Saturday, August 2, 2025
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अनमोल हैं कड़वे बोल 

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किसी ने कहा है कि अंधेरे में माचिस तलाशता हुआ हाथ, अंधेरे में होते हुए भी अंधेरे में नहीं होता, इस तलाश को अपने भीतर निरंतर जीवित रखना कोई साधारण बात नहीं है, परंतु जो लोग सफर की हदों को पहचानते हैं, जिन्हें हर मंजिल के बाद किसी नए सफर पर चल पड़ने की लत है, उनके भीतर से यह खोज कभी खत्म नहीं होती। अचूक शैली में, अपने क्रांतिकारी विचारों से लोगों को अपनी ही खोज के तौर तरीके बताने वाले राष्ट्रसंत मुनि तरुणसागर जी महाराज की वाणी सहज आकर्षण का विषय बन गई है। ऐसे समय में जब अपने हक में हर खुशी बटोर लेने की अदम्य लालसा लोगों को दुनिया के दुऱख दर्द से कोसों दूर ले जा रही है। मुनि श्री दुनिया को खुशी और गम की सही परिभाषा बता रहे हैं। यह सिर्फ संयोग नहीं है कि वे जहां भी पहुंचते हैं, सबसे पहले यही कहते हैं कि मैं कथा सुनाने नहीं जीवन की व्यथा सुनाने आया हूं। यह व्यथा घर-घर की कहानी है, जिसे एक बड़े आईने की शक्ल में सामने रखकर मुनि तरूण सागर जी पुकार कर कह उठते हैं कि इसे न तो ठुकराओ, न ही झुठलाने की कोशिश करो, बेहतर यही है कि इस व्यथा के बीच से ही जीवन का रस हासिल कर लो। मुनि तरुण सागर जी के बोल, सुनने वाले को भावित-प्रभावित तो करते ही हैं, उसे झकझोर कर भी रख देते हैं। उन्हें सुनते समय या पढ़ते समय आप अनुभव करते हैं कि आपकी अपनी जिंदगी एक धारावाहिक के रूप में आपकी आंखों के सामने तैरने लगी है। उनकी वाणी अतीत की जड़ता से उबारने और वर्तमान की लापरवाही के प्रति सचेत करने का काम करती है। वह आपके जख्मों को सहलाने के बदले यदि अधिक कुरदने की मुद्रा में दिख भी रही हो तो भी यह नहीं भूलना चाहिए कि मुनि श्री आपको स्थाई रूप से तंदुरूस्त बनाने का उद्यम कर रहे हैं। सूत्र शैली में संदेश देने वाले मुनि तरूण सागर जी को अपनी वाणी को कड़वे प्रवचन कहने पर इत्मीनान यदि है तो सिर्फ इसलिए कि वे जानते हैं, इंसान की प्रवृत्ति और कभी न बदलने की उसकी जिद इतनी कठिन और जटिल है कि सीधी उंगली से घी निकालना मुमकिन नहीं है। आज साहित्य, संस्कृति और समाज के हर मंच पर महिला जागृति या नारी विमर्श का दौर ही चल पड़ा है। मुनि तरूण सागर जी साफ शब्दों में कहते हैं कि समाज पुरुष प्रधान है, परंतु याद रखना चाहिए कि महिलाओं की भूमिका पुरुषों से भी बड़ी है। वे सत्य से मुंह मोड़ने या पीछे हटने वाले समाज को न सिर्फ जगाते हैं बल्कि अपने कड़वे बोल से कोसने में भी कोई गुरेज नहीं करते। सच के पाखंडी चेहरे को पहचानने वाली उनकी गहरी दृष्टि सजग करती हैं कि वास्तव में जो सत्य है उसे किसी बनावट की जरूरत नहीं है। संघर्ष में सत्य परेशान हो सकता है किन्तु पराजित नहीं होता। 
छोटी-छोटी बातों से जीवन का बड़ा अर्थ निकाल लेने वाले मुनि तरूणसागर जी के बोल सचमुच अनमोल हैं। एक और उदाहरण देखिए वे कहते हैं कि प्रभु को सात बातें अच्छी नहीं लगती घमंड से भरी आंखें, झूठ से भरी जुबान, बुराई की तरफ बढ़ते कदम, झूठी गवाही, बुरी सोच, भाई को भाई से लड़ाना और खून से सने हाथ। जरा सोचिए इन बातों में आज के मनुष्य और समाज का कौन सा ऐसा पक्ष है जो शेष होगा। इंसान का दोहरापन और दुनिया का बहुरूपियापन हो या हिंसा और आतंक की कीमत पर सब कुछ हासिल कर लेने की अंधी कोशिश, मुनि तरूण सागर जी इन हालातों को बेपरदा कर देते हैं। इसके विपरीत वे जीने की कला की सारी सूत्र भी सहज रूप से बता देते हैं। प्रदूषण के सारे खतरों में विचारों के प्रदूषण को सबसे बड़ा कहने वाले मुनि श्री इस समस्या को विचारों की शक्ति से ही दूर करने के रास्ते भी सुझाते हैं, आवश्यकता बस इतनी है कि सुने हुए को जीवन में उतारने की शक्ति श्रोता स्वयं अपने भीतर पैदा करें।  
 

राशिफल: कैसा रहेगा आपका आज का दिन (20 सितम्बर 2022)

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  • मेष राशि – विघटनकारी तत्वों से क्षतिग्रस्त होने से बचिये, समस्यायें बनी ही रहेंगी।
  • वृष राशि – कार्य सफलता से संतोष, स्त्री-वर्ग से उल्लास तथा आपकी चिन्तायें कम अवश्य होंगी।
  • मिथुन राशि – आशानुकूल सफलता मिलेगी, व्यवसायिक क्षमता अनुकूल बनेगी, समय का ध्यान रखें।
  • कर्क राशि – अशुद्ध गोचर रहने से विशेष कार्य स्थगित रखें, अधिकारियों से तनाव बन सकता है।
  • सिंह राशि – आर्थिक योजना फलीभूत होगी, विरोधी परेशान करेंगे, कार्य की चिन्ता बनेगी।
  • कन्या राशि – स्वभाव में अशांति, मानसिक बेचैनी, कार्य तीक्रता के कुछ प्रयास अवश्य सफल होंगे।
  • तुला राशि – अर्थ व्यवस्था कुछ अनुकूल होगी, सफलता का हर्ष अवश्य ही होगा।
  • वृश्चिक राशि – इष्ट मित्र सहायक रहेंगे, बड़े-बड़े लोगों से मेल-मिलाप अवश्य ही होगा, कार्य बनेंगे।
  • धनु राशि – मान-प्रतिष्ठा बालबाल बचे, कार्यवृत्ति में सुधार होगा, रुके कार्य शीघ्र निपटा लें।
  • मकर राशि – व्यवसाय में व्यग्रता, तनाव, क्लेश से हानि, कार्य स्थगित रखें, समय का ध्यान रखें।
  • कुंभ राशि – सफलता के साधन जुटायें, धन लाभ, आशानुकूल सफलता का हर्ष होगा ध्यान रखें
  • मीन राशि – बिगड़े कार्य बनेंगे, योजना फलीभूत होगी तथा इष्ट मित्र सुखवर्धक अवश्य हेंगे।
     

बाढ़ राहत कार्यों में वायु सेना का महत्वपूर्ण सहयोग मिला : मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान से आज प्रातः निवास पर कमांडिंग इन चीफ मध्य वायु सेना, एयर मार्शल श्री अमनप्रीत सिंह ने सौजन्य भेंट की। श्री अमनप्रीत सिंह मध्य वायु कमान, भारतीय वायु सेना, प्रयागराज पदस्थ हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में मानसून में बाढ़ की स्थिति वाले क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन में वायु सेना का महत्वपूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने एयर मार्शल श्री अमनप्रीत सिंह को भारतीय वायु सेना के विशेष सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। एयर मार्शल श्री अमनप्रीत सिंह के साथ विंग कमांडर श्री रविंद्र अग्रवाल और ग्रुप कैप्टन श्री रामास्वामी कन्नन ने भी मुख्यमंत्री श्री चौहान से भेंट की। एयर मार्शल श्री अमनप्रीत सिंह ने मुख्यमंत्री को वायु सेना की ओर से प्रतीक-चिन्ह भेंट किया।
 

चुनावी सभा में बोले मप्र के सीएम शिवराज- जनता का अपमान करने वाले किसी भी अधिकारी को नहीं छोडूंगा

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इंदौर ।  नगरीय निकाय चुनाव के अंतर्गत मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने दो सभाओं को संबोधित किया। इस दौरान घोषणाओं का पिटारा खोल दिया। उन्होंने झाबुआ के पेटलावद मेें कहा कि यहां आना तो बहाना था, मुझे आप लोगों से मिलना था। एसपी अरविंद तिवारी को निलंबित करने के मामले में चौहान ने कहा कि मेरे भांजों (पालीटेक्निक के छात्र) ने जब अपनी परेशानी को लेकर उन्हें फोन किया तो उन्होंने सही ढंग से बात नहीं की। इस बात को लेकर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। जनता का अपमान करने वाले किसी भी अधिकारी को मैं नहीं छोडूंगा। उन्होंने अक्टूबर माह में जनसेवा अभियान शुरू करने की बात कही। पेटलावद के लिए बस स्टैंड की उपयुक्त जमीन देखकर नया बस स्टैंड बनवाने की बात कही।

"कांग्रेस जहांजहां भी है, वहां गड़बड़ करती है' 

रतलाम के सैलाना में मुख्यमंत्री चौहान ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और कमल नाथ को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस छोड़ो यात्रा के रूप में तब्दील हो रही है। इधर, वे भारत जोड़ो की बात कह रहे हैं और उधर कांग्रेस के बड़े नेता कांग्रेस छोड़ रहे हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि कांग्रेस की हालात ऐसे हो रहे हैं जैसे कि "एक दिल के टुकड़े हुए हजार, कोई इधर गिरा कोई उधर गिरा…"। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस जहांजहां भी है, वहां गड़बड़ करती है। झूठ बोलकर पिछली बार कांग्रेस सत्ता में आई थी, पर उनके साथी ही साथ छोड़ गए। मंत्री ओपीएस भदौरिया भी कमल नाथ व कांग्रेस के झूठ के कारण साथ छोड़कर हमारे साथ आ गए। सवा साल में कमल नाथ की कांग्रेस सरकार ने प्रदेश को तबाह करना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि केंद्र व राज्य की अनेक योजनाओं से प्रदेश के गरीबों को सस्ता राशन, मकान व इलाज मिल रहा है। उधर, कमल नाथ तो योजना बंद करने पर तुल गए थे। गरीबों के कफन के पांच हजार रुपये भी कमल नाथ ने छीन लिए थे। इसलिए चुनिए उन्हें जो वादा निभाते हैं, झूठ नहीं बोलते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि किसानों के कर्ज का ब्याज सरकार भरेगी।

मुख्यमंत्री चौहान ने विद्यार्थियों और समाज सेवियों के साथ किया पौध-रोपण

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज स्मार्ट सिटी पार्क, श्यामला हिल्स में मौलश्री, नीम और कचनार के पौधे लगाए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ सामाजिक संस्थाओं के सदस्य और विद्यार्थियों ने भी पौध-रोपण किया। केनियन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की शिक्षिका और बालिकाओं ने भी पौधे लगाए। विद्यालय द्वारा पर्यावरण-संरक्षण के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। श्रीमती एस.वी. नागामणी, श्री कृष्णा शर्मा, श्री पर्युल, श्री आर्यन ठाकुर, श्री हर्ष सोनी, श्री हर्षवर्धन सिसोदिया, कु. लवी सोनी, कु. कनिष्का यादव, कु. पल्लवी सिसौदिया, कु. शैलजा चतुर्वेदी, कु. माही वाजपेयी, श्री सौरभ सक्सेना पौध-रोपण में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ भोपाल के गांधी नगर क्षेत्र के समाजसेवी श्री योगेश वासवानी ने भी अपने जन्म-दिवस पर पौधा लगाया। श्री महावीर सिंह, श्री शमशेर सिंह और श्री अभय तिवारी भी पौध-रोपण में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने स्कूली बालिकाओं (भांजियों) से बातचीत भी की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बालिकाओं से उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा बालिकाओं ने बताया कि वे नियमित रूप से अध्ययन कर रही हैं और आपकी तरह बनना चाहती हैं। मामा, आप बताएँ कि आपको इतना कार्य करने की प्रेरणा कहाँ से मिलती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रेरणा अंतरात्मा से मिलती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बालिकाओं को युधिष्ठिर और यक्ष के मध्य हुए संवाद की कथा सुनाई, जिसमें कहा गया है कि जितना भी जीवन है वह सार्थक हो। जीवन को उद्देश्यपूर्ण बनाया जाए। युधिष्ठिर और यक्ष की कथा में वर्णित बातचीत के प्रसंगों में पूछे गए एक प्रश्न "संसार का सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?" का उत्तर है कि "जो भी व्यक्ति जन्म लेता है उसकी मृत्यु अवश्यंभावी है", लेकिन मनुष्य का व्यवहार ऐसा होता है कि मानो वह यहाँ सदैव रहने के लिए आया है। इसलिए मनुष्य को जितना जीवन है, सद्कार्यों में लगाना चाहिए।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे कि मनुष्य सिर्फ हाड़-माँस का पुतला नहीं बल्कि अनंत शक्तियों का स्वामी है। वह जो चाहे बन सकता है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पढ़ाई मेडिकल की हो, इंजीनियरिंग की हो या कोई अन्य, पहले रोडमेप बनाएँ फिर परिश्रम करें। दृढ़ निश्चय से सफलता की मंजिल पर पहुँचा जा सकता हैं।

पौधों का महत्व

आज लगाया गया मौलश्री एक औषधीय वृक्ष है, इसका सदियों से आयुर्वेद में उपयोग होता आ रहा है। एंटीबायोटिक तत्वों से भरपूर नीम को सर्वोच्च औषधि के रूप में जाना जाता है। कचनार सुंदर फूलों वाला वृक्ष है। प्रकृति ने कई पेड़-पौधों को औषधीय गुणों से भरपूर रखा है, इन्हीं में से कचनार एक है।
 

उज्जैन दर्शन के लिये आने वाले यहाँ से अमिट छाप लेकर जायें : मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर कॉरिडोर का निरीक्षण किया गया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि महाकालेश्वर कॉरिडोर का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये। उज्जैन दर्शन के लिये देश के कोने-कोने से आने वाले श्रद्धालु यहाँ से उनके मन में भगवान महाकालेश्वर और मंदिर के कॉरिडोर की अमिट छाप लेकर जायें। मुख्यमंत्री ने महाकालेश्वर कॉरिडोर में निर्मित नवग्रह मूर्तियों, भगवान शिव से संबंधित कथाओं पर केन्द्रित चित्रों का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि संबंधित चित्रों के नीचे सरल भाषा में उसका विवरण अंकित करायें, जिससे आमजन को आसानी से संबंधित कथा की जानकारी मिल सके।

मुख्यमंत्री श्री चौहान को कलेक्टर श्री आशीष सिंह ने महाकालेश्वर कॉरिडोर प्रोजेक्ट की जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकालेश्वर कॉरिडोर का जन-जन में व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाये, जिससे महाकालेश्वर कॉरिडोर के उद्घाटन के पूर्व सभी को यहाँ की विशेषता के बारे में जानकारी मिल सके। उज्जैन भ्रमण में उपयुक्त वातावरण निर्मित हो, जिससे भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के बाद उज्जैन से प्रस्थान के दौरान भी लोगों को कॉरिडोर दिखाई दे। मुख्यमंत्री द्वारा कॉरिडोर में किये गये सौन्दर्यीकरण कार्य की प्रशंसा की गई। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, सांसद श्री अनिल फिरोजिया सहित विधायक, जन-प्रतिनिधि, नागरिक और प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे।
 

मुख्यमंत्री चौहान ने स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उज्जैन नृसिंह घाट स्थित आश्रम में ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा का अनावरण किया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच प्रतिमा का अनावरण किया गया। मुख्यमंत्री ने परिसर में स्थित नवनिर्मित स्वामी श्री सत्यमित्रानंद गिरि समन्वय निलयम कार्यालय का लोकार्पण भी किया। समन्वय निलयम कार्यालय में मुख्यमंत्री श्री चौहान, स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज, श्री गोविन्ददेव गिरि महाराज एवं सन्तों ने ब्रह्मलीन सत्यमित्रानंद गिरिजी महाराज की चरण पादुका को नमन किया।

प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज एवं विशेष अतिथि के रूप में स्वामी श्री गोविन्ददेव गिरि महाराज, श्री पुण्यानंद गिरिजी महाराज, अध्यक्ष गो-संवर्धन आयोग श्री अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज, स्वामी श्री चिदानंदजी महाराज उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, सहित विधायक एवं जन-प्रतिनिधि उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री चौहान ने मृतकों के परिजन को स्वेच्छानुदान मद से राशि उपलब्ध कराने के दिये निर्देश

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन के नागझिरी की पोहा फैक्टरी में 16 सितम्बर की शाम को आगजनी से नागझिरी निवासी श्रीमती ज्योति पति ईश्वरलाल डाबी एवं श्रीमती क्षमाबाई पति प्रभुलाल की मृत्यु पर दु:ख व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आज उज्जैन प्रवास पर उक्त घटना में मृतकों के परिजन से भेंट की। उन्होंने सांत्वना देते हुए मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान से 2-2 लाख रूपये की राशि मृतकों के परिजन को तत्काल देने के निर्देश जिला प्रशासन को दिये हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने आश्वस्त किया कि मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रूपये की अतिरिक्त राशि भी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पोहा फैक्टरी में घायलों का इलाज सरकारी खर्चे पर किया जायेगा। इस सम्बन्ध में उन्होंने कलेक्टर को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिये। उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री अनिल फिरोजिया, विधायक श्री पारस जैन, पूर्व विधायक श्री रोड़मल राठौर, श्री विवेक जोशी, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा एवं मृतकों के परिजन उपस्थित थे।
 

जिला अस्पतालों में अब प्रबंधक संभालेंगे सफाई व सुरक्षा का कार्य

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भोपाल ।  मध्‍य प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों में प्रबंधकीय कार्यों के लिए पहली बार अस्पताल प्रबंधक नियुक्त किए जा रहे हैं। इनकी भर्ती मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (पीएससी) से की जा रही है। अगले माह इनके नियुक्ति आदेश जारी हो सकते हैं। ये अस्पताल में सफाई, सुरक्षा, बायो मेडिकल वेस्ट का निपटान, हेल्प डेस्क, भीड़ का प्रबंधन जैसे काम देखेंगे। इससे व्यवस्थाओं में सुधार होगा। अभी यह जिम्मेेदारी अस्पताल अधीक्षक की होती है, जबकि वह इसके विशेषज्ञ नहीं होते। चिकित्सकोें द्वारा लंबे समय से यह मांग की जा रही थी कि सफाई, सुरक्षा देखने का काम डाक्टर का नहीं है। कई बार अध‍िकारियों के निरीक्षण में इसके लिए अस्पताल अधीक्षक पर कार्रवाई की जाती है जो गलत है। इस कारण पिछले तीन साल से अस्पताल प्रबंधक नियुक्ति करने के प्रयास चल रहे थे। अस्पताल प्रबंधन में डिग्री या डिप्लोमा प्रमाण पत्र वाले उम्मीदवारों को इस पद पर पदस्थ किया जाएगा।

गुणवत्ता प्रबंधक भी पदस्थ होंगे

अस्पताल प्रबंधकों के साथ हर जिले में एक गुणवत्ता प्रबंधक भी पदस्थ किया जा रहा है। इसी साल 14 जिलों में इनकी नियुक्ति हो चुकी है। बाकी जिलों में अगले माह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इनकी जिम्मेदारी, जिला अस्पताल, सिविल अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, मुख्यमंत्री संजीवनी क्लीनिक की व्यवस्थाएं देखने की रहेगी। इन पर सबसे बड़ी जिम्मेदारी अस्पतालों को कायाकल्प पुरस्कार और नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड (एनक्यूएएस) के लिए तैयार करना है। दोनों मूल्यांकन केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा कराए जाते हैं। कायाकल्प पुरस्कार में अस्पताल का संपूर्ण मापदंडों के तहत मूल्यांकन किया जाता है। इसमें सफाई, सुरक्षा, संक्रमण रोकथाम, मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं और आसपास का वातावरण शामिल है। वहीं, एनक्यूएएस में अस्पताल को 18 अलग-अलग विभागों में बांटकर मूल्यांकन किया जाता है। 70 प्रतिशत से ज्यादा अंक लाने पर अस्पताल को प्रति बिस्तर 10 हजार रुपये प्रोत्साहन राशि तीन साल तक दी जाती है। गुणवत्‍ता प्रबंधकों की नियुक्ति संविदा आधार पर की जाएगी।

लाल पुल से हरसिद्धि सड़क मार्ग का नाम अब ‘ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरी महाराज’ होगा : मुख्यमंत्री चौहान

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भोपाल : मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान सोमवार को उज्जैन में सद्गुरूदेव ब्रह्मलीन पद्मभूषण स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि महाराज की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शामिल हुए और उनके श्रीचरणों में प्रणाम किया। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि श्री सत्यमित्रानंद गिरि महाराज का तेज ओजस्वी था। उनकी वाणी सुनते थे तो साक्षात स्वामी विवेकानंद जैसी वाणी सुनाई देती थी। एक नई ऊर्जा का प्रवाहमान था। ऐसे ओजस्वी एवं सनातन धर्म की ध्वजा को फहराने में अग्रणी श्री गिरि महाराज को श्रद्धा सहित नमन करता हूँ।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान को प्राप्त करने के तीन मार्ग हैं- ज्ञान मार्ग, भक्ति मार्ग तथा कर्म मार्ग। ये तीनों त्रिवेणी स्वामी सत्यमित्रानन्द गिरिजी महाराज में थी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने घोषणा की कि लाल पुल से हरसिद्धि मंदिर तक सड़क मार्ग का नाम अब ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरिजी मार्ग होगा। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरि महाराज हमेशा जगत के हित के कल्याणकारी कामों में लगे रहते थे। उन्होंने समाज में सत् कार्यों की जागरूकता के प्रसार का काम किया। उन्होंने भारत माता का अद्भुत मन्दिर बनवाया। आज उनकी प्रतिमा का उज्जयिनी में अनावरण हुआ है। वे सदैव हमारे मन में रहेंगे।

प्रारंभ में मुख्यमंत्री श्री चौहान, जूना पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी, स्वामी गोविन्ददेव गिरि जी, स्वामी पुण्यानंद गिरि जी, स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि जी, स्वामी चिदानंद महाराज, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव, जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट, सांसद श्री अनिल फिरोजिया सहित विधायक और जन-प्रतिनिधियों ने ब्रह्मलीन श्री सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज के चित्र पर पुष्प अर्पित एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम की शुरूआत की। छत्रसाल युनिवर्सिटी के अध्यक्ष एवं कुलपति डॉ.टीआर थापक ने अतिथियों का स्वागत किया। समन्वय परिवार के सचिव श्री महेश कानड़ी ने कार्यक्रम की जानकारी दी। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने ब्रह्मलीन स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज की मूर्ति बनाने वाले श्री नरेश भारद्वाज का सम्मान और पुस्तक का विमोचन किया गया।
 

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