साहिबाबाद। गाजियाबाद में कौशांबी थाना क्षेत्र की एक ट्रैवल एजेंसी की आईडी हैक करके ग्राहकों के 12 टिकट कैंसिल कर दिए। फ्लाइट की उड़ान भरने से करीब चार घंटे पहले यह टिकट कैंसिल किए गए। इसके बाद खाते में आए रिफंड से कई नए टिकट करवा लिए। एजेंसी के मालिक ने पुलिस से शिकायत की।
खुद जानकारी की तो पता चला कि साइट को कश्मीर के बारामूला से अक्टूबर 2024 को हैक किया था। उसको 60 हजार रुपये का नुकसान हुआ। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने तीन माह बाद रिपोर्ट दर्ज की है। कौशांबी थाने के पास अजय प्रकाश लोधी की एयर टूर एंड ट्रैवल कंपनी के नाम से एजेंसी है। उनकी कंपनी के कार्यालय कई प्रदेशों में हैं।
आईडी 8 अक्टूबर 2024 को हैक हुई
अजय प्रकाश ने बताया कि एजेंसी की आईडी आठ अक्टूबर 2024 को हैक हो गई। इसी आईडी से ग्राहकों की टिकट बुक करते थे। मोबाइल नंबर व दस्तावेज लगाते हैं। हैकर ने पहले उनकी आईडी पर किए गए ग्राहकों के टिकट कैंसिल किए। फिर खाते में आए रिफंड से अकासा और इंडिगो एयरलाइन की टिकटें बुक की। उनकी आईडी से अन्य एयरलाइन तक नहीं पहुंच सका।
पासवर्ड बदलकर OTP सिस्टम को लागू किया
28 अक्टूबर 2024 को पहली टिकट बुक की, फिर उसे रद्द कर दिया। 19 नवंबर 2024 को अंतिम टिकट बुक की। यह टिकट श्रीनगर से मुंबई के लिए कृष्णा बाबू चिंचवाडकर के नाम से बुक की थी। उन्हें आईडी हैक होने की जानकारी हुई तो उन्होंने आईडी का पासवर्ड बदलकर ओटीपी सिस्टम को लागू किया, तब हैकिंग बंद हुई।
साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की
इसके बाद ग्राहकों के तत्काल 12 नए टिकट कंपनी द्वारा किए गए। जिससे 60 हजार रुपये का नुकसान हुआ। मामले की शिकायत कौशांबी थाने में अक्टूबर में की थी। उन्हें साइबर क्राइम बताते हुए पोर्टल पर शिकायत करने को कहा। फिर साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत की। आईजीआरएस पर भी शिकायत करने के बाद उन्हें सात जनवरी 2025 को जवाब मिला। इसके बाद रिपोर्ट दर्ज हुई।
खुद जुटाई जानकारी
पीड़ित ने बताया कि शिकायत के बाद जब कहीं कार्रवाई नहीं हुई तो वह परेशान हो गए। उन्हें डर सताने लगा कि कहीं किसी आतंकी ने तो आईडी हैक करके टिकट नहीं किए हैं। उन्होंने हैक होने के दौरान आईडी से किए गए टिकट की जानकारी निकालनी शुरू की। तो एक टिकट में आरोपित का सही मोबाइल नंबर मिला। नंबर की जानकारी करने पर पता चला कि वह कश्मीर के बारामूला स्थित किसी ट्रैवल एजेंसी का है। इस एजेंसी का संचालक नूर खान बताया गया। उन्होंने पुलिस को इसकी जानकारी दी।
एजेंसी मालिक की शिकायत पर रिपोर्ट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है। प्राथमिक जांच में मामला ठगी का प्रतीत हो रहा है। लेकिन सभी बिंदुओं पर साइबर सेल की मदद से जांच की जा रही है।