राजस्थान में 1 नवंबर को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बुधवार को इसकी मंजूरी दे दी। सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव जोगाराम ने इसकी पुष्टि की है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की भाजपा शासित सरकारों ने 1 नवंबर को दिवाली का अवकाश घोषित किया है। राजस्थान में भी कर्मचारी संगठन 1 नवंबर को अवकाश घोषित करने की मांग कर रहे थे। कर्मचारी संगठनों ने 24 अक्टूबर को मुख्य सचिव सुधांश पंत को ज्ञापन भी सौंपा है। 31 अक्टूबर को दिवाली है। 2 अक्टूबर को गोवर्धन और 3 अक्टूबर को भैया दूज के कारण सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया था। इनके बीच 1 नवंबर कार्य दिवस था।
ऐसे में कर्मचारियों ने मांग की कि 1 नवंबर को सैंडविच-डे (2 छुट्टियों के बीच कार्य दिवस) के अवसर पर अवकाश घोषित किया जाए। विधानसभा सचिवालय ने अवकाश की घोषणा की। राज्य में विधानसभा सचिवालय ने 1 नवंबर को मंगलवार को ही अवकाश घोषित कर दिया था। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी के निर्देश पर प्रमुख सचिव भारत भूषण शर्मा ने इस संबंध में आदेश जारी किए थे।
दिवाली के बाद भाई दूज, गोवर्धन
दरअसल दिवाली के बाद गोवर्धन और भाई दूज त्योहार हैं। परेशानी उन कर्मचारियों को ज्यादा है जो घर से दूर रहकर काम कर रहे हैं और त्योहार मनाने के लिए अपने गांव जा रहे हैं। उन्हें एक दिन के लिए ही ऑफिस आना पड़ता। अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 1 नवंबर को अवकाश नहीं होने से सबसे ज्यादा परेशानी उन सरकारी कर्मचारियों को होती जिनके रिश्तेदार दूर-दराज के गांवों और शहरों में रहते हैं। लेकिन अब अवकाश घोषित होने से कर्मचारी अपने घर जाकर त्योहार अच्छे से मना सकेंगे।
वेतन अवकाश लेने में जुटे रहे कर्मचारी
कुछ कर्मचारियों ने अगले दिन के लिए पहले से ही वेतन अवकाश लेने की कोशिश शुरू कर दी थी। लेकिन अब कर्मचारियों में खुशी की लहर है। लेकिन 1 नवंबर को अवकाश घोषित होने से अब करीब 5 दिन की छुट्टी एक साथ मिल गई है। राजस्थान में ज्यादातर जगहों पर दिवाली 31 अक्टूबर को ही मनाई जा रही है। 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और 3 तारीख को भाई दूज होगी। ऐसे में जिन राज्यों में 1 नवंबर को दिवाली की छुट्टी घोषित है, वहां ऐसी कोई समस्या नहीं है। जिन राज्यों में 31 अक्टूबर को दिवाली मनाई जा रही है, वहां ऐसी समस्या हो रही थी।