अहमदाबाद| दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) की हार के बाद अब उसके भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं| गुजरात समेत कई राज्यों में संघर्ष कर रही आप अब किसके नाम पर वोट मांगेगी| दिल्ली आप का गढ़ था, जिसमें सेंध लगाने में भाजपा आखिरकार सफल हो गई है| दिल्ली में हार के बाद अब गुजरात में आप के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है| गुजरात विधानसभा के गत चुनाव में 5 सीटें जीतने वाली आप के 2 विधायक पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं| गत लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने का दावा करनेवाले आप अपना दिल्ली का गढ़ जीत नहीं पाई| आप के चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी अपनी सीट से चुनाव हार चुके हैं| केजरीवाल ही नहीं आप के कई मंत्री और बड़े चेहरे भी अपनी सीट नहीं बचा पाए| जो अपने गढ़ में जीत पाया, उसका भविष्य कैसा होगा? इसे लेकर सवाल उठने लगे हैं| पहले आप गुजरात में अरविंद केजरीवाल के नाम से वोट मांगती थी और कहती थी कि दिल्ली में जैसा केजरीवाल का शासन है, वैसा ही गुजरात में होगा| लेकिन दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का जादू नहीं चला और आप को हार का सामना करना पड़ा है| दिल्ली में अरविंद केजरीवाल यमुना की सफाई, शिक्षा और स्वास्थ्य के नाम पर वोट मांगे थे| लेकिन दिल्ली के जनता ने केजरीवाल पर भरोसा करने के बजाए भाजपा की वोट से झोली भर दी| गुजरात की एक और खास बात यह है कि यहां की जनता ने कभी तीसरे मोर्चे को ज्यादा तवज्जो नहीं दी| दिल्ली में केजरीवाल की हार के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि अब प्रदेश प्रमुख इसुदान गढ़वी और पार्टी नेता गोपाल इटालिया किसका नाम लेकर जनता के बीच जाएंगे और वोट मांगेंगे? क्योंकि दिल्ली में केवल आप ही नहीं हारी बल्कि उसके संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी चुनाव हार गए हैं| जिसे देखते हुए अब गुजरात में आप के भविष्य को लेकर सवाल उठने लगे हैं|
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