मुजफ्फरपुर के बड़े स्क्रैप कारोबारी का हवाला से भी जुड़ाव सामने आया है। इससे हथौड़ी निवासी कारोबारी ने मोटा पैसा कमाया है। उसका अहियापुर में भी व्यवसाय है।
जीएसटी विभाग की अब तक की जांच में यह बात भी सामने आई है। सीजीएसटी अन्वेषण के डिप्टी कमिश्नर जीतेश कुमार की पूरी टीम उसकी कुंडली खंगालने में लगी हुई है।
हवाला के धंधे से भी कनेक्शन
हवाला के जरिए कमाई गई धन राशि और फर्जी ई-बिल बनाकर जीएसटी के करोड़ों रुपये के लगाए गए चपत की एक-एक जानकारी ली जा रही है। उसके जेल जाने के बाद इससे जुड़े हवाला कारोबारियों में हड़कंप मच गया है।
सभी ने अपने मोबाइल बंद कर लिए हैं। सभी का छह महीना, साल भर पहले का सारा लेनदेन के साथ काल डिटेल निकाला जा रहा है। जांच में यह भी पता चला कि सरकार का अधिक से अधिक पैसा चोरी करने के लिए ई-बिल बनाकर 200 करोड़ से अधिक का कारोबार किया था।
यह जानकारी भी मिली है कि जितनी भी फर्जी कंपनियां बनाकर जीएसटी की चोरी कर रहा था, उसके मोबाइल नंबर अलग-अलग होते थे। आइडी एक ही थी। गांव और आसपास के इलाके में हाल के खरीदी गई जमीन के कागजात का भी पता किया जा रहा है।
हवाला के पैसों की लेनदेन के दौरान एक बार मोटी रकम अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया था। उन सारे चीजों की भी जानकारी अधिकारी को मिल चुकी है।
कबाड़ की आड़ में गड़बड़झाला
कबाड़ कारोबार से जुड़े कुछ लोगों का कहना है कि ऐसे ही कोई अरबपति नहीं बन जाता है। फर्जी सेल कंपनियां बनाकर ई-बिल के सहारे जीएसटी की चोरी तो कर ही रहा था, इसकी आड़ में और कई धंधा फल-फूल रहा था।
अहियापुर पुराना थाना के सामने बड़ा गोदाम है और इसका एक भाई पंजाब में बैठकर कारोबार देखता है। कुछ स्थानीय लोगों का कहना है कि रात के अंधेरे में ट्रक से सरिया आदि उतारा जाता था। हो न हो वह कहीं से किसी निर्माण हो रहे जगहों से चुराया गया हो।