Monday, December 23, 2024
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बाबा साहब के सहारे हारी सीटों को साधेगी भाजपा

भोपाल । भाजपा की सरकार को 2018 में मध्यप्रदेश में हार का सामना करना पड़ा था। वजह ग्वालियर-चंबल संभाग बना था, जहां पार्टी को बड़ा नुकसान हुआ था। 34 में से सिर्फ सात सीटें ही भाजपा जीत सकी थी। हालांकि, उस समय कांग्रेस के चेहरा रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया अब शिवराज के बगल में खड़े होकर वोट मांगेंगे। इसके बाद भी पार्टी कोई कसर नहीं छोडऩा चाहती। वह इस इलाके के अनुसूचित जाति वोटों को हासिल करने के लिए बाबा साहब यानी डॉ. भीमराव अंबेडकर का सहारा लेगी।
यूं तो अंबेडकर का सहारा भाजपा ने पहले भी लिया है, लेकिन इस बार मौका खास है। 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है और इस दिन के लिए भाजपा ने कई आयोजनों की योजना बनाई है। महू में मुख्य आयोजन होगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान यहां मौजूद रहेंगे। इसके बाद 16 अप्रैल को ग्वालियर में अंबेडकर महाकुंभ का आयोजन होगा, जिसके जरिये मुख्यमंत्री एक बार फिर अनुसूचित जाति वर्ग से मुखातिब होंगे। खास बात यह है कि फरवरी में शिवराज सरकार की विकास यात्राओं की शुरुआत रविदास जयंती से हुई थी और मुख्यमंत्री ने इसके लिए भिंड को ही चुना था। गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा की माने तो 16 अप्रैल को ग्वालियर में बाबा साहब अंबेडकर महाकुंभ आयोजित होगा। इसमें मुख्यमंत्री और सभी मंत्री मौजूद रहेंगे। यह अंतिम पक्ति के व्यक्ति तक सरकार की बात पहुंचाने और उनकी बात सुनने के लिए आयोजित किया गया है। इससे उनके बीच कोई भ्रम ना रहे।

अहम है ग्वालियर-चंबल संभाग
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को सबसे बड़ा झटका ग्वालियर-चंबल संभाग में ही लगा था। 2013 में भाजपा ने इस क्षेत्र में 34 में से 20 सीटें जीती थी, जबकि 2018 में वह सिमटकर सात सीटों पर रह गई थी। कांग्रेस ने 2013 में 12 और 2018 में 27 सीटें हासिल की थी। इस लिहाज से यह क्षेत्र भाजपा के लिए चुनौती बना हुआ है। उसके लिए राहत की बात यह है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया ने 2018 में कांग्रेस को ताकत दी थी और अब वे भाजपा के साथ हैं।

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा मजबूत स्थिति में थी
2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ग्वालियर-चंबल संभाग में काफी मजबूत स्थिति में थी। भाजपा का 34 सीटों में से 20 सीटों पर कब्जा था। कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। बसपा को दो सीटों पर संतोष करना पड़ा था। इसी बीच एट्रोसिटी का मुद्दा उठा। इस मुद्दे से सबसे अधिक ग्वालियर-अंचल प्रभावित रहा। उपद्रव में सात लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद 2018 के विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल अंचल की तस्वीर ही बदल गई। भाजपा 20 सीटों से सिमटकर सात सीटों पर रह गई और कांग्रेस को इसका फायदा मिला। कांग्रेस 12 से बढ़कर 27 पर पहुंच गई। इसी बढ़त के कारण कांग्रेस 15 साल बाद भाजपा को सरकार से बाहर करने में सफल हुई। वर्ष 2019 में ज्योतिरादित्य सिंधिया के पाला बदलने से राजनीतिक समीकरण बदले और उपचुनाव हुए। इस उपचुनाव में सिंधिया के साथ होने के बाद भी भाजपा को अपेक्षा के अनुरूप सफलता नहीं मिली। कांग्रेस से नौ सीटें जरूर भाजपा सिंधिया के साथ आए नेताओं के माध्यम से छीनने में सफल रही।

अनुसूचित वर्ग को मनाने के लिए कवायद
भाजपा अनुसूचित वर्ग को अपने साथ जोडऩे के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। उपचुनाव के बाद अनुसूचित मोर्चा का के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्य भिंड जिले के पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य को सौंपा गया। संत रविदास जयंती पर भिंड जिले से प्रदेश सरकार की विकास यात्रा का श्रीगणेश मुख्यमंत्री ने किया। एट्रोसिटी को लेकर हुई हिंसा में नामजद लोगों के खिलाफ दर्ज प्रकरण वापस लेने की घोषणा सरकार ने की है। इसी खाई को पटाने के लिए भाजपा अब डा़ आंबेडकर जयंती पर 16 अप्रैल को मेला ग्राउंड में महाकुंभ का आयोजन कर प्रदेशभर के अनुसूचित वर्ग के बड़े नेताओं को जोड़ेगी।

अनुसचित वर्ग को मिल सकती है सौगात
इस महाकुंभ में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अनुसूचित वर्ग को रिझाने के लिए कोई बड़ी घोषणा भी कर सकते हैं। सरकार के साथ संगठनस्तर पर भाजपा ने बड़ी संख्या में महाकुंभ में अनुसूचित वर्ग को लाने की तैयारी शुरू कर दी है। इस संबंध में संगठनस्तर पर बैठकों के दायित्व सौंपे जाने का सिलसिला शुरू हो गया है।

महू में जुटेंगे सभी पार्टियों के नेता
मध्यप्रदेश में अंबेडकर जयंती पर प्रदेशभर में कार्यक्रम होंगे। 14 अप्रैल को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महू में डॉ. अंबेडकर के स्मारक पर कार्यक्रम में शामिल होंगे। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी महू जाएंगे। कांग्रेस पार्टी आष्टा में बड़ा कार्यक्रम करने वाली है। भीम आर्मी चंद्रशेखर आजाद के साथ समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी और जयस नेताओं को एकमंच पर लाएगी। बसपा भी प्रदेश भर में कार्यक्रम करेगी।

विंध्य को साधेंगे पीएम
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह दो महीने पहले सतना आए थे। अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को रीवा आने वाले हैं। प्रधानमंत्री पंयायत राज कार्यक्रम और छह हजार करोड़ रुपये की जल जीवन मिशन की बाणसागर समूह जल प्रदाय परियोजना फेस-2 का शुभारंभ करेंगे। इस क्षेत्र में बड़े नेताओं के दौरो से चर्चा है कि विंध्य क्षेत्र में केंद्रीय नेतृत्व को भी उथल-पुथल का डर है। 2018 में विंध्य की 30 सीटों में से 25 सीटें भाजपा ने जीती है। इसके बाद भी क्षेत्र की उपेक्षा के कारण लोगों में नाराजगी है। क्षेत्र में आम आदमी पार्टी की बढ़ती सक्रियता ने भी भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। सिंगरौली में आम आदमी पार्टी ने महापौर का चुनाव जीता है। रीवा और सतना में भी पार्टी का प्रसार बढ़ रहा है।

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