नई दिल्ली। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने प्रस्तावित 80 नियम संशोधन बिल की कड़ी आलोचना करते हुए विरोध जताया है। उन्होंने कहा है कि यह विधेयक सोशल मीडिया पर लगाम लगाने की मोदी सरकार की चाल है।
शनिवार को एक प्रेस वार्ता में मोदी सरकार के लाए जा रहे आईटी नियम संशोधन बिल को लेकर सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, इस देश के मीडिया को पीएमओ का चपरासी नियंत्रित करता है, अब इस नियम की वजह से सरकार सोशल मीडिया पर भी आवाजों को दबाने का काम करेगी। उन्होंने आगे कहा कि अगर आप कोई असहज सवाल सरकार के सामने उठाते हैं तो अब ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म पर सरकार ने अपने आप को एकाधिकार दे दिया है एक छत्र राज दे दिया है कि वो उनसे कह कर उस न्यूज़ को हटा सकती है।
श्रीनेत ने कहा कि अभी-अभी बजट सत्र की समाप्ति हुई है और आजाद हिंदुस्तान की 75 साल की राजनीति में पहली बार सत्ता पक्ष ने सदन नहीं चलने दिया। इसके साथ ही एक संयुक्त विपक्ष ने एक स्वर में इस सरकार को घेरा और अडानी महाघोटाले पर जेपीसी की बात की।
उन्होंने कहा, हमारे सांसद ईडी जा रहे थे और 200 सांसदों को रोकने के लिए 2000 पुलिस वाले लगाए। हमारे संसद में धरना देने पर मार्शल आते हैं। हमारे माइक बंद कर दिए जाते हैं। सदन की सबसे सशक्त आवाज (राहुल गांधी) को सदन से बाहर कर दिया जाता है। समूचा विपक्ष एक साथ खड़ा होता है तो सरकार बौखला जाती है।
शुक्रिया श्रीनेत के अनुसार राहुल जी के सवालों से ये सरकार बैकफुट पर है, इसलिए ये हर उस आवाज का दमन करना चाहती है जो खड़े होकर इनसे सवाल पूछे। मुझे खेद के साथ कहना पड़ता है जब अधिकांश मीडिया को पीएमओ का एक चपरासी व्हाट्सएप के माध्यम से चलाने की जुर्रत करता है। तो ऑल्टरनेट मीडिया, डिजिटल मीडिया, सोशल मीडिया पर खबरें आती हैं आज इस सरकार ने उन आवाजों के दमन की भी बात की।
सोशल मीडिया पर सरकार को एक छत्र राज दे दिया है
इसमें आप जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म, आपके चैनल्स के, अखबारों के डिजिटल प्लेटफॉर्म भी शामिल हैं। आईटी अमेंडमेंट रूल इस सरकार ने नोटिफाई कर दिया है। ये जनवरी में ड्राफ्ट निकाला गया था और कंसल्टेंट्स की बात की गई थी। इसके बावजूद कोई व्यापक चर्चा इस पर नहीं हुई। जो स्टेक होल्डर्स हैं वो इस चर्चा से संतुष्ट नहीं हैं। इसके बाद भी रातों रात इसे नोटिफाई कर दिया जाता है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, ये आईटी अमेंडमेंट रूल तब नोटिफाई किया जा रहा है जब आईटी एक्ट 2021 पहले से ही कोर्ट में है। सुप्रीम कोर्ट के सामने है उसे अभी इस पर चर्चा करनी है और उसका संज्ञान लेना है। तो ऐसी क्या जल्दी है? और जो जनवरी में आया था उसमें फेक न्यूज के खिलाफ पीआईबी फैक्ट चेक करेगा अब और भी बड़ी बात कह दी गई है।
श्रीनेत के अनुसार, फेक न्यूज या मिस इंफॉर्मेशन जो केंद्र सरकार के खिलाफ है उस पर एक इंडिपेंडेट यूनिट जो सरकार के तहत रहेगी बॉडी वो फैक्ट चेक करेगी। सरकार ही कोतवाल है, सरकार ही मुजरिम है, सरकार ही जज है सरकार ही सब कुछ अपने बारे में करेगी। अगर आप कोई असहज सवाल सरकार के सामने उठाते हैं तो अब ट्विटर, फेसबुक, यूट्यूब, व्हाट्सएप तमाम ऐसे प्लेटफॉर्म पर सरकार ने अपने आप को एकाधिकार दे दिया है एक छत्र राज दे दिया है कि वो उनसे कह कर उस न्यूज़ को हटा सकती है।
सरकार ही कोतवाल है, सरकार ही मुजरिम है, सरकार ही जज है – कांग्रेस
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