी खतरा बना हुआ था और ऐसे लोगों को हार्ट अटैक आने पर बचाया नहीं जा सका. कुछ लोगों में इनके लक्षण सामने नहीं आ पाते या अक्‍सर लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज कर देते हैं. वहीं ऐसे लोगों में से कुछ डॉक्‍टरों पर भरोसा नहीं करते, टेस्‍ट कराने से बचते हैं और यदि डॉक्‍टर और टेस्‍ट के बाद पता भी चल जाए तो नियम से दवा- भोजन परहेज नहीं करते. इसका नतीजा होता है कि उनको हार्ट अटैक आने पर स्थिति बेकाबू हो जाती है.

क्‍या कोरोना महामारी के कारण हो रही हैं सडन डेथ

हार्ट अटैक के पीछे कई कारण हो सकते हैं. जैसे कोरोना महामारी के कारण लोगों में डर और डिप्रेशन रहा, लोग एनजाइटी के शिकार रहे और उनकी मानसिक स्थिति पर भी सीधा प्रभाव पड़ा है. लोगों का ब्‍लड प्रेशर हाई हो रहा है तो वे तनाव में हैं. ऐसी स्थितियों के कारण लोगों के स्‍वास्‍थ्‍य पर सीधा असर पड़ा है, कुछ लोगों को अन्‍य समस्‍याएं हुई हैं तो कुछ में इससे हार्ट कमजोर हो गया और ब्‍लॉकेज की समस्‍या बढ़ी और इस तरह के सडन डेथ के केस सामने आने लगे हैं.

Heart Attack 1

नॉनवेज, फास्‍ट फूड, शराब और नशा

लोगों ने अपनी दिनचर्या पर ध्‍यान नहीं दिया है. स्‍ट्रीट पर मिलने वाला जंक, नॉनवेज, सस्‍ता फास्‍ट फूड सबसे तेजी से शरीर को खोखला बना रहा है. इससे कोलेस्‍ट्राल बहुत बढ़ जाता है और अगर व्‍यक्ति समय पर अपने खानपान को नहीं सुधारता है तो ब्‍लॉकेज की समस्‍या आ जाती है. इधर शराब और अन्‍य नशे के कारण भी सडन मौत की आशंका बनी रहती है. युवाओं में मोबाइल की लत के कारण उसकी शारीरिक एक्टिविटी कम हो गई है. देर रात तक जागना और खानपान पर ध्‍यान नहीं देने के कारण तेजी से हार्ट पर असर पड़ता है.

जरा सी सजगता और विशेषज्ञ डॉक्‍टरों से लें सलाह

शरीर के लक्षणों पर ध्‍यान देकर, योग-प्राणायाम करते हुए स्‍वस्‍थ दिनचर्या के पालन से हार्ट अटैक और सडन डेथ को टाला जा सकता है. पर्याप्‍त नींद लेना, तनाव से दूर रहना, घर का भोजन करना, घर के बाहर से भोजन से सख्‍त परहेज करना आदि से हृदय रोगों से बचा जा सकता है. वहीं ब्‍लड प्रेशर का बढ़ना, सीने में भारीपन, धड़कन का बढ़ना, सीने में दर्द होना, कसरत या पैदल पर चलने पर सांस फूलना, सीने में जलन या तनाव आना, हाथ-पैर में अचानक कमजोरी आना जैसे लक्षणों को तुरंत समझना और पहचानना चाहिए. अपने डॉक्‍टर को भी पहचाने, उसकी शिक्षा और अनुभव भी जानें. हार्ट के मामलों के विशेषज्ञ डॉक्‍टरों से सलाह लेना चाहिए. हर सरकारी अस्‍पताल में विशेषज्ञ डॉक्‍टर उपलब्‍ध होते हैं और उनसे ही परामर्श लेना चाहिए.