फर्जी पासपोर्ट केस: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अब्दुल्ला आजम की दोनों याचिकाएं की खारिज

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प्रयागराज : सपा नेता और पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से झटका लगा है। फर्जी पासपोर्ट और दो पैन कार्ड मामले में दायर उनकी दोनों यायिकाओं को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। कोर्ट ने एक जुलाई को दोनों पक्षों की बहस सुनन के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाया। इस मामले में रामपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। 

अब्दुल्ला आजम खान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में दो अलग-अलग मामलों में दो याचिकाएं दाखिल की थीं। पहला मामला फर्जी पासपोर्ट से जुड़ा था, जबकि दूसरा मामला दो पैन कार्ड बनवाने से जुड़ा है। दोनों ही मामलों में अब्दुल्ला आजम खान ने याचिकाएं दाखिल कर रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहे ट्रायल में सम्पूर्ण कार्रवाई को रद्द करने के लिए की गुहार इलाहाबाद हाईकोर्ट से लगाई थी।

गलत जन्म तिथि पर फर्जी पासपोर्ट बनवाने के मामले में भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने 30 जुलाई 2019 को अब्दुल्ला आजम खान के खिलाफ गलत दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने का मुकदमा रामपुर के सिविल लाइन थाने में आईपीसी की धारा 468, 420,471, 467 और  भारतीय पासपोर्ट अधिनियम, 1920 की धारा 12(1ए) में मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप है कि अब्दुल्ला आजम के शैक्षिक प्रमाण पत्र और पासपोर्ट विभाग को दी गई जानकारी अलग-अलग है। 

विधायक आकाश सक्सेना ने दर्ज कराया था मुकदम

शिकायत के अनुसार, अब्दुल्ला को 10 जनवरी 2018 को पासपोर्ट संख्या जेड-4307442 जारी हुआ था। पासपोर्ट में अब्दुल्ला आजम की जन्म की तारीख 30 सितंबर 1990 बताई गई है जबकि शैक्षिक प्रमाण पत्रों में एक जनवरी 1993 है। वहीं दूसरे मामले में बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने अब्दुल्ला आजम खान और सपा नेता आजम खान के खिलाफ छह दिसंबर 2019 को रामपुर के सिविल लाइन थाने में दो पैन कार्ड रखने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। अब्दुल्ला के खिलाफ आईपीसी की धारा 120 B, 471, 468, 467 और 420 में मामला दर्ज हुआ था। 

आकाश सक्सेना का कहना था कि अब्दुल्ला आजम ने 2017 विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी शपथ पत्र में गलत पैन नंबर दर्ज किया था। आकाश सक्सेना ने आरोप लगाते हुए आजम खान को जालसाज और झूठा बताते हुए कहा था कि धोखाधड़ी कर आज़म खान ने चुनाव लड़ाने के लिए बेटे अब्दुल्ला आजम के दो पैन कार्ड बनवाए हैं। चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में अब्दुल्ला आजम ने बात छिपाई थी और एफिडेविट में अब्दुल्ला आजम ने पैन DWAPK7513R दिखाया और आईटीआर के दस्तावेजों में उन्होंने दूसरा पैन नंबर DFOPK6164K लिखा था। 

एमपी-एमएलए कोर्ट में चल रहा है केस

अब्दुल्ला के खिलाफ दर्ज दोनों मामलों में रामपुर जिले के एमपी-एमएलए कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। अब्दुल्ला आजम ने ट्रायल कोर्ट में चल रहे दोनों मामलों में अपने खिलाफ चल रही संपूर्ण कार्यवाई को रद्द करने की इलाहाबाद हाईकोर्ट से मांग की थी। शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना की तरफ से कोर्ट में अधिवक्ता शरद शर्मा और समर्पण जैन ने पक्ष रखा, वहीं अब्दुल्ला आजम खान की तरफ से अधिवक्ता इमरान उल्लाह और मोहम्मद खालिद ने तर्क पेश किए। जस्टिस समीर जैन की सिंगल बेंच ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। बुधवार कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।